देश का विदेशी मुद्रा भंडार पंहुचा 600 अरब डॉलर के पार

देश के विदेशी मुद्रा भंडार (IMF) में 600 अरब डॉलर से ज्यादा की बढ़त दर्ज की गई। साथ ही देश के स्वर्ण भंडार में भी बढ़त दर्ज की गई है। इस बारे में जानकारी शुक्रवार को RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने दी।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार पंहुचा 600 अरब डॉलर के पार
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राज एक्सप्रेस। देश में जितना भी विदेशी मुद्रा भंडार जमा होता है, उसके आंकड़े समय-समय पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए जाते हैं। वहीं, अब RBI ने एक बार फिर नए आंकड़े जारी कर दिए हैं। जिनके अनुसार, देश के विदेशी मुद्रा भंडार (IMF) में 600 अरब डॉलर से ज्यादा की बढ़त दर्ज की गई है। इतना ही नहीं इसके साथ ही देश के स्वर्ण भंडार की कीमत में भी बढ़त दर्ज की गई है। बता दें, इस बारे में जानकारी शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने दी।

RBI के ताजा आंकड़े :

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 21 मई 2021 को समाप्त हुए सप्ताह में 2.865 अरब डॉलर बढ़कर 592.894 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। जबकि, पिछले समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 1.444 अरब डॉलर बढ़कर 589.465 अरब डॉलर रह गया था। इस प्रकार विदेशी मुद्रा भंडार संभवत: 600 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गया है। बता दें, यदि विदेशी मुद्रा परिस्थितियों में बढ़त दर्ज की जाती है तो, कुल विदेशी विनिमय भंडार में भी बढ़त दर्ज होती है। इस बार दर्ज की गई बढ़त विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है।

RBI के गवर्नर का कहना :

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि, 'देश का विदेशी मुद्रा भंडार संभवत: 600 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर को पार कर गया है। हाल में विदेशी पूंजी प्रवाह काफी तेजी से बढ़ा है जिससे विदेशी मुद्रा भंडार का आंकड़ा ऊपर जा रहा है। इसको लेकर आधिकारिक आंकड़े बाद में जारी होंगे।' ज्ञात हो, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी मुद्रा भंडार का एक अहम भाग मानी जाती है। बताते चलें, इससे पहले विदेशी मुद्रा भंडार में सबसे ज्यादा रिकॉर्ड ऊंचाई 29 जनवरी 2021 को समाप्त सप्ताह में 590.185 अरब डॉलर थी।

क्या है विदेशी मुद्रा भंडार ?

विदेशी मुद्रा भंडार देश के रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, जिनका उपयोग जरूरत पड़ने पर देनदारियों का भुगतान करने में किया जाता है। पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। इसका उपयोग आयात को समर्थन देने के लिए आर्थिक संकट की स्थिति में भी किया जाता है। कई लोगों को विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी का मतलब नहीं पता होगा तो, हम उन्हें बता दें, किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी अच्छी बात होती है। इसमें करंसी के तौर पर ज्यादातर डॉलर होता है यानि डॉलर के आधार पर ही दुनियाभर में कारोबार किया जाता है। बता दें, इसमें IMF में विदेशी मुद्रा असेट्स, स्वर्ण भंडार और अन्य रिजर्व शामिल होते हैं, जिनमें से विदेशी मुद्रा असेट्स सोने के बाद सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं।

विदेशी मुद्रा भंडार के फायदे :

  • विदेशी मुद्रा भंडार से एक साल से अधिक के आयात खर्च की पूर्ति आसानी से की जा सकती है।

  • अच्छा विदेशी मुद्रा आरक्षित रखने वाला देश विदेशी व्यापार का अच्छा हिस्सा आकर्षित करता है।

  • यदि भारत के पास भुगतान के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा उपलब्ध है तो, सरकार जरूरी सैन्य सामान की तत्काल खरीदी का निर्णय ले सकती है।

  • विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता को कम करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार की प्रभाव पूर्ण भूमिका होती है।

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