FII और खुदरा निवेशकों को लुभाने InvITs के लिए टैक्स छूट की संभावना

InvITs बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में व्यक्तिगत और संस्थागत निवेशकों की भागीदारी की सुविधा के लिए बनाए गए विशेष ट्रस्ट हैं।
InvITs में कर प्रोत्साहन पर मंथन। - सांकेतिक चित्र
InvITs में कर प्रोत्साहन पर मंथन। - सांकेतिक चित्र Neelesh Singh Thakur – RE

हाइलाइट्स

  • InvITs में कर प्रोत्साहन पर मंथन

  • रिटेल और FII को लुभाने का जतन

  • 'Gatishakti' plan पर सरकार का फोकस

राज एक्सप्रेस। सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (InvITs/इनविट्स) यानी बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्टों में निवेश के लिए कर प्रोत्साहन (tax incentives) पर विचार कर रही है ताकि उन्हें खुदरा (Retail) और फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर (FII) यानी विदेशी संस्थागत निवेशकों के लिए और अधिक आकर्षक बनाया जा सके।

साथ ही 'गतिशक्ति' योजना ('Gatishakti' plan) के अनुरूप बड़ी-टिकट वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए सरकार प्रक्रिया को आसान बनाना चाहती है। प्रस्तावों में से एक प्रस्ताव दरों सहित पूंजीगत लाभ व्यवस्था को बदलना भी है।

InvITs बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में व्यक्तिगत और संस्थागत निवेशकों की भागीदारी की सुविधा के लिए बनाए गए विशेष ट्रस्ट हैं। बदले में, निवेशक आय का एक छोटा हिस्सा कमा सकते हैं।

मौजूदा टैक्स व्यवस्था -

हालांकि, मौजूदा कराधान मानदंड के अनुसार, InvITs में एक निवेशक को यूनिटों की बिक्री से होने वाले मुनाफे पर उन्हें खरीदने के तीन साल के भीतर 15% का अल्पकालिक पूंजीगत लाभ (STCG) कर देना पड़ता है।

तीन साल के बाद बेची गई इकाइयों के लिए, यदि लाभ ₹1 लाख से अधिक है तो प्रॉफिट 10% के दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (LTCG) कर के अधीन है।

मीडिया रिपोर्ट में वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि; "इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं 3-4 साल तक फोकस में बनी रहेंगी। इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश ट्रस्टों ने बहुत रुचि पैदा की है।"

इकोनॉमिक टाइम्स में अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि कुछ कर प्रोत्साहन जोड़कर उन्हें और अधिक आकर्षक बनाने पर भी चर्चा हो रही है। बताया गया है कि; कई इंफ्रास्ट्रक्चर प्लेयर्स और विदेशी निवेशकों की ओर से इस संबंध में सुझाव मिले हैं।

लंबी अवधि के लिए –

एक अन्य अधिकारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अंतरराष्ट्रीय कोष प्रबंधकों की बैठक के दौरान कहा कि, प्रमुख सुझावों में से एक सुझाव दोनों करों; दीर्घकालिक और अल्पकालिक पूंजीगत लाभ कर (Tax) को कम करना था। इस तथ्य को देखते हुए कि इन परियोजनाओं को पूरा होने में अधिक समय लगता है ताकि कई बड़े संस्थागत खिलाड़ी लंबी अवधि के लिए सहभागिता कर सकें।

अधिकारी ने कहा कि कर प्रोत्साहन की मात्रा की अभी भी जांच की जा रही है और प्रस्ताव पर अंतिम फैसला जल्द ही किया जाएगा।

इनविट्स (InvITs) निजी इक्विटी निवेशकों के लिए ऑपरेटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एसेट्स और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स के लिए इन परियोजनाओं में अपने निवेश का मुद्रीकरण करने के लिए एक पसंदीदा मार्ग के रूप में उभरा है।

सेबी के आंकड़े -

सेबी के आंकड़ों के अनुसार, 2020-21 में InvITs से ₹40,432 करोड़ उपजे और ₹14,300 करोड़ रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (REITs) द्वारा जुटाए गए थे।

सरकार का मानना ​​है कि इस आर्थिक वाहक में विशेष रूप से राजमार्ग और बिजली परियोजनाओं के लिए अधिक क्षमता है।

इस कदम से बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए बेहतर क्रेडिट गुणवत्ता के साथ बहुत जरूरी तरलता के चैनल होने की उम्मीद है और साथ ही इन परियोजनाओं में शासन और जवाबदेही में सुधार करने में मदद मिलेगी।

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डिस्क्लेमर आर्टिकल मीडिया एवं एजेंसी रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त जानकारी जोड़ी गई हैं। इसमें प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

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