DMRC मामले में अनिल अंबानी को बड़ी राहत, दो दिन के अंदर खाते में आएंगे 600 करोड़

रिलायंस इंफ्रा को दिल्ली मेट्रो के खिलाफ चल रहे मामले में पिछले दिनों जीत हासिल हुई थी। अब, दिल्ली मेट्रो (DMRC) ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी बात रखते हुए रकम के भुगतान की बात कही।
DMRC मामले में अनिल अंबानी को बड़ी राहत
DMRC मामले में अनिल अंबानी को बड़ी राहत Syed Dabeer Hussain - RE

नई दिल्ली, भारत। काफी समय से नुकसान और विवादों में घिरे रिलायंस एंटरटेनमेंट ग्रुप के मालिक अनिल अंबानी की मुश्किलें अब कुछ कम होती नजर आ रही थीं। जहां, आज ही उनके घर एक नए मेहमान का आगमन हुआ है। वहीं, उनको उनकी ही कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में अब कुछ राहत मिल गई है क्योंकि, रिलायंस इंफ्रा को दिल्ली मेट्रो के खिलाफ चल रहे मामले में पिछले दिनों जीत हासिल हुई थी। वहीं, दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) के समक्ष अपनी बात रखते हुए रकम के भुगतान की बात कही है।

DMRC ने कहा :

दरअसल, दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) ने दिल्ली हाई कोर्ट के सामने सोमवार को अपनी बात रखते हुए कहा कि, 'वह 600 करोड़ रुपये की रकम दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (DAMEPL) से संबंधित एस्क्रो अकाउंट में दो दिन के अंदर डाल देगी।' ज्ञात हो कि, DAMEPL ने मध्यस्थता न्यायाधिकरण की तरफ से उसके पक्ष में दिए गए 4,600 करोड़ रुपये के आदेश को लागू करवाने को लेकर DMRC के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू की है। बताते चलें, आवास व शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी संसद में इसी महीने की शुरुआत में जानकरी देते हुए बताया था कि, 'एस्क्रो खाते में अब तक 1678.4 करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं।'

वकील का बयान किया रिकॉर्ड :

न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत ने DMRC के वकील के बयान को रिकॉर्ड किया था। इस मामले में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। दिल्ली मेट्रो की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पराग त्रिपाठी ने शुरू में अदालत के समक्ष कहा कि, 'DMRC 72 घंटे में 600 करोड़ रुपये देगी। उन्होंने अदालत से मध्यस्थता निर्णय के तहत राशि लौटाने को लेकर कर्ज के लिए बैंकों से संपर्क हेतु कुछ समय देने का आग्रह किया। सरकारी एजेंसियों से मिली राशि मेट्रो परियोजनाएं पूरी करने के लिए है और डीएमआरसी मध्यस्थता निर्णय के तहत पैसे के भुगतान को लेकर उस रकम का उपयोग नहीं कर सकती।' हालांकि, अदालत ने DMRC से दो दिनों के अंदर 600 करोड़ जमा करने को कहा है और इसी बात पर वकील ने सहमति जताई है।

वरिष्ठ अधिवक्ता का कहना :

कुछ बैंकों की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता रामजी श्रीनिवासन ने कहा कि, 'उनके बैंकों ने परियोजना के लिए कर्ज दिया था और उन्हें पैसे चाहिए। यह अलग बात है कि डीएमआरसी को पैसा डीएएमईपीएल को देना है। उन्होंने अदालत से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि पैसा परियोजना के लिए कर्ज दे रखे बैंकों को भी मिले।'

क्या है पूरा विवाद :

बताते चलें, अनिल अंबानी की रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की अनुषंगी इकाई DAMEPL दिल्ली मेट्रो की एयरपोर्ट मेट्रो लाइन के विकास से अगस्त 2008 में जुड़ी थी। उस समय देश का पहला प्राइवेट सिटी रेल प्रॉजेक्ट 2038 तक चलाने का कॉन्ट्रेक्ट हुआ था, लेकिन 2012 में शुल्क और संचालन पर विवादों के बाद, DAMEPL ने राजधानी के एयरपोर्ट मेट्रो प्रॉजेक्ट का संचालन बंद कर दिया। इतना ही नहीं अनुबंध के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए दिल्ली मेट्रो के खिलाफ मध्यस्थता का मामला (Arbitration Case) शुरू किया और टर्मिनेशन फीस भी मांगी। इसके बाद मध्यस्थता पंचाट ने DMRC को आदेश दिया कि, वह DAMEPL को 4,600 करोड़ रुपये का भुगतान करे। इस बारे में दिल्ली मेट्रो की तरफ से दायर तमाम याचिकाएं निरस्त हो चुकी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी 23 नवंबर 2021 को अपने फैसले पर पुनर्विचार की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी।

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