Budget 2021 : वित्त मंत्री सीतारमण ने डिजिटल बजट में दीं कई बड़ी सौगातें

बजट 2021 : कोरोना महामारी के चलते इस साल का बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेपरलेस पेश किया। उन्होंने बजट के दौरान हेल्थ और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर सहित कई सेक्टरों के लिए बड़ी घोषणाएं की।
Budget 2021 : वित्त मंत्री ने दी बड़ी सौगातें
Budget 2021 : वित्त मंत्री ने दी बड़ी सौगातेंSyed Dabeer Hussain - RE

बजट 2021 : हर साल की तरह इस साल भी बजट (Budget 2021) पेश हो चुका है, जिसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया। इस साल कई अहम फैसले लिए गए, कई फैसले जनता के हित में थे तो, कई हित से बाहर। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह बजट आज 11 बजे पेश किया। बता दें, कोरोना महामारी के चलते इस साल का बजट पेपरलेस पेश किया गया। वित्तमंत्री ने बजट 2021 को अपने एक टैब के माध्यम से पेश किया। चलिए एक नजर डालते हैं क्या-क्या है नए साल के इस बजट 2021 में।

टैब से पेश हुआ इस साल का बजट :

आज बजट पेश करने की शुरुआत में ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि, 'कोविड -19 संकट के बाद से अब तक सरकार कई मिनी बजट ला चुकी है। यह बजट छह प्रमुख स्तंभों पर आधारित है।' उन्होंने बजट के दौरान हेल्थ और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए बड़ी घोषणाएं की हैं। उन्होंने संसद में बजट पेश करने से पहले ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। साथ ही वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर और वित्त मंत्रालय के अन्य अधिकारी भी बजट पेश होने के दौरान उपस्थित रहे। वित्त मंत्री ने बताया कि,

बजट अनुमान 2020-21 में हमने पूंजीगत व्यय के लिए 4.12 लाख करोड़ रूपये प्रदान किये थे, लेकिन बर्ष के अंत तक लगभग 4.39 लाख करोड़ खर्च करने की उम्मीद रखते हैं। प्रिवेंटिव, क्यूरेटिव और वेल बीइंग पर फोकस होगा। प्राइमरी से लेकर उच्च स्तर तक की स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च करेंगे। नई बीमारियों पर फोकस होगा। 75 हजार ग्रामीण हेल्थ सेंटर, सभी जिलों में जांच केंद्र, क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक 602 जिलों में, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल, इंटिग्रेटेड हेल्थ इन्फो पोर्टल को मजबूत बनाया जाएगा। 17 नए पब्लिक हेल्थ यूनिट को चालू किया जाएगा। 32 एयरपोर्ट पर भी ये बनेंगे। नेशनल इंस्टीट्यूशन ऑफ वर्ल्ड हेल्थ बनेगा। 9 बायो लैब बनेगा। चार नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरॉलजी बनेगा।
निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री

बजट 2020 से जुड़े मुख्य बिंदु :

  • आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना का ऐलान - इस योजना के लिए अगले छह सालों का बजट 64,180 करोड़ निर्धारित किया गया।

  • बजट 2021 राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अतिरिक्त रहेगा।

  • इस साल के बजट में गांव से लेकर शहरों तक स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा दिया गया है।

  • पोषण पर फोकस - 112 आकांक्षी जिलों में इस पर खास ध्यान दिया जाएगा।

  • जल जीवन मिशन (अर्बन) लॉन्च किया जाएगा। इसके तहत सभी शहरी निकायों पर काम होगा।

  • 500 अमृत शहरों में सैनिटाइजेशन पर काम होगा। जिसमें 2 लाख 80 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे।

  • देश में स्वच्छ भारत का संकल्प जारी रहेगा। इसके तहत अगले पांच साल में शहरी स्वच्छ भारत मिशन 2.0 पर एक लाख 41 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे।

  • प्रदूषण कंट्रोल करने के लिए पुरानी कारों को स्क्रैप किया जाएगा।

  • तेल आयात बिल घटेगा।

  • ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर बनाए जाएंगे।

  • प्राइवेट व्हीकल्स 20 साल बाद इन सेंटर ले जाने प्रावधान तय किया गया है।

  • 139 गीगाबाइट की क्षमता जोड़ी गई है।

  • कस्टमर के पास अब ये सुविधा होगी कि वो अपने पंसद का बिजली डिस्ट्रीब्यूटर चुन सकें।

  • बजट के दौरान डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों की माली हालत पर चिंता जताते हुए स्कीम लाने कही गई।

हेल्थ बजट -

  • हेल्थ बजट कुल 2 लाख 32 हजार करोड़ रुपए का होगा। पिछले साल की तुलना में 137% की बढ़त के साथ वित्त वर्ष 2021-22 के लिए हेल्थ बजट 2,32,846 करोड़ रुपये का रखा गया।

  • कोविड वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ आवंटित किया गया है। जरूरत पड़ने पर और फंड दिया जाएगा।

कई सेक्टर्स के लिए हुई बड़ी घोषणा :

प्रॉडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव स्कीम - ग्लोबल चैंपियन बनाने के लिए भारत का लक्ष्य ग्लोबल सप्लाई चेन में शामिल करना है। सरकार ने इसके लिए 1.5 लाख करोड़ रुपए का ऐलान किया था।

राष्ट्रीय रेल योजना - भारतीय रेलवे ने देश के लिए एक राष्ट्रीय रेल योजना 2030 तैयार की है, जिसका उद्देश्य हमारे उद्योगों के लिए परिवहन लागत को कम करना है। ( वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया)

  • रेल-रोड कॉरिडोर्स - देश में डेवलपमेंट फाइनेंसियल इंस्टीट्यूट बनाया जाएगा।

  • रेलवे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, एनएचएआई के टोल रोड, एयरपोर्ट जैसे संसाधनों को असेट मोनेटाइजेशन मैनेजमेंट के दायरे में लाया जाएगा।

  • समर्पित मालवाही गलियारा DFCC, कमीशनिंग के बाद ऑपरेशन ऐंड मेंटनेंस के साथ बेचा जाएगा।

  • बजट में 4.39 लाख करोड़ रुपए का कैपिटल एक्सपेंडीचर के लिए खर्च होंगे। जबकि, अगले साल 5.54 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान है।

  • भारतमाला प्रॉजेक्ट के तहत 3 हजार किलोमीटर से ज्यादा लंबी सड़कें बन चुकी हैं।

  • 8 हजार किलोमीटर का कॉन्ट्रैक्ट मार्च तक दिया जाएगा।

  • रोड इन्फ्रा और इकॉनमिक कॉरिडोर पर काम जारी है। इसके तहत तमिलनाडु में

  • 3500 किलोमीटर लंबी सड़क बन रही है। इस योजना में मदुरई-कोल्लम कॉरिडोर और केरल में 1100 किलोमीटर लंबी नेशनल हाइवे वर्क्स भी शामिल है। इस योजना पर 65 हजार करोड़ रुपए खर्च किये जाएंगे। इसी योजना में मुंबई-कन्याकुमारी कॉरिडोर, कोलकाता-सिल्लीगुड़ी रोड का रिपेयर और बंगाल में 6500 किलोमीटर हाईवे शामिल है। इन पर 25 हजार करोड़ रुपए खर्च होगा।

  • एक लाख 18 हजार करोड़ रुपए रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री के लिए दिया जाएगा।

  • फ्यूचर रेडी रेल सिस्टम बनाना लक्ष्य।

  • मेक इन इंडिया पर फोकस करते हुए वेस्टर्न और ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर जून, 2022 तक तैयार हो जाएगा।

  • सोन नगर - गोमो सेक्शन पीपीपी मोड पर बनेगा।

  • ईस्ट कोस्ट कॉरिडोर खड़गपुर-विजयवाड़ा, इटारसी-विजयवाड़ा कॉरिडोर बनाया जाएगा।

  • ब्रॉड गेज - इलेक्ट्रिफाइड रेल लाइन की लंबाई 46 हजार किलोमीटर है।

  • दिसंबर, 2023 तक 100 परसेंट इलेक्ट्रिफिकेशन होगा।

  • एलएचबी कोच टूरिस्ट रूट पर दिया जाएगा।

  • हाई डेंसिटी नेटवर्क में स्वदेशी तकनीक से बना रेल प्रोटेक्शन सिस्टम लगाया जाएगा।

  • एक लाख 10 हजार करोड़ रुपए रेलवे के लिए प्रावधान किया गया है।

मेट्रो लाइन का विस्तार :

वित्त मंत्री ने बताया कि, 702 किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइन बन चुकी है। 1016 किलोमीटर बन रही है। 27 शहरों में काम जारी है। इसके तहत मेट्रो लाइट, मेट्रो नियो नाम से दो नई तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।

  • कोच्चि मेट्रो फेज-2 में 11 किलोमीटर लंबी लाइन, चेन्नई मेट्रो के तहत 100 किलोमीटर लंबी लाइन बनेगी।

  • बेंगलुरु मेट्रो प्रोजेक्ट का भी विस्तार होगा।

  • नागपुर और नासिक मेट्रो प्रोजेक्ट को भी केंद्र की मदद मिलेगी।

विनिवेश होगा तेज :

  • बीपीसीएल, भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड जैसी कंपनियों का विनिवेश 2022 तक हो जाएगा।

  • 2021-22 में दो और सरकारी कंपनियों का विनिवेश होगा।

  • LIC का IPO आएगा।

  • रणनीतिक और गैर-रणनीतिक, दोनों क्षेत्रों की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का विनिवेश किया जाएगा।

  • सरकार को विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ रुपए प्राप्त होगा।

  • ईज ऑफ डुइंग बिजनेस के लिए अलग से प्रशासनिक तंत्र गठित किया जाएगा।

  • 15वीं वित्त आयोग की सिफारिशों के मुताबिक केंद्रीय योजनाओं को कम किया जाएगा।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के लिए इस वर्ष के बजट से अनुमान 94,452 करोड़ रूपये की तुलना में 2021-22 में 2,23,846 करोड़ रुपये आवंटित होंगे। कोरोना के समय भी पेट्रोलियम सप्लाइ में रुकावट नहीं आई। उज्जवला स्कीम से 8 करोड़ परिवारों को फायदा हुआ, अब एक करोड़ परिवार और जुड़ेंगे। 100 नए शहर सिटी गैस वितरण में जोड़े जाएंगे।
निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री

किसानों के हित में फैसले :

  • ऑपरेशन ग्रीन स्कीम के तहत 22 जल्दी नष्ट होने वाली सब्जियां शामिल होंगी।

  • ई-नाम के तहत 1000 और मंडियां जुड़ेंगी।

  • एग्रीकल्चर इन्फ्रा फंड एपीएमसी के लिए उपलब्ध होगा।

  • रूरल इन्फ्र फंड में 40 हजार करोड़ रुपए। देश में पांच बड़े फिशिंग हब बनेंगे।

MSP के तहत खरीद :

वित्त मंत्री ने कहा, 'हम किसानों के कल्याण के लिए काम करते रहेंगे। आमदनी दोगुनी करने के टार्गेट पर कायम हैं। अनाज की खरीद बढ़ी है। 2013-14 में गेहूं पर सरकार ने 33 हजार करोड़ रुपए खर्च किए, 2019 में हमने 63 हजार करोड़ रुपए की खरीदारी की जो बढ़ कर लगभग 75 हजार करोड़ रुपए हो गई है। 2020-21 में 43 लाख किसानों को इसका फायदा मिला। धान खरीदारी पर 2013-14 में 63 हजार करोड़ रुपए खर्च हुए, ये बढ़ कर 1 लाख 45 हजार करोड़ रुपए हो चुका है। इस साल ये आंकड़ा एक लाख 72 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है। 1.2 करोड़ किसानों को पिछले साल फायदा हुआ। इस बर डेढ़ करोड़ किसानों को फायदा हुआ। दाल की खरीदारी में 236 करोड़ रुपए 2014 में खर्च हुए। हम इस साल 10 हजार 500 करोड़ रुपए की खरीदारी करेंगे। 40 गुना इजाफा हुआ है। इस साल स्वामित्व स्कीम शुरू किया गया। अब तक 1.8 लाख लोगों को कार्ड मिला है। 2021 में सभी राज्यों को इसके दायरे में लाया जाएगा।'

एजुकेशन से जुड़े फैसले :

  • नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP-2020) को तहे दिल से स्वीकार किया गया है।

  • प्राइवेट सेक्टर की मदद से 100 नए सैनिक स्कूल बनेंगे।

  • कानून में संशोधन कर हायर एजुकेशन कमीशन बनेगा।

  • लद्दाख के लेह में सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाई जाएगी।

  • आदिवासी इलाकों में 758 एकलव्य स्कूल बनाये जाएंगे। इस योजना के तहत एक स्कूल पर 38 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

  • अनुसूचित जातियों के लिए 35 हजार करोड़ रुपए के स्कॉलरशिप दिए गए। चार करोड़ स्टूडेंड को फायदा होगा। अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए मार्जिन मनी की जरूरत 25% से घटाकर 15% किया गया।

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