भारत के विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार के ताजा आंकड़े
राज एक्सप्रेस। देश में जितना भी विदेशी मुद्रा भंडार जमा होता है, उसके आंकड़े समय-समय पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए जाते हैं। वहीं, अब RBI ने एक बार फिर नए आंकड़े जारी कर दिए हैं। जिनके अनुसार, देश का विदेशी मुद्रा भंडार (IMF) कुछ लुढ़कता हुआ सा नजर आरहा है। इतना ही नहीं इसके साथ ही देश के स्वर्ण भंडार की कीमत में भी गिरावट दर्ज की गई है।
RBI के ताजा आंकड़े :
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 12 फरवरी 2021 को समाप्त में 24.9 करोड़ डॉलर घटकर 583.697 अरब डॉलर पर आ पहुंचा। जबकि पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 6.24 अरब डॉलर घटकर 583.945 अरब डॉलर पर था। RBI के आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन अवधि में विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (FCA) के घटने के चलते मुद्रा भंडार में गिरावट दर्ज की गई है। विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी मुद्रा भंडार का एक अहम भाग मानी जाती है। इसके अलावा 29 जनवरी 2021 को समाप्त सप्ताह में मुद्रा भंडार 590.185 अरब डॉलर के रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था।
आंकड़ों के अनुसार FCA :
RBI के साप्ताहिक आंकड़ों पर नजर डालें तो, पांच फरवरी को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (FCA) के घटने की वजह से मुद्रा भंडार में गिरावट दर्ज की गई है। इस प्रकार समीक्षाधीन अवधि में विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (FCA) 1.387 अरब डॉलर घटकर 540.951 अरब डॉलर रह गयी। बता दें, FCA को डॉलर में दर्शाया जाता है, लेकिन इसमें यूरो, पौंड और येन जैसी अन्य विदेशी मुद्रा सम्पत्ति भी शामिल होती हैं।
गोल्ड रिजर्व की वैल्यू :
बताते चलें, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी तजा आंकड़ों के अनुसार, भारत के गोल्ड रिजर्व की वैल्यू में भी गिरावट दर्ज की गई है। दो लगातार सप्ताह में गिरावट के बाद 12 फरवरी को समाप्त सप्ताह के दौरान गोल्ड रिजर्व की वैल्यू 1.26 अरब डॉलर बढ़कर 36.227 अरब डॉलर पर आ पहुंची है। इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) में देश का स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (SDR) एक करोड़ डॉलर बढ़कर 1.513 अरब डॉलरहो गया। जबकि IMF के पास आरक्षित मुद्रा भंडार 13.2 करोड़ डॉलर घटकर 5.006 अरब डॉलर रहा।
क्या है विदेशी मुद्रा भंडार ?
विदेशी मुद्रा भंडार देश के रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, जिनका उपयोग जरूरत पड़ने पर देनदारियों का भुगतान करने में किया जाता है। पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। इसका उपयोग आयात को समर्थन देने के लिए आर्थिक संकट की स्थिति में भी किया जाता है। कई लोगों को विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी का मतलब नहीं पता होगा तो, हम उन्हें बता दें, किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी अच्छी बात होती है। इसमें करंसी के तौर पर ज्यादातर डॉलर होता है यानि डॉलर के आधार पर ही दुनियाभर में कारोबार किया जाता है। बता दें, इसमें IMF में विदेशी मुद्रा असेट्स, स्वर्ण भंडार और अन्य रिजर्व शामिल होते हैं, जिनमें से विदेशी मुद्रा असेट्स सोने के बाद सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं।
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