GDP Q3 Figures : तीसरी तिमाही में जताए गए अनुमान से स्लो नजर आई GDP ग्रोथ

देश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के आधिकारिक आंकड़े जारी हो चुके हैं।इस दौरान GDP में गिरावट देखने को मिली है। यानी इस दौरान GDP ग्रोथ अनुमान से स्लो नजर आई।
तीसरी तिमाही में जताए गए अनुमान से स्लो नजर आई GDP ग्रोथ
तीसरी तिमाही में जताए गए अनुमान से स्लो नजर आई GDP ग्रोथSyed Dabeer Hussain - RE

GDP Q3 Figures : चीन में तेजी से फेल रहे कोरोना वायरस का असर दुनिया के कोने-कोने में फैला था, जिसके चलते कई देशों की अर्थव्यवस्था भी बिगड़ती नजर आई थी। वहीं, इस वायरस का कुछ असर भारत की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है। इसका अंदाजा सामने आये तीसरी तिमाही के आंकड़ों से समझ आया है। जी हां, देश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के आधिकारिक आंकड़े जारी हो चुके हैं। इस दौरान GDP में गिरावट देखने को मिली है। यानी इस दौरान GDP ग्रोथ अनुमान से स्लो नजर आई।

GDP ग्रोथ अनुमान से स्लो नजर आई :

दरअसल, आज सोमवार को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के आधिकारिक आंकड़े जारी किए गए। इस तिमाही के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था में 5.4% की बढ़त देखने को मिली। हालांकि, यह लगाए गए बढ़त अनुमान से कम रही है। इसके अलावा पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 0.7% थी। इसके अलावा अलग-अलग एजेंसियों द्वारा लगाए गए अनुमान के अनुसार भी GDP ग्रोथ 5.4% से ज्यादा होने का अनुमान लगाया गया था। बता दें, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में तुलनात्मक आधार कमजोर होने से GDP ग्रोथ की वृद्धि दर 20.3% रही थी। जबकि, दूसरी तिमाही में GDP ग्रोथ की वृद्धि दर 8.5% रही।

NSO का एडवांस अनुमान :

बताते चलें, NSO द्वारा लगाए गए एडवांस अनुमान के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी वृद्धि दर 8.9% रहने का अनुमान था। जनवरी में जारी पहले एडवांस अनुमान में मौजूदा वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 9.2% रहने की संभावना जतायी गई। वहीं, साल 2020-21 में आर्थिक वृद्धि दर में 6.6% की गिरावट दर्ज की गई थी।

खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े :

बताते चलें, आज सोमवार को अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के आधिकारिक आंकड़ों के साथ ही औद्योगिक कर्मचारियों की खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े भी जारी किए गए हैं। इन आंकड़ों के अमुसार, जनवरी में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 5.84% तक पहुंच गयी। इस दौरान मुख्य तौर पर कुछ खाने का सामान महंगा हुआ है। जिससे महंगाई की दर बढ़ी है। इस बारे में श्रम मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया है कि, 'जनवरी महीने में सालाना आधार पर मुद्रास्फीति बढ़कर 5.84 प्रतिशत पहुंच गयी जो इससे पिछले महीने दिसंबर 2021 में 5.56 प्रतिशत थी। वहीं एक साल पहले जनवरी, 2021 में यह 3.15 प्रतिशत थी।'

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