लाखो करोड़ो को कर्ज में डूबी सरकार, GDP का 57.3 फीसदी
लाखो करोड़ो को कर्ज में डूबी सरकार, GDP का 57.3 फीसदीKavita Singh Rathore - RE

लाखो करोड़ो को कर्ज में डूबी सरकार, कर्ज है GDP का 57.3% हिस्सा

भारत की केंद्र सरकार पर 155.8 लाख करोड़ रुपये का कर्ज होने की खबर सामने आई है और यह खबर किसी रिपोर्ट के माध्यम से नहीं बल्कि खुद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दी है।

राज एक्सप्रेस। भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देशभर के वित्त से जुड़े फैसलें लेती हैं। साथ ही सभी वित्तीय संस्थानों और देश से जुड़े सभी वित्तीय फैसलें लेने का अधिकार भी उन्हें प्राप्त है। यहां तक की इन मामलों से जुड़ी सभी जानकारी भी उनके पास रहती हैं। वहीँ, अब उन्होंने केंद्र सरकार पर लाखो करोड़ो का कर्ज होने की जानकारी दी है। बता दें, उन्होंने यह जानकारी लिखित जवाब में एक सवाल पूछे जाने पर दी।

केंद्र सरकार पर कर्ज :

दरअसल, भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्र सरकार पर 155.8 लाख करोड़ रुपये का कर्ज होने की जानकारी दी है। उन्होंने यह जानकारी लिखित में देते हुए मार्च 2023 तक के आंकड़े भी जारी किए हैं। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि, 'यह कर्ज फिलहाल देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की तुलना में 57.3% के बराबर का हिस्सा है। हालांकि, इस आंकड़े में से 7.03 लाख करोड़ रुपये विदेशी कर्ज है, जो GDP का 2.6 % लगभग हिस्सा है। जबकि, देश के कुल कर्ज में विदेशी कर्ज करीब 4.5% है। यह GDP का 3.1% हिस्सा है। कर्ज के जोखिम की स्थिति के लिहाज से देखें, तो वर्तमान समय में भी देश की वित्तीय स्थिति सुरक्षित ही है।

वित्त मंत्री ने दी जानकारी :

भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जानकारी देते हुए बताया कि, 'विनिमय दर की अस्थिरता और वैश्विक आर्थिक आघातों के प्रभावों से भारतीय अर्थव्यवस्था को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए रिजर्व बैंक ने सरकार के परामर्श से हाल ही में विदेशी मुद्रा फंडिंग के स्रोतों में विविधता लाने और विस्तार करने के लिए कई उपायों की घोषणा की है। विदेशी मुद्रा अनिवासी-बी खातों पर ब्याज दर नियमों में छूट के साथ स्वतः संचालित बाहरी उधार की सीमा को बढ़ाकर 1.5 अरब डॉलर किया गया है।'

भारत व जापान की अर्थव्यवस्था में तेजी से दर्ज हो रही बढ़त :

दुनियाभर के टॉप 10 देशों की अर्थव्यवस्था में देंखे तो, भारत और जापान की अर्थव्यवस्था में तेजी से बढ़त दर्ज हो रही हैं। वर्तमान समय में इन दोनों ही देशों की GDP कोरोना से पहले वाले स्तर से भी ज्यादा तेजी से बढ़ी है। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अनुसार, अभी भी कुल 94 देशों की अर्थव्यवस्था कोरोना से पहले वाले स्तर से नीचे जा चुकी हैं।

रिपोर्ट के अनुसार :

इस मामले में सामने आई रिपोर्ट की मानें तो, 'साल 2023 में शीर्ष 10 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से अमेरिका, चीन, जर्मनी, यूके, फ्रांस, कनाडा, इटली और ब्राजील जैसे आठ देश महामारी के पूर्व स्तर से भी कम प्रदर्शन कर सकते हैं। चैंबर ने 2019, 2020, 2021 व 2022 के विकास दर और 2023 के अनुमानों के आधार पर अध्ययन किया है।'

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