राज एक्सप्रेस। दुनियाभर की जानी मानी ई-कॉमर्स कंपनी Amazon की ने ऑनलाइन फॉर्मेसी के क्षेत्र में अपनी पकड़ बनाने के लिए बेंगुलुरू से ऑनलाइन फॉर्मेसी की शुरुआत की है। परंतु यह बात मेडिकल स्टोर इंडस्ट्री को बिल्कुल पसंद नहीं आई इसलिए मेडिकल इंडस्ट्री ने इसका विरोध किया है। इसी विरोध को लेकर ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगस्टिस (AIOCD) के प्रेसिडेंट ने एमेजॉन के फाउंडर जेफ बेजोस को एक पत्र लिखी है।
प्रेसिडेंट का पत्र :
दरअसल, अमेजन ने ऑनलाइन फॉर्मेसी में कदम रखने का पूरा मन बना लिया है। परंतु इससे बौखलाई ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगस्टिस (AIOCD) संस्था के प्रेसिडेंट जेएस शिंदे ने बड़ा कदम उठाते हुए मेजॉन के फाउंडर जेफ बेजोस को एक पत्र लिखते हुए उनके इस कदम को गैरकानूनी बताया है। संस्था का कहना है कि, भारत में दवा बेचने के लिए रिटेलरों को लाइसेंस की आवश्यकता होती है। उन्हें उन सभी राज्यों से लाइसेंस लेने की जरूरत होती है, जिन- जिन राज्यों में वह दवा की बिक्री करेंगी। इसके अलावा एमेजॉन के मार्केट प्लेस में जो भी दवा बेचेगा उसे लाइसेंस की जरूरत पड़ेगी।
कंपनी का मकसद :
बताते चलें, Amazon कंपनी ने बेंगलुरू में अपनी ऑनलाइन फार्मेसी की शुरुआत की है। ऑनलाइन फार्मेसी की लाइन में कंपनी का कदम रखने का मकसद इस कोरोना जैसे संकटकाल में ग्राहकों के घर तक दवा मुहैया कराना है। कंपनी ओवर द काउंटर मेडिसिन, बेसिक हेल्थ डिवाइस और सर्टिफाइड आयुर्वेद दवा कंपनियों की दवाइयों की बिक्री ग्राहकों को करेगी।
सरकार से मिली Amazon को मंजूरी :
Amazon कंपनी के मुताबिक, सरकार ने कोविड-19 के दौरान दवाओं की होम-डिलीवरी को मंजूरी दे दी है। बताते चलें, अमेजन ने भारत के कर्नाटक राज्य की राजधानी बैंगलोर में अपनी ऑनलाइन फार्मेसी लॉन्च कर दी है। साथ ही कंपनी ने बैंगलोर में ओवर-द-काउंटर और प्रिस्क्रिप्शन-आधारित दवाओं के ऑर्डर लेने की शुरुआत भी कर दी है। कंपनी अपने प्लेटफॉर्म से पारंपरिक हर्बल दवाओं और कुछ स्वास्थ्य उपकरणों जैसे कि ग्लूकोज मीटर, नेबुलाइज़र और हैंडहेल्ड मसाजर्स की बिक्री करेगी।
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