हाइलाइट्स :
चाइना के शेयर मार्केट में दर्ज की गई भारी गिरावट
चाइना की करेंसी में आई गिरावट
13 साल में कभी चाइना में इतनी गिरावट दर्ज नहीं की गई
ऑयल मार्केट पर भी पड़ रहा कोरोना वायरस का असर
27 साल पहले कार्टून प्रोग्राम ने की थी कोरोना वायरस की भविष्यवाणी
राज एक्सप्रेस। कोरोना जैसे गंभीर वायरस के चलते दुनिया के 18 देश बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। इस वायरस का असर न केवल इनकी चपेट में आये लोगों की जान पर हो रहा है बल्कि देशों के शेयर मार्केट और ऑयल मार्केट (तेल बाजार) पर भी पड़ रहा है। जहां सोमवार को चाइना के शेयर मार्केट में भारी गिरावट दर्ज की गई वहीं, ऑयल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें भी बहुत ही तेजी से गिरती नजर आईं। चाइना के ऑयल मार्केट में तेल की मांग में आई गिरावट का मुख्य कारण कोरोना वायरस है, क्योंकि इस वायरस के चलते पूरे देश के कई क्षेत्रों में काम-काज पूरी तरह से रुक गया है जिसके कारण यह कमी आई है। इसके अलावा बताया जा रहा है कि, एक कार्टून प्रोग्राम के जरिये कोरोना वायरस की भविष्यवाणी 27 साल पहले ही कर दी गई थी।
शेयर मार्केट में भारी गिरावट :
दरअसल, कोरोना वायरस के चलते सोमवार को चीन में शेयर मार्केट में बहुत भारी गिरावट दर्ज की गई थी जो, पिछले 13 साल में कभी इतना नहीं गिरा। इतना ही नहीं चाइना का शंघाई कम्पोजिट इंडेक्स 7.7% की गिरावट के साथ एक साल के निचले स्तर पर पहुंच गया था। वहीं, शेनझेन कंपोजिट इंडेक्स में 8.5% की गिरावट दर्ज की गई। इन दोनों इंडेक्स में दर्ज की गई गिरावट के चलते निवेशकों को 32 लाख करोड़ रुपए (445 अरब डॉलर) का नुकसान हुआ है।
चाइना की करेंसी में आई गिरावट :
चाइना में केंद्रीय बैंक द्वारा सिस्टम के लिए 12 लाख करोड़ रुपए बढ़ाए गए इसके बावजूद भी सोमवार को चाइना की करेंसी में गिरावट दर्ज की गई। यहां की करंसी में युआन 1.5% की गिरावट के साथ 7 युआन प्रति डॉलर के नीचे पहुंच गई। इन परिस्थितयों को देखते हुए ही चाइना के केंद्रीय बैंक ने सिस्टम में नकद को बढ़ाने का फैसला लिया था। परन्तु इसका कोई असर नजर नहीं आ रहा है।
बैंकों की ब्याज दरें घटी :
चाइना ने कोरोना वायरस के बुरे असर से इकोनॉमी को बचाने के लिए कई कदम उठाये हैं। इन कदम के तहत ही चाइना की सरकार ने बैंको से मिलने वाले ब्याज की दरें भी घटा दी हैं। सरकार ने यह कदम ज्यादा प्रभावित इलाकों के प्रमुख बैंकों के लिए उठाया है। बताते चलें, चाइना की इकोनॉमी को पीछे तीन महीने में 2.29 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होने की आशंका बताई जा रही है। कोरोनावायरस के चलते मात्र चाइना में ही कितना नुकसान हुआ है उसका अनुमान लगाना अभी मुश्किल है। परन्तु कई अर्थशास्त्रियों का ख्याल है कि, चालू तिमाही में चाइना की GDP ग्रोथ 2% घटी है। 2% की GDP ग्रोथ घटने का मतलन GDP को सीधे 2.29 लाख करोड़ रुपए का नुकसान।
ऑयल मार्केट में भारी गिरावट :
जानलेवा कोरोना वायरस का बुरा असर अब ऑयल मार्केट पर भी पड़ रहा है। कोरोना वायरस के चलते ही चाइना सहित चाइना के पड़ोसी देशों में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। इस कमी के कारण तेल की वैश्विक मांग में भी कमी दर्ज की गई। कोरोना वायरस के कारण मात्र चाइना में ही होने वाली तेल खपत में 20% तक की गिरावट दर्ज की जा चुकी है। इसी कमी के चलते ही मंगलवार को कच्चे तेल की फ्यूचर प्राइस 50 डॉलर प्रति बैरल के भी निचले स्तर पर पहुंच गई जो, पिछले एक साल का सबसे न्यूनतम स्तर है।
कच्चे तेल का असर पेट्रोल-डीजल पर :
कच्चे तेल की कीमतों में दर्ज की गई भारी गिरावट का सीधा असर पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर पड़ता है। अर्थात आने वाले समय में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में गिरावट दर्ज की जा सकती है। वहीं, मंगलवार को सुबह साढ़े चार बजे क्रूड ऑयल का WTI का फ्यूचर प्राइज लगभग 49.78 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेंड करता नजर आया। जो कि, पिछले एक साल का सबसे न्यूनतम स्तर है। क्रूड ऑयल का फ्यूचर प्राइज आज 49.92 बैरल प्रति लीटर दर्ज किया गया। यही प्राइज सुबह 9 बजे तक 49.66 डॉलर प्रति लीटर से 50.59 डॉलर प्रति लीटर के बीच ट्रेंड करती नजर आई थी। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि, क्रूड ऑयल का फ्यूचर प्राइस 50.11 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ होगा।
ब्रेंट ऑयल की कीमतें :
मंगलवार को सुबह सवा तीन बजे ब्रेंट ऑयल की कीमतें 54.14 डॉलर प्रति बैरल दर्ज की गई। जबकि कुछ ही देर बाद यह कीमतें 54.18 डॉलर प्रति औंस पर पहुंची और यही कीमतें सुबह 9 बजे 53.95 डॉलर प्रति बैरल से 54.86 डॉलर प्रति बैरल के बीच में ट्रेंड करती नजर आई। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि, ब्रेंट ऑयल का फ्यूचर प्राइस 54.45 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ होगा।
27 साल पहले हो गई थी भविष्यवाणी :
अमेरिका के एक कार्टून प्रोग्राम "द सिम्पसन्स" (The Simpsons) द्वारा आज से 27 साल पहले ही कोरोना वायरस की भवष्यवाणी कर दी गई थी। दरअसल यह एक कार्टून प्रोग्राम है और इसमें 27 साल पहले दिखाए गए एक एपिसोड में एशिया के एक देश में अकोसा नाम का जहरीला वायरस फैलते हुए दिखाया गया था। लोग इस वायरस को काफी हद तक कोरोना वायरस से जोड़ कर देख रहे हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि, इस प्रोग्राम में अकोसा वायरस के जो भी लक्षण दिखाए गए थे वो सभी लक्षण कोरोना वायरस के हैं। इसे जॉर्डन (Jordan Coombe) ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर शेयर भी किया है।
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