लॉकडाउन में खेत पर काम कर सकेंगे किसान!

सरकार ने राष्ट्रव्यापी अधिसूचना की अपनी मूल सूचना में एक और संशोधन जोड़ा है। कृषि गतिविधियों को अब लॉकडाउन से छूट दी गई है क्योंकि इसे आवश्यक सेवाओं के तहत शामिल किया गया है।
लॉकडाउन में खेत पर काम कर सकेंगे किसान!
लॉकडाउन में खेत पर काम कर सकेंगे किसान!Kavita Singh Rathore -RE

हाइलाइट्स :

  • लॉकडाउन अधिसूचना में संशोधन!

  • खेत में हरियाली, बाजार में लौटेगी खुशहाली

  • कृषि कार्य आवश्यक गतिविधियों की सूची में शामिल!

  • देश की बड़ी आबादी हो रही थी लॉकडाउन से प्रभावित

राज एक्सप्रेस। देश में लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण उद्योग-धंधों से लेकर कृषि कार्य भी बड़े तौर पर प्रभावित हुआ है। फिलहाल खबरें आ रही हैं कि सरकार अब जल्द ही कृषि कार्य को लॉकडाउन के प्रतिबंधों से मुक्त कर खेती-किसानी को आवश्यक सेवाओं में शामिल करने वाली है।

एजेंसी ने बताया :

समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक सरकार ने कोरोनो वायरस महामारी के कारण भारत में लागू देशव्यापी तालाबंदी के बीच किसानों को कामकाज की अनुमति दी है। सरकार ने कोरोनो वायरस महामारी को रोकने के लिए वर्तमान में भारत में लागू राष्ट्रव्यापी तालाबंदी से कृषि-संबंधित सभी कामकाज को छूट दी है। इससे ग्रामीण भारत के एक बड़े वर्ग को आर्थिक कर्फ्यू से मुक्ति मिलेगी।

आवश्यक सेवा में शामिल :

खेती-किसानी और कृषि से संबंधित गतिविधियों को अब लॉकडाउन से मुक्त आवश्यक गतिविधियों की सूची में शामिल किया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न उजागर करने के अनुरोध के साथ इस बात की जानकारी एजेंसी से साझा करते हुए कहा-

“सरकार ने राष्ट्रव्यापी अधिसूचना की अपनी मूल सूचना में एक और संशोधन जोड़ा है। कृषि गतिविधियों को अब लॉकडाउन से छूट दी गई है क्योंकि इसे आवश्यक सेवाओं के तहत शामिल किया गया है।”

राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन :

आपको ज्ञात हो कि, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार 24 मार्च को देशव्यापी प्रतिबंध की घोषणा की थी। इसमें हवाई उड़ान, ट्रेनों के साथ ही अंतर राज्यीय बसों को मिलाकर पब्लिक ट्रांसपोर्ट के सभी साधनों पर 21 दिनों का प्रतिबंध लागू किया गया है। लॉकडाउन अगले दिन 25 अप्रैल से केवल आवश्यक सेवाओं को संचालित करने की अनुमति के साथ संपूर्ण भारत में जारी है।

अर्थव्यवस्था प्रभावित :

गौरतलब है लॉकडाउन से देश के व्यापार, उद्योग धंधों के साथ ही इकोनॉमी को धक्का लगा है। राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू के कारण कृषि पर भी गंभीर खतरा मंडरा रहा है। भारत में खेती-किसानी देश की कुल आबादी के लगभग आधे भारतीय नागरिकों की आजीविका का प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से प्रमुख आधार है। लागू प्रतिबंधों के कारण लाखों किसान अपनी फसलों की बुवाई या कटाई करने में सक्षम नहीं थे। साथ ही बाजारों से संपर्क कटने के कारण भी ग्रामीण आय प्रभावित हो रही थी।

बुवाई-कटाई की अनुमति :

रिपोर्ट के मुताबिक नवीनतम आदेश में फसलों की बुवाई के साथ-साथ कटाई की अनुमति शामिल है। बताया गया है कि उर्वरक और कीटनाशक की दुकानों के साथ-साथ बीज बाजार भी सुचारू कार्य कर सकते हैं।

इनको छूट :

सूत्र के मुताबिक ताजा आदेश में कृषि उपज मंडी समितियों, अनाज मंडियों के संचालन को फिर से शुरू करने की अनुमति शामिल है। फूड एग्रीगेटर्स, कमीशन एजेंट्स, बिचौलिये और होलसेल बायर्स को भी कृषि उत्पादन श्रृंखला को निर्बाध जारी रखने के लिए लॉकडाउन प्रतिबंधों से मुक्त किया गया है।

राज्यों पर निर्भर :

अधिकृत सूत्र के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी के लिए देश में लागू लॉकडाउन के प्रतिबंधों से इतर देश भर के लाखों किसान अपने खेत में काम कर सकते हैं। हालांकि अधिकारी ने यह भी कहा कि यह तय करना राज्य पर निर्भर होगा कि कृषि कार्य को लॉकडाउन से मुक्त करने के इस आदेश को सुरक्षित तरीके से वे कैसे लागू करें।

कोविड-19 संक्रमण से निपटने भारत में लागू लॉकडाउन के कारण फसलों के साथ ही साग-भाजी उगाने वाले वर्ग को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। यदि इस वर्ग को लॉकडाउन के प्रतिबंधों से मुक्त किया जाता है तो ग्रामीण इलाकों की आय में सुधार हो सकेगा। हालांकि प्रतिबंधों से मुक्ति के बाद भी उसे लागू करने के मामले में गेंद राज्य सरकार के पाले में ही रहेगी।

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