रेटिंग एजेंसियों ने भारत की GDP ग्रोथ घटाकर डराया
रेटिंग एजेंसियों ने भारत की GDP ग्रोथ घटाकर डरायाSocial Media

रेटिंग एजेंसियों ने भारत की GDP ग्रोथ घटाकर डराया

वैश्विक मंदी के प्रभावो से भारत दूर रहने में कामयाब रहा है, लेकिन रेटिंग एजेंसियों को लगता है कि आने वाले महीनों में भारतीय अर्थव्यस्था थोड़ी कमजोर होगी।

India's GDP growth : देश में कोरोना के चलते आई आर्थिक समस्या के दौर को भारत में काफी अच्छे से देखा गया है। हालांकि, GDP के आंकड़े को लेकर रेटिंग एजेंसियां समय-समय पर अनुमान जारी करते हैं, लेकिन कोरोना के भारत में आने के बाद और इन पिछले लगभग 8 महीनों से चल रहे रूस और यूक्रेन के युद्ध के चलते देश में महंगाई काफी बढ़ गई है। अब भले ही कोरोना के मामले काफी घट गए हों, लेकिन देश में महंगाई अब भी बढ़ ही रही है। जिसके चलते देश में GDP ग्रोथ के घटने की उम्मीद पहले ही थी। वहीं, अब जब कई रेटिंग एजेंसियों ने भारत की GDP ग्रोथ घटाकर डरा दिया हैं।

रेटिंग एजेंसियो ने घटाई GDP ग्रोथ :

दरअसल, भारत की GDP ग्रोथ पर वैश्विक मंदी का बुरा प्रभाव न के बराबर देखने को मिला है। इसके बाद भी रेटिंग एजेंसियों ने आने वाले महीनों में भारतीय अर्थव्यस्था थोड़ी कमजोर रहने की आशंका जताई है। नतीजन, रेटिंग एजेंसियों ने भारत की GDP ग्रोथ के अनुमान को साल 2023 के लिए घटा दिया है। बता दें, जिन रेटिंग एजेंसियो ने GDP ग्रोथ के अनुमान को साल 2023 के लिए घटाया है, उनमें 'गोल्डमैन सैक्स', 'क्रिसिल' और 'इक्रा' का नाम शामिल है। इनके द्वारा जारी की गई लेटेस्ट संसोधित रिपोर्ट में भारत की विकास संभावनाओं को घटा दिया गया है।

गोल्डमैन सैक्स का अनुमान :

गोल्डमैन सैक्स नाम की रेटिंग एजेंसी द्वारा साल 2023 के लिए भारत की GDP ग्रोथ दर के अनुमान को वर्तमान में चल रही दर को 6.9% से घटाकर 5.9% कर देने का अनुमान लगाया है। गोल्डमैन सैक्स ने एक बयान साझा कर बताया है कि, 'साल 2023 की पहली छमाही में भारत की अर्थव्यवस्था धीमी रह सकती है, जबकि दूसरी छमाही में इसमें तेज़ी आ सकती है।' एंड्रयू टिल्टन के नेतृत्व में गोल्डमैन सैक्स के अर्थशास्त्रियों द्वारा यह दावा ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में किया गया है।

क्रिसिल का अनुमान :

रेटिंग एजेंसी क्रिसिल द्वारा जताए गए अनुमान के अनुसार, 'भारत के वित्त वर्ष 2023 के विकास पूर्वानुमान को संशोधित करके 7.3% से घकर 7% होने की आशंका है। क्रिसिल एजेंसी के अनुसार, 'मंदी ने भारत के निर्यात और औद्योगिक गतिविधि को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। क्रिसिल का कहना है कि यह घरेलू मांग के लचीलेपन का परीक्षण करेगा।'

अर्थशास्त्री ने कहा :

गोल्डमैन सैक्स की अर्थशास्त्री शांतनु सेनगुप्ता ने कहा कि, 'हम उम्मीद करते हैं कि 2023 में पहली छमाही में मंदी के साथ विकास दो हिस्सों की कहानी होगी। दूसरी छमाही में हमें उम्मीद है कि विकास में फिर से तेजी आएगी क्योंकि वैश्विक विकास मे सुधार दिख रहा है। भारत के निर्यात में कमी आएगी और निवेश चक्र में तेजी आएगी, जिससे दूसरी छमाही में ग्रोथ के आसार हैं।'

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