सरकार के इस नए फैसले से खाने के तेल की बढ़ती कीमत में आएगी स्थिरता

खाने के तेल की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण रखने हेतु भारत सरकार (Indian Government) ने एक अहम कदम उठाया है। भारत सरकार के इस कदम से खाने के तेल की बढ़ती कीमत में स्थिरता आएगी।
सरकार के इस नए फैसले से खाने के तेल की बढ़ती कीमत में आएगी स्थिरता
सरकार के इस नए फैसले से खाने के तेल की बढ़ती कीमत में आएगी स्थिरता Social Media

राज क्सप्रेस। जहां मार्च के अंत में खाने के तेल की कीमतों में बढ़त दर्ज हुई थी उसके बाद एक बार अप्रैल के महीने में सरसों सहित खाने के तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज हुई थी। वहीं, अब खाने के तेल की इन कीमतों पर नियंत्रण रखने हेतु भारत सरकार (Indian Government) ने एक अहम कदम उठाया है। भारत सरकार के इस कदम से खाने के तेल की बढ़ती कीमत में स्थिरता आएगी।

सरकार का नया फैसला :

बताते चलें, भारत सरकार ने खाने के तेल की बढ़ती कीमतों में स्थिरता लाने के लिए सालाना 20-20 लाख टन कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी तेल के आयात पर सीमा शुल्क और कृषि अवसंरचना उपकर को मार्च, 2024 तक हटाने का फैसला किया है। सरकार के इस फैसले की जानकारी देते हुए वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा है कि, 'सालाना 20 लाख टन कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी तेल पर वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 में आयात शुल्क नहीं लगाया जाएगा। ऐसा करने से आयात शुल्क में इस छूट से घरेलू कीमतों में नरमी आएगी और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।'

CBIC का ट्वीट :

बताते चलें, इस मामले में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) द्वारा एक ट्वीट किया गया है। जिसमे लिखा है कि, ‘‘यह निर्णय उपभोक्ताओं को महत्वपूर्ण राहत प्रदान करेगा।'' बता दें, इस फैसले के बाद अब 31 मार्च, 2024 तक कुल 80 लाख टन कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल का डुयटी फ्री इंपोर्ट किया जाएगा। ऐसा करने से घरेलू स्तर पर तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज हो सकेगी। वित्त मंत्रालय द्वारा लिया गया यह फैसला आज यानी 25 मई से लागू कर दिया गया है। हालांकि, ये फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते पहले ही यूक्रेन से सनफ्लॉवर आयल का आयात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। ज्ञात हो कि, भारत अपनी जरूरत का लगभग 90% तेल यूक्रेन और रूस से आयात करता है।

भारतीय कंपनियां कर रही तलाश :

बताते चलें, इन 90 दिनों से चल रहे युद्ध के चलते पहले ही तेल की कीमतें और आयात काफी प्रभावित हुआ है। जिसके चलते इन दो महीनों के दौरान ही भारतीय कंपनियां सनफ्लॉवर आयल के आयात के लिए नया जरिया तलाश रही है। इसके लिए भारतीय कंपनियों को अब किसी नए देश और बाजार की तलाश है। उधर, वित्त मंत्रालय का कहना है कि, 'भारत सरकार के इस फैसले से भारत में सस्ते में अंतराष्ट्रीय बाजार से क्रूड सोयाबीन ऑयल और क्रूड सनफ्लावर सीड ऑयल का आयात संभव हो सकेगा। इससे कीमतों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी और उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।

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