राज एक्सप्रेस। देश की जीडीपी वृद्धि दर के बीते वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही के दौरान 1.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन के चलते आर्थिक गतिविधियां थम गई, जिसका असर आर्थिक वृद्धि पर हुआ। एसबीआई की शोध रिपोर्ट इकोरैप के अनुसार सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी वृद्धि के पिछले वित्त वर्ष 2019-20 में 4.2 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2020-21 में नकारात्मक 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय 29 मई को वित्त वर्ष 2020 की चौथी तिमाही के जीडीपी वृद्धि के आंकड़ों की घोषणा करेगा। पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि घटकर सात साल के निचले स्तर 4.7 प्रतिशत पर आ गई थी। वित्त वर्ष 20202 की पहली और दूसरी तिमाही में वृद्धि दर क्रमश: 5.1 प्रतिशत और 5.6 प्रतिशत थी। शोध रिपोर्ट में कहा गया है, हमारा मानना है कि चौथी तिमाही वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी वृद्धि 1.2 आसपास होगी, क्योंकि मार्च महीने के आखिरी सात दिनों में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के चलते आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह ठप पड़ गईं थीं।
रिपोर्ट के मुताबिक लॉकडाउन के उन सात दिनों में कम से कम 1.4 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसे में वित्त वर्ष 2019-20 की वार्षिक वृद्धि दर करीब 4.2 प्रतिशत रहेगी, जिसके पाच प्रतिशत रहने का अनुमान था। रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी वृद्धि नकारात्मक 6.8 प्रतिशत के करीब रह सकती है और सकल मूल्यवर्धित जीवीए वृद्धि करीब नकारात्मक 3.1 प्रतिशत रहेगी।
रेड जोन में सबसे अधिक नुकसान
रिपोर्ट के मुताबिक सबसे अधिक नुकसान रेड जोन में हुआ, जहां देश के लगभग सभी बड़े जिले स्थित हैं। कुल नुकसान में रेड जोन और ऑरेंज जोन की करीब 90 प्रतिशत हिस्सेदारी है। रिपोर्ट के मुताबिक शीर्ष 10 राज्यों के जीडीपी नुकसान में 75 प्रतिशत योगदान का अनुमान है। नुकसान में सिर्फ महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 15.6 प्रतिशत होगी, जिसके बाद तमिलनाडु 9.4 प्रतिशत और गुजरात 8.6 प्रतिशत का स्थान होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि जून के अंतिम सप्ताह में देश में कोविड19 संक्रमण के मामले अपने उच्चतम स्तर पर हो सकते हैं।
एलआईसी ने पेशकी संशोधित वय वंदन योजना
भारतीय जीवन बीमा निगम एलआईसी ने संशोधित प्रधानमंत्री वय वंदन योजना पेश की। इस पेंशन योजना के लिए केंद्र सरकार अनुदान प्रदान करती है। संशोधित योजना मंगलवार से खरीद के लिए उपलब्ध है। केंद्र सरकार ने इस योजना में संशोधन कर 60 वर्ष या इससे अधिक आयु वाले लोगों के लिए दरों में बदलाव किया है। इस योजना को चलाने का एकाधिकार एलआईसी के पास है। एलआईसी ने एक बयान में कहा कि संशोधित योजना खरीद के लिए मंगलवार से तीन वित्त वर्ष के लिए यानी मार्च 2023 तक के लिए उपलब्ध रहेगी।
कंपनी ने कहा कि इसे ऑफलाइन के साथ ही उसकी वेबसाइट से ऑनलाइन भी खरीदा जा सकता है। इस योजना की परिपक्वता अवधि 10 साल है। इसमें पहले साल 7.40 प्रतिशत का सुनिश्चित रिटर्न दिया जाएगा।
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