देश की अर्थव्यवस्था में सुधार आना बताता है - 'मोदी है तो मुमकिन है'

देश में बढ़ती महंगाई के बीच भारत की अर्थव्यवस्था काफी सुधर गई है। इस सुधार का पूरा श्रेय केंद्र की मोदी सरकार को जाता है। इस बारे में जानकारी आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने दी है।
देश की अर्थव्यवस्था में सुधार आना बताता है - 'मोदी है तो मुमकिन है'
देश की अर्थव्यवस्था में सुधार आना बताता है - 'मोदी है तो मुमकिन है'Syed Dabeer Hussain - RE

राज एक्सप्रेस। एक तरफ पूरी दुनिया कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से परेशान है। वहीं, दूसरी तरफ अर्थव्यवस्था और आर्थिक मंदी को लेकर बड़े सवाल पैदा कर रही है। लगभग सभी देशों का हाल एक जैसा ही हो रहा है। इसी बीच भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार होने की खबर सामने आई है। इसका मतलब यह हुआ कि, देश में बढ़ती महंगाई के बीच भारत की अर्थव्यवस्था काफी सुधर गई है। इस बारे में जानकारी आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने दी है।

अर्थव्यवस्था में आया काफी सुधार :

दरअसल, देश पिछले काफी समय से आर्थिक मंदी का सामना कर रहा है। इसी बीच देश के आर्थिक हालातों में सुधार आना किसी बड़ी खुशखबरी से कम नहीं है और इस सुधार का पूरा श्रेय केंद्र की मोदी सरकार को जाता है। इस बारे में जानकारी देते हुए आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने बताया है कि,

"भारत पिछले सात वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विभिन्न सरकारी उपायों से आर्थिक सुधार की राह पर है। महामारी के बावजूद सुधार प्रक्रिया को जारी रखा गया और कोविड-19 संक्रमण के दौरान भी कई रणनीतिक सुधारों की घोषणा की गई। पिछले 18 महीनों की महामारी की अवधि के दौरान, यह स्वास्थ्य संकट वास्तविक अर्थव्यवस्था तक फैल रहा था और उसके बाद इसका वित्तीय क्षेत्र पर भी प्रभाव देखने को मिला। पर बेहतर प्रबंधन के जरिए सुधारों को आगे बढ़ाने की दिशा पर काम किया गया। ताकि अर्थव्यवस्था में विकास की दर बढ़ाई जा सके और यह सामान्य स्थिति में वापस लौट सके।"

अजय सेठ, आर्थिक मामलों के सचिव

आर्थिक मामलों के सचिव ने दी जानकारी :

बताते चलें, आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ फिक्की द्वारा आयोजित किये गए एक वर्चुअल कार्यक्रम का हिस्सा बने। वहां उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कई बातें बताई। इस दौरान उन्होंने अपने बयान में कहा कि,

"पिछले 18 महीनों में महामारी के कारण क्रेडिट उठाव कम हो गया है। पिछले 18 महीनों में निजी निवेश की मांग में कमी के कारण, क्रेडिड उठाव मध्यम रहा है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ और काम करने की आवश्यकता है। सरकार का ध्यान समावेशी विकास पर है। सरकार ने न केवल महामारी की अवधि में, बल्कि पिछले सात वर्षों में कमजोर आर्थिक क्षमता वाले व्यक्तियों, संस्थाओं का समर्थन करने के लिए कई सारी योजनाएं शुरू की हैं। दिवाला और दिवालियापन संहिता की शुरूआत से 2.4 लाख करोड़ रुपये की संपत्तियों का समाधान हुआ है, जबकि एफडीआई और एफपीआई उदारीकरण ने भारतीय अर्थव्यवस्था में विदेशी निवेशकों का विश्वास बढ़ाया है।"

अजय सेठ, आर्थिक मामलों के सचिव

कई योजनाओं का किया जिक्र :

आर्थिक मामलों के सचिव द्वारा इस दौरान सरकार द्वारा चलाई जा रही कई योजनाओं का भी जिक्र किया गया। जिनमें किसानों के लिए आय सहायता के लिए पीएम किसान योजना, सुरक्षित आश्रय योजना पीएम आवास योजना, जल जीवन मिशन के माध्यम से सुरक्षित पेयजल और सभी के लिए बिजली आदि के नाम शामिल हैं।

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