काफी समय के बाद का विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार में दर्ज हुई गिरावट

RBI के अनुसार, देश का विदेशी मुद्रा भंडार (IMF) कुछ लुढ़कता हुआ सा नजर आरहा है। इतना ही नहीं इसके साथ ही देश के स्वर्ण भंडार की कीमत में भी गिरावट दर्ज की गई है।
काफी समय के बाद का विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार में दर्ज हुई गिरावट
काफी समय के बाद का विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार में दर्ज हुई गिरावटSyed Dabeer Hussain - RE

राज एक्सप्रेस। देश में जितना भी विदेशी मुद्रा भंडार जमा होता है, उसके आंकड़े समय-समय पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए जाते हैं। वहीं, अब RBI ने एक बार फिर नए आंकड़े शनिवार को जारी कर दिए हैं। जिनके अनुसार, देश का विदेशी मुद्रा भंडार (IMF) कुछ लुढ़कता हुआ सा नजर आरहा है। इतना ही नहीं इसके साथ ही देश के स्वर्ण भंडार की कीमत में भी गिरावट दर्ज की गई है। बता दें, यदि विदेशी मुद्रा परिस्थितियों में बढ़त दर्ज की जाती है तो, कुल विदेशी विनिमय भंडार में भी बढ़त दर्ज होती है।

RBI के ताजा आंकड़े :

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा शनिवार को जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 18 जून 2021 को समाप्त सप्ताह में 4.148 अरब डॉलर घटकर 603.933 अरब डॉलर पर आ गिरा है। पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 11 जून 2021 को समाप्त सप्ताह में 600 अरब डॉलर को पार करते हुए नए रिकॉर्ड को भी पार कर गया था। उस सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार 3.074 अरब डॉलर बढ़कर 608.081 अरब डॉलर पर पहुंच गया था, लेकिन अब इसमें गिरावट दर्ज की गई है। RBI के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा परिस्थितियों में बढ़त दर्ज होने की वजह से कुल विदेशी विनिमय भंडार में बढ़त हुई है और विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी मुद्रा भंडार का एक अहम भाग मानी जाती हैं।

आंकड़ों के अनुसार FCA :

RBI के साप्ताहिक आंकड़ों पर नजर डालें तो, समीक्षाधीन अवधि में विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (FCA) 1.918 अरब डॉलर घटकर 561.540 अरब डॉलर रह गयी। बता दें, FCA को डॉलर में दर्शाया जाता है, लेकिन इसमें यूरो, पौंड और येन जैसी अन्य विदेशी मुद्रा सम्पत्ति भी शामिल होती हैं।

गोल्ड रिजर्व की वैल्यू :

बताते चलें, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत के गोल्ड रिजर्व की वैल्यू में भी गिरावट दर्ज की गई है। यह घटकर 2.170 अरब डॉलर घटकर 35.931 पर आ पहुंची है। इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) में देश का स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (SDR) 1.4 करोड़ डॉलर घटकर 1.499 अरब डॉलर हो गया। जबकि IMF के पास आरक्षित मुद्रा भंडार 4.6 करोड़ डॉलर कम हो कर 4.965 अरब डॉलर रहा।

क्या है विदेशी मुद्रा भंडार ?

विदेशी मुद्रा भंडार देश के रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, जिनका उपयोग जरूरत पड़ने पर देनदारियों का भुगतान करने में किया जाता है। पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। इसका उपयोग आयात को समर्थन देने के लिए आर्थिक संकट की स्थिति में भी किया जाता है। कई लोगों को विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी का मतलब नहीं पता होगा तो, हम उन्हें बता दें, किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी अच्छी बात होती है। इसमें करंसी के तौर पर ज्यादातर डॉलर होता है यानि डॉलर के आधार पर ही दुनियाभर में कारोबार किया जाता है। बता दें, इसमें IMF में विदेशी मुद्रा असेट्स, स्वर्ण भंडार और अन्य रिजर्व शामिल होते हैं, जिनमें से विदेशी मुद्रा असेट्स सोने के बाद सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं।

विदेशी मुद्रा भंडार के फायदे :

  • विदेशी मुद्रा भंडार से एक साल से अधिक के आयात खर्च की पूर्ति आसानी से की जा सकती है।

  • अच्छा विदेशी मुद्रा आरक्षित रखने वाला देश विदेशी व्यापार का अच्छा हिस्सा आकर्षित करता है।

  • यदि भारत के पास भुगतान के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा उपलब्ध है तो, सरकार जरूरी सैन्य सामान की तत्काल खरीदी का निर्णय ले सकती है।

  • विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता को कम करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार की प्रभाव पूर्ण भूमिका होती है।

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