कोरोना के कहर का असर, DGCA ने फिर से की इंटरनेशनल कमर्शियल फ्लाइट्स रद्द

कोरोना के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए भारत के डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने इंटरनेशनल कमर्शियल पैसेंजर फ्लाइट्स पर फिर से प्रतिबंध लगा दिया है।
DGCA ने फिर से की इंटरनेशनल कमर्शियल फ्लाइट्स रद्द
DGCA ने फिर से की इंटरनेशनल कमर्शियल फ्लाइट्स रद्द Syed Dabeer Hussain - RE

राज एक्सप्रेस। वर्तमान में भारत सहित दुनियाभर के देश अब भी कोरोना के खौफ में जी रहे हैं क्योंकि, एक बार फिर कोरोना के मामलों में तेजी से बढ़त दर्ज की जा रही है। ऐसे में भारत में बचाव के लिए कोरोना से जुड़े सभी नियमों का पालन किया जा रहा है। इतना ही नहीं भारत की सरकार अपने लेवल पर कोरोना से रोकथाम के लिए उपाय लगातार कर रही है। इसी कड़ी में कोरोना के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए भारत के डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने इंटरनेशनल कमर्शियल पैसेंजर फ्लाइट्स पर फिर से प्रतिबंध लगा दिया है।

इंटरनेशनल कमर्शियल फ्लाइट्स पर फिर प्रतिबंध :

दरअसल, देश में एक बार फिर कोरोना का आंकड़ा तेजी से बढ़ने लगा है। हाल यह है कि, रोजाना मामलों की संख्या 2 लाख के पार पहुंच गई है। इसी के चलते डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने एक बार फिर से इंटरनेशनल कमर्शियल पैसेंजर फ्लाइट्स को रद्द करने का ऐलान कर दिया है। DGCA द्वारा किए गए ऐलान के अनुसार, इन फ्लाइट्स पर 28 फरवरी 2022 तक रोक लगा दी गई है। जो कि, पहले 31 जनवरी 2022 तक के लिए लगाई गई थी। DGCA ने इस मामले में जानकारी देने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।हालांकि, इन रद्द की गई फ्लाइट्स का असर कार्गो और DGCA की मंजूरी से जारी फ्लाइट्स पर नहीं पड़ेगा।

DGCA ने जारी किया नोटिफिकेशन :

DGCA द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन के मुताबिक, 'सभी इंटरनेशनल कार्गो उड़ानों और DGCA की ओर से अनुमति प्राप्त उड़ानों पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा।' सीधे शब्दों में कहें तो, कार्गो और अन्य ऐसी सभी फ्लाइट्स भी जारी रहेंगी, जिनके अनुमति प्राप्त है। इनके अलावा वंदे भारत मिशन और ट्रैवल बबल वाली सभी शेड्यूल्ड फ्लाइट भी पहले की तरह ही जारी रहेंगी। बता दें, एयर बबल समझौते के तहत जुलाई 2020 से ही लगभग 28 देशों से विशेष अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानें संचालित की जा रही हैं। इस बारे में जानकारी देते हुए DGCA ने कहा है कि, 'हालांकि, सक्षम प्राधिकारी द्वारा मामले के आधार पर चयनित मार्गों पर निर्धारित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की अनुमति दी जा सकती है।'

क्रिसिल रिपोर्ट :

चालू वित्त वर्ष में एयरलाइन कंपनियों का घाटा बढ़कर रिकॉर्ड 20,000 करोड़ रुपए पर पहुंचने की उम्मीद जताई गई है। जबकि इस मामले में सामने आई क्रिसिल रिपोर्ट में कहा गया है कि, 'विमानन कंपनियां इस वित्त वर्ष 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के अपने अब तक के सबसे बड़े शुद्ध घाटे की ओर बढ़ रही हैं। यह घाटा पिछले वित्त वर्ष में 13,853 करोड़ रुपये के घाटे से 44% ज्यादा होगा। घरेलू उड़ानों में कुल मिलाकर 75% हिस्सेदारी रखने वाली इंडिगो, स्पाइसजेट और एयर इंडिया पर आधारित रिपोर्ट में चेताया गया है कि इस घाटे से एयरलाइन कंपनियों का पुनरुद्धार वित्त वर्ष 2022-23 तक टल जाएगा।

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