क्यों भारत के लिए फायदेमंद है यूएई के साथ हुआ CEPA? जानिए इसके पीछे की वजह
राज एक्सप्रेस। भारत देश की छवि हमेशा से इंटरनेशनल बिज़नेस में सतर्क बनी रही है। ऐसे में भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच हुआ व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता यानि CEPA देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में काफी कारगर साबित होने वाला है। इस समझौते के चलते द्विपक्षीय व्यापार भी आने वाले कुछ सालों में करीब 100 अरब डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद जताई जा रही है। कहा जा रहा है कि CEPA से भारत को अपनी भू-आर्थिक रणनीति को भी बढ़ावा देने में मदद मिलने वाली है। चलिए जानते हैं इस समझौते से जुड़ी कुछ खास बातें।
क्या है CEPA?
CEPA एक तरह का मुक्त व्यापार समझौता है। इसके अंतर्गत सेवा और इन्वेस्टमेंट को लेकर व्यापार और आर्थिक साझेदारी से जुड़े क्षेत्रों पर बातचीत की जाती है। इसके अलावा सीमा शुल्क सहयोग, प्रतिस्पर्द्धा और बौद्धिक संपदा अधिकार आदि पर भी विचार किया जाता है।
भारत और यूएई के बीच CEPA से होने वाले लाभ :
संयुक्त अरब अमीरात से भारत आने वाले सभी प्रमुख क्षेत्रों जैसे कपड़ा, जूते, प्लास्टिक, फर्नीचर, कृषि, लकड़ी का सामान, चिकित्सा उपकरण आदि से देश को इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट ड्यूटी और टैक्स कम होने से लाभ मिलेगा। इसके अंतर्गत दोनों देशों के बीच विभिन्न सेवाएं जैसे व्यावसायिक, संचार, निर्माण और संबंधित इंजीनियरिंग, वितरण, शैक्षिक, पर्यावरण, वित्तीय, स्वास्थ्य संबंधी, सामाजिक आदि की बाजार के लिए पहुँच आसान हो जाएगी।
भारत ने यह समझौता क्यों किया?
भारत में सोने की काफी डिमांड रहती है। जिसके चलते भारत दूसरे देशों से सोना खरीदने के लिए करीब 40 बिलियन डॉलर खर्च करता है। क्योंकि भारत के पास सोने के लिए उचित रिसोर्स नहीं हैं। UAE, भारत का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है, और इस समझौते के बाद भारत को एक्स्ट्रा 5 प्रतिशत इम्पोर्ट ड्यूटी नहीं देगा होगी। इसके साथ ही कंपनियों को UAE से सोना इम्पोर्ट करने पर 1 प्रतिशत रिफंड भी मिल सकेगा।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।