फिर बढ़ सकती पेट्रोल-डीजल की कीमत,10 साल के उच्च स्तर पर पहुंची कच्चे तेल की कीमतें

बीते 10 सालों में पहली बार कच्चे तेल की कीमतें इस कदर बढ़ी की वह अपने 10 सालों के उच्चतम स्तर पहुंच गई है। इस बढ़ोतरी से पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ने के भी आसार नजर आ रहे है।
10 साल के उच्च स्तर पर पहुंची कच्चे तेल की कीमतें
10 साल के उच्च स्तर पर पहुंची कच्चे तेल की कीमतेंSyed Dabeer Hussain - RE

राज एक्सप्रेस। बीते सालों में देश में कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन के कारण देशों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। हालांकि, उस समय कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई थी, लेकिन पिछले साल तेल की कीमतों में काफी बढ़त दर्ज हुई थी। जो दुनियाभर में अपने उच्च स्तर पर जा पहुंची थी। वहीं, अब बीते 10 सालों में पहली बार कच्चे तेल की कीमतों में इस कदर बढ़त दर्ज की गई है कि, वह अपने 10 सालों के उच्चतम स्तर पहुंच गया है। इस बढ़ोतरी से पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ने के भी आसार नजर आ रहे है।

तेल की कीमतें पहुंची उच्च स्तर पर :

दरअसल, बीते सालों में लॉकडाउन के दौरान तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई थी तब भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार बढ़त दर्ज हुई थी। उसके बाद से देश में लगातार भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ती ही गई। हालांकि, इस साल की शुरुआत से अब तक पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बहुत ज्यादा बढ़त दर्ज नहीं हुई है, लेकिन ऐसे में ये खबर सामने आई है कि, दुनियाभर में तेल की कीमतें 10 साल बाद अपने उच्च स्तर पर पहुंच गई है। यानी आज शनिवार 11 जून 2022 को दस साल में पहली बार अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 121.28 डॉलर प्रति बैरल पर जा पहुंची हैं। इस प्रकार अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की यह कीमतें साल 2012 के बाद की सबसे अधिक कीमतें बताई जा रही हैं।

गुरुवार को दर्ज हुई बढ़त के बाद :

भारत के लिए क्रूड कॉस्ट यानी कच्चे तेल की लागत (crude cost) गुरुवार को बढ़कर 121.28 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई थी, जबकि यही कीमत 9 मार्च 2012 के 125.1 डॉलर प्रति बैरल पर उच्चतम स्तर पर थी। इससे जून में मंथली एवरेज 118.3 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचा। जबकि, अप्रैल, 2012 में यह कीमत 118.6 डॉलर प्रति बैरल पहुंची थी। देश में अंतिम 6 अप्रैल को पेट्रोल और डीजल की कीमत अंतरराष्ट्रीय कीमत के आधार बदली गई थी। हालांकि, पिछले महीने सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती की थी। इसके बाद देश के कई शहरों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये और डीजल की कीमत 90 रुपये के ऊपर निकल गई थी।

कीमत में बढ़त से तेल कंपनियों का मुनाफा प्रभावित :

बताते चलें, केंद्र सरकार ने 22 मई को एक्साइज ड्यूटी में कटौती कर वाहन चालकों को काफी राहत दी है। एक्साइज ड्यूटी में कटौती पेट्रोल पर 8 रुपये और डीजल पर 6 रुपये घटाए गए थे। हालांकि, इस फैसले से सरकारी खजाने पर सालाना एक लाख करोड़ रुपये का बोझ बढ़ गया है। बता दें, कच्चे तेल की कीमत में होने वाली इस बढ़त से सरकारी तेल कंपनियों का मुनाफा प्रभावित होने के पूरे चांस है।

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