सरकार के नए IT नियमों को लेकर Google ने खटकाया दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा

सरकार के नए IT नियमों को लेक Google कंपनी ने पिछले दिनों अपना बयान दिया था, लेकिन अब इस मामले में Google ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटकाया है।
सरकार के नए IT नियमों को लेकर Google ने खटकाया दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा
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राज एक्सप्रेस। केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया के कंटेंट पर लगाम कसने के लिए 25 फरवरी, 2021 को सोशल मीडिया और OTT प्लेटफार्म के लिए कुछ नए नियम जारी किए थे। इन नियमों का पालन करने के लिए कंपनियों को तीन महीने का समय भी दिया गया था, जिसकी समय अवधि कल यानि 26 मई को पूरी हो चुकी है। उसके बाद पहले Google की तरफ से यह बयान सामने आया था कि, वह सरकार के नियमों को मानने के लिए तैयार है, लेकिन अब कंपनी अपने बयान से बदल गई है। इस मामले में Google ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटकाया।

Google ने खटकाया दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा :

दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए नए IT नियमों को लेकर IT सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी Google ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटकते हुए याचिका दायर की है। इस याचिका के द्वारा कंपनी का कहना है कि, Google सरकार के नए नियमों का पालन नहीं कर सकती क्योंकि, वह एक सर्च इंजन है और डिजिटल मीडिया के लिए IT के नियम सर्ज इंजन पर लागू नहीं किए जा सकते। इतना ही नहीं Google ने दिल्ली हाईकोर्ट से अनुरोध भी है।

Google ने किया अनुरोध :

Google द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट से अनुरोध करते हुए कहा गया है कि, 'वह एकल न्यायाधीश के उस आदेश को दरकिनार करे, जिसके तहत इंटरनेट से आपत्तिजनक सामग्री हटाने संबंधी मामले की सुनवाई के दौरान कंपनी पर भी इन नियमों को लागू किया गया था।' इसके अलावा Google कंपनी का दावा है कि, 'एकल न्यायाशीश ने 20 अप्रैल के अपने आदेश में नए नियम के अनुसार ‘सोशल मीडिया मध्यस्थ’ या ‘महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थ’ के तौर पर उसके सर्च इंजन का गलत चित्रण किया है।'

न्यायाधीश की पीठ की सुनवाई :

इस मामले में एकल न्यायाधीश की पीठ ने सुनवाई की। सुनवाई के दौरान पीठ ने एक महिला याचिकाकर्ता की अपील पर गूगल से कहा था कि, 'वो आपत्तिजनक कंटेंट को हटाए। न केवल भारत में बल्कि हर जगह ये कंटेंट 24 घंटे के भीतर हटाया जाए। महिला ने कहा था कि ये कंटेंट उसके फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट से लिया गया था और बिना उसकी सहमति के अश्लील (पॉनग्रैफिक) सामग्री दिखाने वाली एक वेबसाइट पर सर्कुलेट किया गया।' बता दें, इस मामले में कोर्ट के सामने सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने गूगल की दलीलें रखीं।

क्या है याचिका में ?

याचिका में कहा गया है कि, 'सिंगल बेंच के ऑर्डर में हमें सोशल मीडिया इंटरमिडिएरी (SMI) बताया गया है। यदि हम ऐसी पोस्ट को नहीं हटा पाते हैं तो हमें नए IT नियमों के तहत किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई से बचाया जाए, क्योंकि हम SMI नहीं हैं। हम सर्च इंजन होने के कारण IT रूल्स 2021 के तहत SMI के दायरे में नहीं आते हैं। इसके अलावा कुछ कंटेंट भारत में अपराध माने जा सकते हैं, लेकिन इन्हें भारत से बाहर जुर्म नहीं माना जाता है। ऐसे में कंटेंट को ग्लोबल स्तर पर हटाने का आदेश नहीं दिया जा सकता।' साथ ही याचिका में कहा गया है कि, 'सिंगल जज की बेंच ने जो ऑर्डर दिया है, वो बेहद बुरी मिसाल स्थापित करेगा।'

Google का पहले दिया गया बयान :

Google के CEO सुंदर पिचाई ने अपने बयान में कहा कि, 'हम सरकार द्वारा जारी किए IT नियमों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अभी शुरूआती दौर है और हमारी लोकल टीमें इसमें काफी व्यस्त हैं। किसी भी देश के स्थानीय नियमों का हम सम्मान करते हैं और कुछ मुद्दों पर उसकी सरकार के साथ बातचीत चल रही है। हमारा लक्ष्य IT नियमों के प्रावधानों का पालन करना है। कंपनी इन्हें लागू करने की दिशा में काम कर रही है।'

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