रक्षामंत्री ने किया देश की पहली 'मेक-इन-इंडिया' चालक रहित मेट्रो का उद्घाटन
रक्षामंत्री ने किया देश की पहली 'मेक-इन-इंडिया' चालक रहित मेट्रो का उद्घाटनSocial Media

रक्षामंत्री ने किया देश की पहली 'मेक-इन-इंडिया' चालक रहित मेट्रो का उद्घाटन

शुक्रवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह बैंगलोर स्थित BEML कंपनी की यूनिट में देश की पहली मेक इन इंडिया चालक रहित मेट्रो ट्रेन का उद्घाटन करने पहुंचे।

बैंगलोर। भारत अब तकनीकी क्षेत्र में तेजी से तरक्की कर रहा है। अब भारत में ऐसी चीजें भी देखने को मिल रही जो अब तक या तो विदेशों में देखी गई थीं या जिसकी हमने बस कल्पना ही की थी। जैसे हवा में उड़ने वाली टैक्सी और चालक रहित मेट्रो ट्रेन। जी हां, अब भारत में भी चालक रहित मेट्रो ट्रेने चलती नजर आने लगी है। क्योंकि, शुक्रवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह बैंगलोर स्थित BEML कंपनी की यूनिट में देश की पहली मेक इन इंडिया चालक रहित मेट्रो ट्रेन का उद्घाटन करने पहुंचे।

चालक रहित मेट्रो ट्रेन का उद्घाटन :

दरअसल, आज केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उत्पादन केंद्र का दौरा करने बेंगलुरु स्थित BEML (Bharat Earth Movers Limited) पहुंचे। वहां पहुंच कर उन्होंने देश की पहली 'मेक-इन-इंडिया' या कहे स्वदेशी भारत में तैयार की गई चालक रहित मेट्रो ट्रेन का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने अपने कुछ विचार प्रकट किए।

रक्षा मंत्री का कहना :

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि, 'मुझे उस शानदार कार्य पर गर्व है जो BEML में इंजीनियरों और टेक्नीशियनों की टीम कर रही है। ये आत्मनिर्भर भारत के सच्चे योद्धा हैं, जो भारत को विकास के पथ पर आगे ले जा रहे हैं। आप लोगों के दिन रात की परिश्रम से बनी अनमैन्ड मेट्रो (मानव रहित मेट्रो) का अनावरण करके मुझे बड़ी खुशी हुई। आजादी के बाद भारत में जो सामाजिक-आर्थिक प्रगति आई है उसमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

'पूंजी निर्माण हो, रोजगार के अवसर हों या आर एंड डी को प्रोत्साहित करना हो, सभी क्षेत्रों में पीएसयू ने अहम भूमिका निभाई है। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत सरकार ने हाल ही में कुछ नीतियों में बदलाव किए हैं, जिनसे आप परिचित हैं, इसमें रक्षा उत्पादन और निर्यात प्रोत्साहन नीति (DPEPP) और नई रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (DAP) का निर्माण आदि शामिल है। हाल ही में हुई 50 हजार करोड़ रुपये कीमत के 83 तेजस लड़ाकू विमानों की खरीद इस दिशा में एक बड़ा कदम साबित हुआ है। इससे 50 हजार रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। 500 एमएसएमई और टाटा, एल एंड टी व वेम-टेक जैसी निजी कंपनियों की भागीदारी ने सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों बीच के तालमेल को बढ़ाया है।

उन्होंने कहा कि, जब देश-दुनिया कोविड के संकट से जूझ रही थी, तब भी हमारी पीएसयू, खासकर डीपीएसयी ने योद्धाओं की तरह आगे आकर इसके खिलाफ जंग की कमान संभाली। मास्क से से लेकर पीपीई किट तक, सैनिटाइजर सिस्टम से लेकर क्वारंटाइन फैसिलिटीज के निर्माण तक, में हमारी पीएसयी ने पूरे दमखम के साथ अपना योगदान दिया। उन्होंने कहा कि बीईएमएल ने इस अहम और संकट के समय में अपनी कार्यक्षमता का जो परिचय दिया, वह आपकी मेहनत, लगन, जोश और जज्बे को दर्शाता है। रक्षा मंत्री ने कहा कि मुझे बताया गया, कि पिछले साल आपका वैल्यू ऑफ प्रोडक्शन 3000 करोड़ रुपये था। इस साल लगता है कि आप लोग इसे भी पार कर लेंगे। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है।'

गौरतलब है कि, यह प्रधानमंत्री द्वारा प्रेरित ’आत्मनिर्भर भारत’ अभियान का एक बड़ा उदाहरण है। यह देश के बाकी संगठनों के लिए भी एक प्रेरणास्रोत है।

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