नई दिल्ली, भारत। भारत में भले ही कोरोना के मामले काफी कम होते चले जा रहे हैं, लेकिन भारत के बाहर कोरोना के नए ओमिक्रॉन नाम के वेरिएंट से हाहाकार मचना शुरू हो चुका है। एक-एक करके कई देशों में इसका कहर बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है, जिससे बचाव के लिए अभी से भारत में भी सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज कोरोना के नए वेरिएंट को मद्देनजर रखते हुए दिल्ली की केजरीवाल सरकार तैयारियां शुरू कर दी हैं। उससे पहले दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भी कुछ खास तैयारियां की गई हैं।
दिल्ली एयरपोर्ट की तैयारियां :
दरअसल आज देश में कई देशों में कोरोना के का नया 'ओमिक्रॉन' वेरिएंट तेजी से अपने पैर पसारता नजर आरहा है। इस वेरिएंट से रोकथाम के लिए हर राज्य कोई न कोई कदम उठा रहा है। इसी कड़ी में दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने कई तैयारियां की है, इन तैयारियों का एक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि, कई लंबी पंक्तियों में कुर्सियां रखी गई हैं जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा गया है। फ्लाइट्स से आये सभी यात्रियों को एयरपोर्ट पर आने के बाद RT-PCR के लिए इन्हीं सीट्स पर बैठकर पहले टेस्ट होने का इंतजार करना होगा। इसके अलावा जिन देशों में नया वैरिएंट दस्तक दे चुका है उन 14 से ज्यादा देशों से आने वाले सभी यात्रियों के लिए बाहर निकलने के पहले कोविड टेस्ट कराना अनिवार्य कर दिया गया है।
इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट की तैयारियां :
बताते चलें, देशों के यात्रियों के लिए टेस्टिंग के नए नियम पहले ही निर्धारित कर दिए गए हैं। इसके बाद अब दिल्ली इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट अन्य कई नियम और बनाये हैं। बता दें, सरकार ने हाल ही में दक्षिण अफ्रीका से लौटे एक शख्स के कोरोना से संक्रमित पाए जाने के बाद 'इंटरनेशनल अराइवल' संबंधी स्क्रीनिंग और टेस्टिंग के नियमों में बदलाव कर दिया है। हालांकि, इस व्यक्ति में नए वैरिएंट की पुष्टि नहीं हुई है। इसके अलावा जिन देशों से लौटने वाले यात्रियों का RT-PCR टेस्ट जरूरी कर दिया गया है। उन देशों में यूरोप, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, हांगकांग और इजरायल का नाम शामिल है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार :
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इन झोकीम भरे देशों के अलावा अन्य देशों से आने वाले यात्रियों में से 5% की भी रैंडम टेस्टिंग की जाएगी। जिनकी रिपोर्ट निगेटिव पाई जाएगी उन्हें भी घर में सात दिनों तक क्वारंटाइन रहना होगा और आठवें दिन उनका फिर टेस्ट किया जाएगा। ऐसे देशों से आ रहे लोगों को भी, जिन्हें जोखिम वाले देशों की श्रेणी में नहीं रखा गया है और उन्हें रैंडम सैंपलिंग से गुजरना होगा। किसी का सैंपल पॉजिटिव आने की स्थिति में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाएगा और उसे क्वारंटाइन किया जाएगा।
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