वित्त मंत्री सीतारमण ने रूस-यूक्रेन विवाद मामले के ट्रेड पर असर ना होने की बात कही

रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे विवाद पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने साफ़-साफ़ जानकारी दी है। हालांकि, यह मामला भारत के लिए काफी चुनौतीपूर्ण है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि; उच्च मांग वाले टॉप फाईव फ्यूल के GST के दायरे में न आने की वजह क्या है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि; उच्च मांग वाले टॉप फाईव फ्यूल के GST के दायरे में न आने की वजह क्या है।Syed Dabeer Hussain - RE

राज एक्सप्रेस। रूस-यूक्रेन के बीच काफी समय से लगातार विवाद छिड़ा हुआ है। यह मामला लगातार गंभीर रूप लेता जा रहा है। पिछले कुछ समय से ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि, इसके मामले का सीधा असर ट्रेड पर भी पड़ेगा, लेकिन अब इस मामले में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने साफ़-साफ़ जानकारी दी है। हालांकि, यह मामला भारत के लिए काफी चुनौतीपूर्ण है।

वित्त मंत्री सीतारमण ने दी जानकारी :

दरअसल, रूस-यूक्रेन संकट दिन प्रति दिन बड़ा रूप लेता जा रहा है। इस मामले के चलते देश में भी अलग-अलग अनुमान लगाए जा रहे हैं। इसी बीच वित्तीय मामलों की खबर रखने वाली वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया है कि,

'रूस-यूक्रेन संकट और वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों (Crude Oil Price) में तेजी भारत में वित्तीय स्थिरता के लिए चुनौती है। दोनों मुद्दों पर वित्तीय स्थिरता विकास परिषद (एफएसडीसी) की बैठक में विचार किया गया। परिषद में सभी वित्तीय क्षेत्र के नियामक शामिल हैं। यह कहना मुश्किल है कि कच्चे तेल की कीमत कहां जाएंगी। एफएसडीसी की आज हुई बैठक में भी हमने उन चुनौतियों पर गौर किया जिससे वित्तीय स्थिरता को खतरा है। कच्चा तेल उनमें से एक है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हालात चिंताजनक है। हमने यूक्रेन में विकसित हो रहे हालात के लिए राजनयिक समाधान को लेकर आवाज उठाई है...ये सभी चुनौतियां हैं।’

निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री

कच्चे तेल पर वित्त मंत्री का कहना :

वित्त मंत्री सीतारमण ने आगे कहा कि, 'मंगलवार को ब्रेंट क्रूड 96 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर पहुंच गया। देश की इस पर नजर है। पेट्रोलियम मार्केटिंग कंपनियां खुदरा मूल्यों के बारे में निर्णय करेंगी। वैश्विक स्तर पर तनाव से व्यापार पर असर नहीं पड़ा है लेकिन सरकार स्थिति पर नजर रखे हुए है। हम इस बात को लेकर सतर्क हैं कि निर्यातकों पर इन सबका असर नहीं पड़े।'

LIC के IPO से जुड़े सवाल टाले :

वित्त मंत्री ने जीवन बीमा निगम (LIC) के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) से जुड़े सवालों पर कोई उत्तर न देते हुए उन्हें टाल दिया है। इस मामले में उनका कहना है कि, '60,000 करोड़ रुपये से अधिक के निर्गम के लिये बीमा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी LIC ने SEBI के पास विवरण पुस्तिका जमा की है। इसके बाद से बाजार में इसको लेकर चर्चा और रुचि है। सरकार इस संबंध कदम बढ़ा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की खामियों को देख रही है।

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