राज एक्सप्रेस। नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने सांठ-गांठ से पंजाब नेशनल बैंक (PNB) जैसे बड़े घोटाले को अंजाम दिया था। यह दोनों ही इस घोटाले के मुख्य आरोपी हैं। इनमें से नीरव मोदी पर लंदन कोर्ट में केस चल रहा है और मेहुल चोकसी एंटीगुआ में रह रहा है, उस पर भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने को लेकर केस चल रहा है, जिसके तहत चोकसी ने कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) कोर्ट ने रद्द कर दिया था। वहीं, अब ED ने एक आरोप पत्र दायर किया है।
ED का नया आरोप पत्र :
दरअसल, PNB बैंक के मुख्य आरोपी भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक नया आरोप पत्र दायर किया है। जिसमें बताया गया है कि, चोकसी ने किस प्रकार लैब में बने हीरे और संपत्तियों को बेचकर भारत, दुबई और अमेरिका सहित शीर्ष वित्तीय संस्थानों में अपने ग्राहकों और उधारदाताओं के साथ धोखाधड़ी की। ED ने इस पत्र को इस मकसद के साथ जारी किया है कि, जिससे मार्च 2019 में भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के कन्वेंशन के तहत चोकसी को एंटीगुआ और बारबुडा से भारत में भेजे जाने वाले प्रत्यर्पण अनुरोध को बढ़ावा मिल सके।
एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता :
खबरोप की मानें तो, ED के इस आरोप पत्र को कुछ हफ्ते पहले ही दाखिल किया गया है। एक अंग्रेजी न्यूज एजेंसी के अनुसार मेहुल चोकसी ने पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के मामले के मुख्य आरोपी होने के बाबजूद भी एंटीगुआ और बारबुडा सरकार द्वारा नागरिकता ले ली है। बताते चलें, मेहुल चोकसी ने यह नागरिकता वहां की सरकार द्वारा चले गए एक कार्यक्रम के तहत ली है। इस कार्यक्रम के तहत नागरिकता लेने के लिए किसी को भी देश में निश्चित मात्रा में निवेश करना अनिवार्य होता है।
चोकसी का कहना :
जहां एक तरफ जांचकर्ताओं का दावा है कि मेहुल चोकसी गिरफ़्तारी से बचने के लिए भारत से भाग कर यहाँ पंहुचा है तो, वहीं दूसरी तरफ मेहुल चोकसी का कहना है कि, ऐसा नहीं है मैं जनवरी 2018 में बाईपास सर्जरी के लिए भारत छोड़कर यहाँ आया था। बताते चलें, ED पहले भी साल 2018 में मेहुल चोकसी और PNB बांबक घोटाले को लेकर एक आरोप पत्र दायर किया था। वहीं, अब ED का नया आरोप पत्र सामने आया है। जिसको अमेरिका, यूएई, हांगकांग और भारत में स्थित कंपनियों के कई शीर्ष अधिकारियों के बयानों को ध्यान में रखते हुए दाखिल किया गया है।
आरोपपत्र के अनुसार :
नए आरोपपत्र के अनुसार चोकसी की लैब में तैयार किए गए नकली हीरो को को असली हीरा बताकर बेचने के लिए हांगकांग की 'एम/एस शान्यो गोंग सी लिमिटेड' और अमेरिकी स्थित 'एम/एस वोयजर ब्रांड्स' और 'एम/एस सैमुअल्स ज्वैलर्स इंक' की मदद लिया करता था। बता दें, हीरा निर्माणकर्ता कंपनी का संचालन सूरत में होता था और इस कंपनी को चोकसी स्वयं ही देखता था।
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