Textiles: इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर वापस लेने GST काउंसिल करेगी चर्चा!

जूते और वस्त्रों (Footwear and Textiles) की दर को बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया। इसके मुताबिक बढ़ी दरें 1 जनवरी, 2022 से प्रभावी होंगी।
Textiles पर GST दर का पेंच।
Textiles पर GST दर का पेंच।Neelesh Singh Thakur – RE

हाइलाइट्स

  • Textiles पर GST दर का पेंच

  • 1 जनवरी से लागू होंगी बढ़ी दरें

  • GSTCouncil की बैठक रहेगी अहम

राज एक्सप्रेस। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण साल के आखिरी दिन शुक्रवार, 31 दिसंबर को नई दिल्ली में माल और सेवा कर परिषद (Goods and Service Tax Council/GST Council) की 46वीं बैठक की अध्यक्षता करेंगी। बैठक का एजेंडा वस्त्रों (Textiles) के लिए गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी/GST) दरों में हाल ही में घोषित बढ़ोतरी पर चर्चा करना होगा। यह बढ़ोतरी 1 जनवरी से लागू होने वाली है।

काउंसिल मंत्रियों के दो समूहों की उन रिपोर्टों पर भी विचार कर सकती है, जिन्हें सितंबर में पिछली परिषद की बैठक में स्थापित किया गया था। देश भर में टेक्सटाइल इंडस्ट्री से जुड़े संगठनों और व्यापारियों द्वारा किये गये GST दरों में घोषित बढ़ोतरी के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन के बाद जीएसटी काउंसिल की यह बैठक अहम मानी जा रही है।

इन्होंने की पुष्टि - मिनिस्टर सीतारमण एवं शीर्ष अधिकारियों और राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों के बीच बजट पूर्व एक अलग बैठक हुई। इस मौके पर तमिलनाडु के वित्त मंत्री पी त्यागराजन और राजस्थान के तकनीकी शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग ने पुष्टि की कि; बैठक का मुख्य एजेंडा उल्टे शुल्क ढांचे को ठीक करने के लिए वस्त्रों में दर वृद्धि पर चर्चा करना होगा।

"राजस्थान का मानना ​​है कि कपड़ा पर दरों में बढ़ोतरी को वापस ले लिया जाना चाहिए, खासकर जब बांग्लादेश जैसे देश हमें इस क्षेत्र में कड़ी प्रतिस्पर्धा दे रहे हैं।"
सुभाष गर्ग, तकनीकी शिक्षा मंत्री, राजस्थान (जैसा रिपोर्टस को बताया)
“राज्यों को कल ही एजेंडा मिला। इसलिए एक बहुत ही शॉर्ट नोटिस टेक्सटाइल चर्चा का मुख्य बिंदु प्रतीत होता है।"
पी त्यागराजन, वित्त मंत्री, तमिलनाडु

अधिक पढ़ने शीर्षक स्पर्श/क्लिक करें –

Textiles पर GST दर का पेंच।
GST: पेट्रोल (Petrol), डीजल (Diesel) पर एकल टैक्स से राजस्व पर क्या असर पड़ेगा?

45वीं मीटिंग के निर्णय - 17 सितंबर को लखनऊ में जीएसटी काउंसिल की 45वीं बैठक में, परिषद ने जूते और वस्त्रों के लिए इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर (inverted duty structure) को सुधारने का निर्णय लिया था।

इसके बाद किसी भी मूल्य के जूते और वस्त्रों (Footwear and Textiles) की दर को बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया। इसके मुताबिक बढ़ी दरें 1 जनवरी, 2022 से प्रभावी होंगी।

पहले परिधानों के मामले में 1,000 रुपये प्रति पीस और फुटवियर के मामले में प्रति जोड़ी बिक्री मूल्य के लिए जीएसटी दर (GST Rate) पांच प्रतिशत तक थी।

मतांतर - जबकि विशेषज्ञों ने इस कदम की सराहना की, कपड़ा उद्योग (clothing industry) के एक वर्ग ने यह कहते हुए इसकी निंदा की कि इस क्षेत्र के केवल एक छोटे समूह ने शुल्क संरचना (duty structure) को उलट दिया। कई व्यापारी संगठन भी दरों में बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

इन्होंने किया था वापसी का आग्रह - पश्चिम बंगाल के पूर्व वित्त मंत्री अमित मित्रा (Former West Bengal Finance Minister Amit Mitra) और तेलंगाना के उद्योग मंत्री के. टी. रामा राव (Telangana Industries Minister KT Rama Rao) ने पहले केंद्र से कपड़ा (Textiles) क्षेत्र में प्रस्तावित जीएसटी दर वृद्धि (GST rate hikes) को वापस लेने का आग्रह किया था।

अधिक पढ़ने शीर्षक स्पर्श/क्लिक करें –

Textiles पर GST दर का पेंच।
GST अनुपालन राहत के बारे में व्यवसायों को क्या जानने की जरूरत है?

1.5 करोड़ नौकरियों को खतरा - इसके पहले पश्चिम बंगाल के पूर्व वित्त मंत्री अमित मित्रा ने ट्वीट के जरिये मोदी सरकार की बड़ी भूल की ओऱ ध्यान आकृष्ट कराया था।

उन्होंने ट्वीट किया था कि; "मोदी सरकार 1 जनवरी को एक और बड़ी भूल करेगी। टेक्सटाइल पर जीएसटी 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी करने से 1.5 करोड़ नौकरियां खत्म होंगी और 1 लाख इकाइयां बंद हो जाएंगी।"

समस्या तब होती है - इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर (inverted duty structure) की समस्या तब पैदा होती है जब तैयार उत्पाद (finished product); कच्चे माल (input raw materials) की तुलना में कम टैक्स ब्रैकेट में होता है। हालांकि, यह आमतौर पर तैयार उत्पादों की दरों में वृद्धि की ओर जाता है। टेक्सटाइल (Textiles) की तुलना में फुटवियर (footwear) की दरों में बढ़ोतरी का उतना विरोध नहीं हुआ है।

अधिक पढ़ने शीर्षक स्पर्श/क्लिक करें –

Textiles पर GST दर का पेंच।
पेट्रोल, डीजल, ATF, गैस को GST में लाने FM सीतारमण ने अब क्या कहा?

दो GoM को भार - लखनऊ की बैठक में जीएसटी परिषद (GST Council) ने दो ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (Group of Ministers-GoM/जीओएम) यानी मंत्रियों के दो समूहों का गठन किया था। एक समूह को दरों को युक्तिसंगत बनाने और इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर (inverted duty structure) में सुधार के सुझावों का काम सौंपा गया था। इसका नेतृत्व कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Karnataka Chief Minister Basavaraj Bommai) कर रहे हैं।

अधिक पढ़ने शीर्षक स्पर्श/क्लिक करें –

Textiles पर GST दर का पेंच।
GoM की MTNL-BSNL 69 करोड़ रिवाइवल प्लान पर नज़र

दूसरे समूह को कर आधार का विस्तार करने और रिटर्न को अधिकतम करने के लिए आईटी सिस्टम, चोरी के संभावित स्रोतों और डेटा विश्लेषण की समीक्षा करने के तरीकों की सिफारिश करने का काम सौंपा गया है। इस GoM का नेतृत्व महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार (Maharashtra Deputy Chief Minister Ajit Pawar) कर रहे हैं।

इन दोनों रिपोर्टों को शुक्रवार को आमने-सामने की बैठक में चर्चा में शामिल किया जा सकता है।

डिस्क्लेमरआर्टिकल एजेंसी एवं मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त प्रचलित जानकारी जोड़ी गई हैं। इसमें प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com