हाइलाइट्स :
Yes बैंक के डायरेक्टर के घर ED की छापेमारी
डायरेक्टर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज
13 महीने पहले दिया था MD पद से इस्तीफा
ED की टीम देर रात तक उनके घर की छानबीन करती रही
ट्वीटर पर ट्रेंड कर रहा #Yes_Bank हैशटैग
राज एक्सप्रेस। आर्थिक परेशानियां झेल रहे यस बैंक का नाम लगातार चर्चा में बना हुआ है कभी RBI द्वारा दिए गए निर्देशों के कारण तो कभी SBI द्वारा की जाने वाली मदद के लिए। वहीं, अब यस बैंक का नाम बैंक के डायरेक्टर राणा कपूर को लेकर एक बार फिर चर्चा में है। दरअसल, डायरेक्टर कपूर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज हुआ है, इसी के चलते उन घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार रात छापेमारी की। दूसरी तरफ यस बैंक के कारण ठप पड़ रही ऑनलाइन पेमेंट ऐप PhonePe के चलते सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्वीटर पर #Yes_Bank हैशटैग ट्रेंड कर रहा है।
ED पहुंची कपूर के घर :
यस बैंक के पूर्व प्रमोटर और डायरेक्टर राणा कपूर के खिलाफ मामला दर्ज होते ही ED की टीम ने कल देर रात ही उनके मुंबई स्थित समुद्र महल टॉवर क्षेत्र में वाले घर पर छापा मारा। ED की टीम काफी रात उनके घर की छानबीन करती रही। वही दूसरी तरफ यस बैंक के बुरे हालातों को देखते हुए रिजर्व बैंक ने 30 दिन के लिए यस बैंक के बोर्ड की कमान अपने हाथ में ले ली है। बैंक की इस हालत का जिम्मेदार बैंक के फाउंडर, पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO राणा कपूर को ही ठहराया जा रहा है। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग के साथ ही बड़े बिजनसमेन को लोन देकर उसे वसूलने की प्रक्रिया को अपने हिसाब से पूरी करने का भी आरोप लगा है। खबरों के अनुसार, उन्होंने अपने निजी संबंधों के चलते इन्हें लोन दिया था।
13 महीने पहले दिया था इस्तीफा :
बताते चलें कि, डायरेक्टर राणा कपूर ने लगभग 13 महीने पहले ही MD के पद से इस्तीफा दिया था। इसके अलावा उनसे DHFL से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भी पूछताछ जारी है। ED की टीम उनसे इन दोनों ही मामलों पर पूछताछ कर रही है। इसके अलावा साल 2018 में भी राणा कपूर पर कर्ज और बैलेंस शीट में गड़बड़ी करने जैसे आरोप लगे थे, ये आरोप RBI द्वारा लगाए गए थे। इसी के चलते उन्हें MD पद से इस्तीफा देना पड़ा था और यह बैंकिंग क्षेत्र के इतिहास में पहली बार हुआ जब किसी MD को उसी के पद से इस तरह से हटाया गया हो।
लोन देने में था आगे :
यह बात किसी से छुपी नहीं है कि, यस बैंक बड़े-बड़े बिजनसमैन जैसे अनिल अंबानी ग्रुप, IL&FS, सीजी पावर, एस्सार पावर, रेडियस डिवेलपर्स और मंत्री ग्रुप को लोन देने के लिए हमेशा ही आगे रहा है। इनमें से कुछ कारोबारियों के डिफॉल्टर निकल जाने पर इसका हर्जाना बैंक को भरना पड़ा है और यस बैंक को करारा झटका लगा। जैसे ही साल 2017 में बैंक ने 6,355 करोड़ रुपए की रकम को बैड लोन में डाल दिया था। उसके बाद से ही RBI ने यस बैंक पर नजर रखना शुरू कर दी थी।
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