इको-फ्रेंडली ट्रांसपोर्टेशन को बढ़ावा देने के लिए 24000 करोड़ रुपए निवेश करेगी कोल इंडिया
हाईलाइट्स
कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में बताया है कि वह 61 फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी (एफएमसी) प्रोजेक्ट्स में इस धनराशि को खर्च करेगी
खदानों से निकलने वाले कोयले को नजदीकी ट्रांसपोर्टेशन सेंटर तक पहुंचाने से संबंधित ये परियोजनाएं तीन चरणों में पूरी की जाएंगी
राज एक्सप्रेस। पर्यावरण अनुकूल कोल ट्रांसपोर्टेशन को बढ़ावा देने के लिए कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने अगले कुछ सालों में 24,750 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है। कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में बताया है कि वह 61 फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी (एफएमसी) प्रोजेक्ट्स में इस धनराशि को खर्च करेगी। कंपनी ने बताया कि खदानों से निकलने वाले कोयले को नजदीकी ट्रांसपोर्टेशन सेंटर तक पहुंचाने से संबंधित ये परियोजनाएं तीन चरणों में पूरी की जाएंगी। एफएमसी प्रोजेक्ट्स पूरी होने पर इनकी कुल वहन क्षमता 76.35 करोड़ टन होगी।
कोल ट्रांसपोर्टेशन का इको-फ्रेंडली होना जरूरी
कोल इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोल ट्रांसपोर्टेशन का इको-फ्रेंडली होना बहुत जरूरी है, ताकि कोयला खदानों के आसपास रहने वाले लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाया जा सके। उन्होंने कहा ये परियोजनाएं कोयले की धूल से होने वाले प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के साथ-साथ सड़क पर परिवहन के दबाव को भी कम करेंगी। इससे पर्याप्त मात्रा में और गुणवत्ता वाले कोयले का लदान किया जा सकता है।
दुनिया की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी है कोल इंडिया
दुनिया की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी की योजना है कि पहले चरण में 35 एफएमसी प्रोजेक्ट्स पर 10,750 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इनकी वहन क्षमता 41.45 करोड़ टन होगी। इनमें से 11.2 करोड़ टन क्षमता वाली 8 परियोजनाएं पहले से ही चालू हो चुकी हैं। कंपनी के बयान में बताया गया है कि कोल इंडिया 17.8 करोड़ टन क्षमता वाली 17 अन्य परियोजनाओं को भी चालू करने की तैयारी में है। कंपनी सूत्रों के अनुसार पहले चरण में बाकी 10 परियोजनाओं का काम 2024-25 तक शुरू होने की संभावना है।
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