पासपोर्ट सेवा प्रोग्राम के लिए सरकार ने लॉन्च किया 'डिजिलॉकर' प्लेटफॉर्म

भारत सरकार अपनी डिजिटल सर्विस से सरकारी डाक्यूमेंट्स को पेपरलेस बनाने की दिशा में काम कर रही है। जिसके लिए सरकार ने पासपोर्ट सेवा प्रोग्राम के लिए एक डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है।
पासपोर्ट सेवा प्रोग्राम के लिए सरकार ने लॉन्च किया 'डिजिलॉकर' प्लेटफॉर्म
पासपोर्ट सेवा प्रोग्राम के लिए सरकार ने लॉन्च किया 'डिजिलॉकर' प्लेटफॉर्मSyed Dabeer Hussain - RE

राज एक्सप्रेस। भारत आज तेजी से डिजिटलाइज़ेशन की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। इसी के चलते आज भारत में लगभग कार्य डिजिटल माध्यम से किए जाते है। चाहे वो अपने डाक्यूमेंट्स रखा ही क्यों न हो। वैसे इसका एक फायदा यह है कि, कई बार लोग डॉक्यूमेंट रखना भूल जाते हैं। ऐसे में अगर आप के पास स्मार्टफोन है, इन नए स्मार्ट तरीके से बढ़ सकते है। इसी कड़ी में भारत सरकार अपनी डिजिटल सर्विस से सरकारी डाक्यूमेंट्स को पेपरलेस बनाने की दिशा में काम कर रही है।

सरकारी दस्तावेजों को पेपरलेस बनाने पर काम :

दरअसल, भारत सरकार अपनी डिजिटल सेवाओं के माध्यम से सरकारी दस्तावेजों की प्रक्रिया को पेपरलेस बनाने की दिशा में काम कर रही है। जिसके लिए सरकार ने पासपोर्ट सेवा प्रोग्राम के लिए एक डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है। इस नए प्लेटफॉर्म को केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स की सेवा के लिए लॉन्च किया है। लांचिंग के मौके पर केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा कि, 'इसकी मदद से देश के नागरिक पासपोर्ट के लिए जरूरी दस्तावेज पेपरलेस मोड में जमा कर पाएंगे। इसके लिए नागरिकों को ओरिजनल दस्तावेज लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।'

डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म लॉन्च :

बता दें, सरकार द्वारा पासपोर्ट सेवा प्रोग्राम के लिए डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म लॉन्च किया गया है। इस डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म के जरिए यदि आप घर से निकलने से पहले अपने डॉक्यूमेंट की हार्ड कॉपी रखना भूल जाते हैं या बारिश में ख़राब होने के डर से उन्हें साथ रखना नहीं चाहते हैं तो, आप अपने डॉक्यूमेंट की इलेक्ट्रॉनिक कॉपी अपने समर्टफोन में रख सकते हैं। अब आपके दिमाग में एक सवाल यह भी आ रहा होगा कि, यदि आप अपने क्यूमेंट की इलेक्ट्रॉनिक कॉपी किसी को दिखाएंगे तो, वह उसे मान्यता देगा या नहीं। तो, हम आपको बता दें कि, आपके यह डाॅक्यूमेंट्स पूरी तरह से मान्य रहेंगे।

केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने बताया :

मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स की सेवा के लिए नया प्लेटफॉर्म लॉन्च करते हुए केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा कि 'इसकी मदद से देश के नागरिक पासपोर्ट के लिए जरूरी दस्तावेज पेपरलेस मोड में जमा कर पाएंगे। इसके लिए नागरिकों को ओरिजनल दस्तावेज लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पासपोर्ट सेवा प्रोग्राम की मदद से देश में पासपोर्ट दिए जाने के तरीके में बड़ा बदलाव आया है। पिछले छह साल में यहां बड़ा बदलाव दिखा है। 2017 में पहली बार हर महीने सबमिट की जाने वाली ऐप्लिकेशंस 10 लाख के आंकड़े को पार कर गईं।'

मुरलीधरन ने आगे बताया :

केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने आगे कहा कि, 'मुझे बताया गया है कि, पासपोर्ट सेवा प्रोजेक्ट से आज तक सात करोड़ से ज्यादा पासपोर्ट भारतीय नागरिकों को दिए गए हैं। पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया आसान करने के लिए हेड पोस्ट ऑफिसेज में पासपोर्ट सेवा केंद्र खोलने की शुरुआत की है। आज 426 पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र (POPSKs) काम कर रहे हैं और इनकी संख्या बढ़ाने का काम किया जा रहा है।अगर 36 पासपोर्ट ऑफिसेज और 93 मौजूदा पासपोर्ट सेवा केंद्रों को शामिल करें तो भारत में कुल 555 पासपोर्ट ऑफिस नागरिकों के लिए उपलब्ध हैं।'

डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म से हुआ इंटीग्रेशन :

सरल शब्दों में समझे तो, अब भारत में पासपोर्ट प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाने और उन्हें पासपोर्ट सेवा केंद्र का पेपरलेस अनुभव देने के लिए ही सरकार के डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म का इसके साथ इंटीग्रेशन किया गया है। पासपोर्ट सेवा के लिए डिजिलॉकर लॉन्च होने के बाद अब नागरिक पासपोर्ट के लिए जरूरी दस्तावेज डिजिलॉकर की मदद से सबमिट कर सकेंगे। इसके अलावा खबरों की मानें तो, भविष्य में सरकार डिजिलॉकर के साथ बायोमेट्रिक पासपोर्ट्स का ऑप्शन भी दे सकती है, जिससे एयरपोर्ट्स पर इमीग्रेशन की प्रक्रिया में और आसानी आ सके।

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