अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर वित्त मंत्री ने बुलाई प्रेस कॉन्फ्रेंस

अर्थव्यवस्था के मुद्दे को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। इस कॉन्फ्रेंस में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर और मुख्य आर्थिक सलाहकर कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम भी शामिल हुए।
Finance Minister Nirmala Sitharaman Press Conference
Finance Minister Nirmala Sitharaman Press Conference Social Media

हाइलाइट्स :

  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई

  • देश की अर्थव्यवस्था को बना कॉन्फ्रेंस का मुख्य मुद्दा

  • कॉन्फ्रेंस में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर और CEA सुब्रमण्यम शामिल हुए

  • अर्थव्यवस्था को पांच लाख करोड़ डॉलर का बनाने की हुई चर्चा

राज एक्सप्रेस। आज केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। इस कॉन्फ्रेंस का मुख्य मुद्दा बना देश की अर्थव्यवस्था। कॉन्फ्रेंस में वित्तमंत्री सहित उपस्थित सभी लोगों ने अर्थव्यवस्था में आ रही सुस्ती को लेकर चर्चा की। वहीं इस मौके पर वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर और मुख्य आर्थिक सलाहकर कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम भी उपस्थित रहे। इस मौके पर सुब्रमण्यम ने अपनी बात रखते हुए कहा कि, सरकार ने जितने भी आर्थिक सुधार किये हैं, उनका असर दिख रहा है। साथ ही उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को पांच लाख करोड़ डॉलर के रोडमैप का बनाने का भी जिक्र किया। इसके अलावा उन्होंने अर्थव्यवस्था को बढ़ने के लिए किये गए सभी कदमों की तरफ भी ध्यान खींचा।

अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के उपायों की घोषणा :

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा कॉन्फ्रेंस में अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए किये जाने वाले उपायों का ऐलान करने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है। यदि चालू वित्त वर्ष में GDP की बात करें तो दूसरी तिमाही में यह दर घटकर 4.5% पर पहुंच गई। जबकि यह पीछे साढ़े छह सालों का सबसे निचला स्तर है।

खपत को बढ़ावा देने के उपाय किए :

CEA कृष्णमूर्ति ने एक प्रेजेंटेशन के द्वारा बताया कि, केंद्र सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाये गए हैं। इन कदमों के सरकार द्वारा खुदरा कर्ज को बढ़ावा देने का फैसला भी शामिल है। सरकार ने इसके लिए नॉन बैंकिंग फाइनेंशल कंपनी (NBFC) तथा HFC को पूरा सपोर्ट देने की कोशिश की। जैसे -

  • इनके लिए पार्शल क्रेडिट गारंटी स्कीम लेकर आई।

  • सरकार ने PSU के लिए 61,000 रुपये तक का कर्ज भी चुकाया।

  • सरकार द्वारा खुदरा कर्ज को बढ़ाने के लिए गैर-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों और आवास वित्त कंपनियों को 4.47 लाख करोड़ रुपये दिया गया है।

  • सरकार ने इनके लिए आंशिक ऋण गारंटी योजना लागू की, जिसके तहत 7,657 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई थी।

  • सरकार ने 27 नवंबर तक की रेपो रेट के लिए ब्याज पर 70,000 करोड़ रुपये का 8 लाख से अधिक कर्ज खर्च किया है।

  • पब्लिक सेक्टर के बैंकों में लगभग 60,314 करोड़ रुपये की राशि जमा कराई गई। जिससे बैंको द्वारा 2.2 लाख करोड़ रुपये में कंपनियों तथा 72,985 करोड़ रुपये MSME के क्षत्रों में लगाया गया।

  • भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सभी सरकारी बैंकों ने रेपो रेट लिंक्ड लोन प्रॉडक्ट लॉन्च किए। जिसका फायदा सीधे बैंको को मिला। ऐसा करने से लोगों में बैंक से कर्ज लेने की उत्सुकता बढ़ी।

  • पब्लिक सेक्टर के बैंकों में ट्रांसपेरेंट वन टाइम सैटलमेंट पाॉलिसी लांच की जो, 16,716 करोड़ रुपये की थी।

  • अर्थव्यवस्था को रफ़्तार देने के लिए बजट में निर्धारित 3.38 लाख करोड़ रुपये के राशि खर्च में से 66% का इस्तेमाल किया गया। जबकि रेल और सड़क मंत्रालयों द्वारा 31 दिसंबर तक की अवधि में 2.46 लाख करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई।

सरकार द्वारा उठाये गए अन्य कदम :

  • बताते चलें कि, साल 2019 में फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) से लगभग 35 अरब डॉलर की राशि आई है।

  • सरकार द्वारा फंसे हाउजिंग प्रॉजेक्ट को पूरा करने के लिए भी उचित कदम के तौर पर 25,000 करोड़ रुपये के फंड की राशि को मंजूरी दी गई।

  • निवेश को बढ़ाने के लिए वित्त वर्ष 2019-20 में 35 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेश निवेश किया गया है, जो पिछले साल की 31 अरब डॉलर का था।

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