केंद्र सरकार ने जताई Vodafone Idea को BSNL MTNL के साथ मर्ज ना करने इच्छा

कुमार मंगलम बिड़ला द्वारा दिए गए बयान के बाद अब केंद्र सरकार ने कर्ज के बोझ टेल दबी टेलिकॉम कंपनी Vodafone Idea को सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL MTNL के साथ मर्ज ना करने पर सहमति जताई है।
केंद्र सरकार ने जताई Vodafone Idea को BSNL MTNL के साथ मर्ज ना करने इच्छा
केंद्र सरकार ने जताई Vodafone Idea को BSNL MTNL के साथ मर्ज ना करने इच्छाKavita Singh Rathore -RE

राज एक्सप्रेस। नुकसान के चलते बीते सालों के दौरान Vodafone और Idea कंपनियां मिलकर साल 2018 में एक होकर Vodafone Idea Limited में कन्वर्ट हो गईं। कन्वर्ट होने के बाद भी कंपनी की मुश्किलें खत्म नहीं हुईं हैं। बल्कि, पिछले कुछ दिनों के दौरान देखा जाए तो, कंपनी की मुश्किलें और अधिक बढ़ती ही चली गई है। क्योंकि, पिछले दिनों कुमार मंगलम बिड़ला ने कंपनी की कुछ प्रतिशत हिस्सेदारी किसी सरकारी या घरेलू फाइनेंशियल कंपनी को देने का फैसला लिया था। हालांकि, केंद्र सरकार ने Vodafone Idea को सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL MTNL के साथ मर्ज ना करने पर सहमति जताई है।

केंद्र सरकार ने जताई मर्ज ना करने इच्छा :

दरअसल, पिछले काफी समय से टेलिकॉम कंपनी Vodafone Idea कर्ज के बोझ से दबी है और लगातार नुकसान उठा रही है। ऐसे में कंपनी को बंद होने से बचाने की तमाम कोशिशें जारी है, लेकिन इसी बीच केंद्र सरकार ने Vodafone Idea Limited को सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) में विलय ना करने की इच्छा जताई है। इस मामले में जानकारी केंद्र सरकार के कई उच्च पदस्थ सूत्रों के माध्यम से सामने आई है। बता दें, केंद्र सरकार का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब Vodafone Idea के कुमार मंगलम बिरला ने बीते दिनों कंपनी को सरकारी कंपनी में मर्ज करने की बात करते हुए कहा था कि, 'वह अपनी 27% हिस्सेदारी किसी को भी सौंप कर राष्ट्रहित में वोडाफोन आइडिया लिमिटेड को बचाना चाहते हैं।'

केंद्र सरकार के सूत्रों से मिली जानकारी :

केंद्र सरकार के सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, 'Vodafone Idea कर्ज से जूझ रही कंपनी है। इसके साथ ही उसे कारोबार में नुकसान हो रहा है। इसका सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL MTNL में विलय नहीं करने के पीछे कई कारण है और उसके पीछे मजबूत तर्क है। इस वजह से इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया है। Vodafone Idea के साथ सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि उसे अपने कारोबार उसने अपने कारोबार के प्रबंधन में लचर नीतियां अपनाई हैं। ऐसा लगता है कि इस समय Vodafone Idea सरकार के राहत पैकेज पाने के हिसाब से ही कामकाज कर रही है।'

वरिष्ठ अधिकारी का कहना :

उधर केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि, "हम वोडाफोन आइडिया लिमिटेड का बीएसएनएल एमटीएनएल के साथ मर्जर कैसे कर सकते हैं? यह वास्तव में मुनाफे का निजी करण और नुकसान का राष्ट्रीयकरण साबित हो सकता है।"

डोएचे बैंक की रिपोर्ट :

डोएचे बैंक ने एक रिपोर्ट में कहा है कि, 'अगर vodafone-idea का सरकारी टेलिकॉम कंपनी बीएसएनएल एमटीएनएल के साथ मर्जर हो जाता है तो वोडाफोन आइडिया के शेयर होल्डर पर बोझ बहुत कम हो जाएगा। सरकारी टेलिकॉम कंपनी के मौजूदा मार्केट कैप का 6 गुना के करीब उस पर सरकारी कर्ज है। इस तरह का कोई समाधान vodafone-idea के शेयर होल्डर को आसानी से स्वीकार्य हो सकता है।'

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