राज एक्सप्रेस। भारत में कोरोनावायरस के चलते हुए नुकसान को देखते हुए हाल ही में अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपए के फंड की बात की थी। वहीं, बीते दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उस फंड के वितरण को लेकर जानकारी दी थी। वह अभी तक 2 किस्त को लेकर जानकारी दे चुकी हैं। वहीं, उन्होंने आज फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तीसरी किश्त की जानकारी दी।
फंड से जुड़ी जानकारी :
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया था कि, फंड में मिलने वाली 20 लाख करोड़ रुपए के रकम में से किसको कितना दिया जाएगा। वहीं आज वित्त मंत्री ने 4:00 बजे से एक बार फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर इस रकम की तीसरी किस्त के बारे में जानकारी दी। हालांकि, उन्होंने कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में ही सप्लाई चैंस से जुड़ी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कही गई बात का जिक्र किया। उसके बाद उन्होंने अपनी स्पीच में तीसरी किश्त के बारे में ऐलान किए।
वित्त मंत्री द्वारा किए गए ऐलान :
वित्त मंत्री सीतारमण ने तीसरी किस्त के अंतर्गत हर्बल कल्टीवेशन के प्रमोशन के लिए 4 हजार करोड़ रुपए की योजना बनाई गई है। इसमें 25 लाख एकड़ भूमि में खेती की जाएगी। बाकी 5 हजार करोड़ की आय किसानों में बढ़ती जाएगी, साथ ही गंगा के किनारे प्लांटेशन किया जाएगा।
इस किश्त के अंदर ही मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपए के फंड का प्लान भी बनाया गया है। जिससे सरकार ग्रामीण इलाकों में 2 लाख मधुमक्खी पालन करने वालों को फायदा दे सकेगी।
मछली पालन के लिए फंड :
वित्त मंत्री सीतारमण ने 'प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना' के अंतर्गत मछुआरों को 20 हजार करोड़ रुपए का फंड देने का ऐलान किया है। जिससे सरकार समुद्री और अंतर्देशीय मत्स्य पालन के विकास के लिए PMMSY की शुरुआत कर सकेगी। इसके अलावा समुद्री और अंतर्देशीय मत्स्य पालन और एक्वा कल्चर से जुड़ी प्रोसेस के लिए 11 हजार करोड़ रुपए का फंड देने का ऐलान किया है। जिस के द्वारा आधारभूत ढांचे के विकास के लिए 9000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया जाएगा और अगले 5 साल में 7000000 टन अतिरिक्त मछलियों का उत्पादन हो सकेगा।
पशु पालन इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर ऐलान :
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पशुपालन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड के लिए 15 हजार करोड़ रुपए देने का ऐलान किया है। जिससे पशुपालन से जुड़ी क्रियाकलापों में विकास किया जाएगा साथ ही 53 करोड़ पशुओं के टीकाकरण की 13343 करोड़ रुपए की योजना बनाई जाएगी। उन्होंने दूध के अतिरिक्त उत्पादन वाले देश के विभिन्न इलाकों में डेयरी क्षेत्र के प्राइवेट निवेश को लेकर भी संभावनाएं जताई हैं।
माइक्रोफूड इंटरप्राइजेज के फायदे :
वित्त मंत्री ने क्लस्टर अप्रोच से जुड़े बिहार के मखाने और जम्मू कश्मीर की केसर को लेकर भी बात कही। उन्होंने माइक्रोफूड इंटरप्राइजेज के फायदे के लिए 10 हजार करोड़ रुपए के निवेश की योजना बनाई है। जिससे दो लाख माइक्रोफूड इंटरप्राइजेज को फायदा होगा। सरकार का इस योजना का मुख्य उद्देश्य स्थानीय कृषि उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत बनाने का है। बता दें, यह सरकार के 'वोकल फॉर लोकल' के आह्वान से जुड़ा है। जिसमें क्लस्टर आधारित एप्रोच को अपनाया जाएगा इसमें महिलाएं और SC-ST पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
कृषि से जुड़ा फंड :
बता दें, सरकार द्वारा कोरोना वायरस से प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति देने के उद्देश्य से आत्मनिर्भर भारत अभियान की तीसरी किश्त कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों से जुड़ी रही जिसमें कृषि से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने पर जोर दिया गया है और इस क्षेत्र के लिए 1.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक की योजनायें घोषित की गयी हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी कांफ्रेंस के दौरान ऐलान करते हुए कृषि के आधारभूत ढांचे को लाने के लिए 1.50 लाख करोड़ रुपए का फंड जुटाने की बात भी कही है। इस फंड के द्वारा भंडारण क्षमता एवं मूल्य संवर्धन मदद मिलेगी। भविष्य में निर्यात में काफी मदद मिलेगी और उसका लाभ कृषि सहकारी सोसायटी कृषि उत्पादक संगठनों को मिलेगा।
किसान को होने वाला फायदा :
कांफ्रेंस के दौरान ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि, बीते 2 महीने में पीएम किसान योजना के जरिए करोड़ों किसानों के अकाउंट में लगभग 18700 करोड़ रुपए का फंड ट्रांसफर किया गया है। इसी के साथ पीएम फसल बीमा योजना के अंतर्गत 6400 करोड़ रुपए चेक क्लेम भी रिलीज किए गए। इतना ही नहीं किसानों को फायदा दिलाने के लिए सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य के जरिए लगभग 74300 करोड रुपए का अनाज भी खरीदा।
सीतारमण ने कहा कि पर्याप्त कोल्ड चेन और उत्पादन के बाद प्रबंधन से जुड़ी आधारभूत सुविधाओं के विकास के वास्ते फार्म गेट इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए एक लाख करोड़ रुपये का एग्रि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि, फार्म गेट और एग्रिगेशन केन्द्र पर सुविधायें उपलब्ध कराने पर यह राशि व्यय की जायेगी। इस फंड की शीघ्र ही स्थापना की जायेगी।
दूध की मांग में गिरावट :
वित्त मंत्री सीतारमण ने बताया कि, लॉकडाउन की समय अवधि के दौरान दूध की मांग में लगभग 25% तक की गिरावट दर्ज की गई है। इस गिरावट को देखते हुए लॉकडाउन में को ऑपरेटिव ने हर दिन 560 लाख लीटर दूध खरीदा है जबकि आमतौर पर 360 लाख लीटर दूध ही हर दिन खरीदा जाता है। यानी सरकार ने लॉक डाउन के दौरान 111 करोड़ लीटर एक्स्ट्रा दूध खरीदा और उसके लिए 4100 करोड़ रुपए का एक्स्ट्रा भुगतान भी किया है।
बता दें, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 306 कृषि से जुड़े मामलों में कृषि एवं संबंधित गतिविधियों के लिए लगभग 11 बड़े ऐलान करेंगी जिनमें से आठ ऐलान बुनियादी ढांचे से जुड़े होंगे और बाकी के तीन प्रशासनिक मामलों से जुड़े होंगे। बताते चलें, इससे पहले वित्त मंत्री सीतारमण द्वारा कॉन्फ्रेंस कर कई घोषणाएं की थी। जिनमें, MSME, EPFO, किसान, मजदूर, हाउसिंग लोन को मुख्य तौर पर शामिल किया गया था।
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