आयुर्वेद क्लीनिकल रिसर्च स्टडीज व आयुष संजीवनी एप्लिकेशन की शुरूआत

कोविड-19 के उपचार के लिए अतिरिक्त मानक देखभाल के रूप में आयुर्वेद से जुड़ी पद्धतियों पर क्लीनिकल रिसर्च स्टडीज और आयुष संजीवनी एप्लिकेशन की संयुक्त रूप से शुरुआत की है।
Clinical Research Studies and Ayush Sanjivani App Launched
Clinical Research Studies and Ayush Sanjivani App LaunchedSyed Dabeer Hussain - RE

राज एक्सप्रेस। केन्द्रीय परिवार कल्याण और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और आयुष राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने कोरोना वायरस (कोविड-19) के उपचार के लिए अतिरिक्त मानक देखभाल के रूप में आयुर्वेद से जुड़ी पद्धतियों पर क्लीनिकल रिसर्च स्टडीज और आयुष संजीवनी एप्लिकेशन की संयुक्त रूप से शुरुआत की है। वहीं, इस अवसर पर डॉ. हर्षवर्धन ने अपने विचार प्रकट किए।

डॉक्टर ने बताया :

डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि, एक मानक, अग्रगामी और सक्रिय दृष्टिकोण के माध्यम से, भारत सरकार कोविड-19 की रोकथाम और प्रबंधन के लिए कई कदम उठा रही है। उच्चतम स्तर पर इनकी नियमित रूप से समीक्षा और निगरानी की जा रही है। आयुर्वेद के बारे में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया है कि,

''भारत में पारंपरिक चिकित्सा का लंबा इतिहास रहा है, और आयुर्वेद के क्षेत्र में अग्रणी होने के नाते, आयुष मंत्रालय आयुष प्रणालियों के नैदानिक अध्ययन के माध्यम से देश में कोविड-19 महामारी की समस्या का समाधान करने के लिए काम कर रहा है।"

स्वास्थ्य मंत्री

स्वास्थ्य मंत्री का कहना :

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा कि, "आयुष मंत्रालय द्वारा विकसित आयुष संजीवनी मोबाइल ऐप, कोविड की रोकथाम के लिए आयुष चिकित्सा प्रणालियों के उपयोग की स्वीकृति तथा जनसंख्या के बीच इसके प्रभावों से जुड़े डेटा बनाने में काफी उपयोगी होगा।"

आयुष मंत्री का कहना :

इस अवसर पर आयुष मंत्री ने गोवा से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम में कहा कि, "आयुष मंत्रालय ने आयुष प्रणालियों के नैदानिक अध्ययन के माध्यम से देश में कोविड-19 महामारी की समस्या के समाधान के लिए पहल की है और उच्च जोखिम वाली आबादी पर आयुष आधारित रोगनिरोधक उपायों के प्रभाव का भी अध्ययन किया है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय लोगों के बीच कोविड की रोकथाम के लिए आयुष के प्रभाव का भी आंकलन कर रहा है। आयुष मंत्रालय ने समस्या के बेहतर समाधान को खोजने और बीमारी की रोकथाम के लिए आयुष की भूमिका का आंकलन करने के लिए चार नैदानिक और जनसंख्या आधारित अध्ययन किए हैं।"

आयुष मंत्रालय के सचिव ने बताया :

आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश राजेश कोटेचा ने बताया कि, मंत्रालय ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. भूषण पटवर्धन की अध्यक्षता में विशेषज्ञों के एक समूह वाले अतंरविषयी आयुष अनुसंधान एवं विकास कार्यबल का गठन किया है जो इस पहल के लिए रणनीति बनाने का काम करेगा। आयुष मंत्रालय में संयुक्त सचिव, पी.एन.रंजीत कुमार ने कोविड से संबंधित तीन आयुष आधारित अध्ययनों के बारे में विस्तार से बताया और इससे जुड़ी एक प्रस्तुति दी।

उन्होंने संजीवनी ऐप के बारे में भी जानकारी दी और आयुर्वेद के लाभ के बारे में बताया। तीन आयुष आधारित अध्ययनों के बारे में बात करते हुए उन्होंने ऐसे विचारों को विकसित करने के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि इन्हें वास्तविकता में बदलने के लिए क्राउड सोर्सिंग, टास्क फोर्स बनाने तथा एसजीपीजीआई, एम्स, आईसीएमआर और सीएसआईआर जैसे विभिन्न संस्थानों को एक साथ लाने की जरूरत पर बल दिया।

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