राज एक्सप्रेस।12 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई अपील और आत्मनिर्भरता की बात कही थी, इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई राहत पैकेज को लेकर भी बात की थी। वहीं आज 4:00 बजे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऑनलाइन प्रेस कांफ्रेंस बुलाई थी। जिसमें प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कई बातों को लेकर ही बड़े ऐलान किये गए।
किए गए कई बड़े एलान :
4:00 बजे हुई इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कल किए गए ऐलानों से जुड़ी कई राहत पैकेज की घोषणा की गई है। इस बैठक में 20 हजार करोड़ रुपए में से कितना पैसा कहां दिया जाएगा इस बारे में जिक्र किया गया और बड़े ऐलान हुए। जिनमे एमएसएमई, एनबीएफसी, एमएफआई, डिस्कॉम, रियल एस्टेट, टैक्स और कॉन्ट्रैक्टर्स सेक्टर शामिल है।
बड़े ऐलान :
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बैठक के दौरान 6 महीने तक के लिए एक्सटेंशन देने की बात कही है। इससे सभी सरकारी एजेंसी जिससे रेलवे, हाईवे आदि को 6 महीने तक के लिए राहत मिलेगी।
टीडीएस और टीजीएस के लिए 25% भुगतान में छूट देने की बात कही गई बता दें यह छूट 31 मार्च 2021 तक जारी रहेगी इसमें 50 हजार करोड़ रुपए का फायदा होगा।
पीपीपी में भी 6 महीने तक की राहत देने को लेकर चर्चा की जाएगी। साथ ही मकान पूरा करने के लिए बिल्डरों को भी समय देने की बात कही गई।
24% सरकार जमा करेगी PF में
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान EPF एक बड़ा मुद्दा रहा EPF को लेकर कहां की 3 महीने तक EPF के लिए दी गई सहायता को बढ़ाया जाएगा और पहले मार्च-अप्रैल मई तक ही दी जाने वाली थी लेकिन अभी से 15000 से कम सैलरी वालों को आगे भी दी जाएगी ईपीएफ के लिए सरकार सैलरी का 24% पीएस में जमा करेगी बता दें सरकार ने यह कदम होम सैलरी बढ़ाने के लिए उठाया है।
कम रेटिंग वाले एनबीएफसी को भी कर्ज :
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान निर्मला सीतारमण ने बताया कि, एनबीएफसी के लिए 30 हजार करोड़ रुपए की योजना बनाई गई है। जिन कामों को कैश फ्लो की दिक्कत हो रही है। उनके लिए 90 हजार करोड़ की सहायता देने की बात कही गई है। एनबीएफसी को 45 हजार करोड़ की पहले से ही चल रही योजना का विस्तार होगा साथ ही आंशिक ऋण गारंटी योजना का भी विस्तार किया जाएगा इस योजना के तहत डबल या उससे भी कम रेटिंग वाली एनबीएफसी को भी कर्ज प्राप्त हो सकेगा।
MSME को मिलेगी बड़ी मदद :
इस कांफ्रेंस के दौरान MSME के लिए सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं। इन फैसलों के तहत तय किया गया है कि, ज्यादा निवेश वाली कंपनियों को MSME के दायरे में रखा जाएगा। जिन कंपनियों को पहले सिर्फ निवेश के आधार पर तय किया जाता था वहीं, उन कंपनियों को अब टर्नओवर के आधार पर MSME में रखा जाएगा। वहीं माइक्रो यूनिट में 5 करोड़ तक का निवेश माना जाता था। वहीं, अब वह 1करोड़ के निवेश करने वाली कंपनियों को माइक्रो यूनिट में रखा जाएगा। इनके अलावा अब कुछ कंपनियों का निवेश एक करोड़ तक हो सकेगा साथ ही उनका टर्नओवर 5 करोड़ तक जा सकेगा। अब 10 करोड़ तक तक निवेश और 50 करोड़ तक का कारोबार करने वाली अब स्मॉल और 20 करोड़ तक निवेश व 100 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली यूनिट को माइक्रो यूनिट के अंदर ही शामिल किया जाएगा।
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