राज एक्सप्रेस। 8 अक्टूबर को विश्व दृष्टि दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर वर्ल्ड हेल्थ ऑग्रेनाइजेशन (WHO) ने एक रिपोर्ट जारी की है। WHO की यह पहली दृष्टि संबंधी रिपोर्ट है। रिपोर्ट बताती है कि विश्वभर में 2.2 अरब लोग आँखों से जुड़ी समस्याओं से पीड़ित हैं। रिपोर्ट ये भी कहती है कि घर में अत्यधिक समय बिताने से दृष्टि संबंधी बीमारी होती है। इसलिए रिपोर्ट में घर के बाहर भी समय गुज़ारने की सलाह दी गई है।
डबल्यू. एच.ओ के साथ काम कर रहे Dr Alarcos Cieza का कहना है कि, लाखों लोगों को दृष्टि दोष है। चूंकि रिहायशी इलाके के पास नेत्र चिकित्साल्य नहीं है इसलिए दृष्टि दोष वाले लोग समाज में अपनी पूर्ण भागीदारी नहीं दे पा रहे हैं। हमें लोगों के पास पुनर्वास सेवाएं देने और नेत्र चिकित्सालय खोलने की जरूरत है ताकि समय-समय पर वे अपना इलाज करवा सकें और समाज में अपनी सम्पूर्ण भागीदारी दे सकें।
दृष्टि संबंधी बीमारी और उसके कारण
मायोपिया ( निकट दृष्टि दोष) - निकट दृष्टि दोष को डॉक्टरी भाषा में मायोपिया कहते हैं। इसमें दूर की चीजें स्पष्ट नहीं दिखाई पड़ती। मायोपिया, टीवी, किताबों आदि में अत्यधिक समय बिताने से होती है।
डायबिटिक रेटिनोपेथी - डायबिटीज के मरीजों में डायबिटिक रेटिनोपेथी बीमारी होती है। आँखों के रूटिन चेकअप से इस बीमारी को काबू किया जा सकता है।
देरी से पता चलना - अक्सर संसाधनों या कहें नेत्र चिकित्सालयों की कमी के चलते आँखों का चेकअप नहीं हो पाता। ऐसे स्थिति में बीमारी का प्रभाव बढ़ता जाता है। रिपोर्ट बताती है कि ज्यादा आय वाले इलाकों की तुलना में कम आय वाले इलाकों में आँखों से जुड़ी अनेक बीमारियाँ चार गुना ज्यादा ह। इसका मुख्य कारण है कम आय वाले इलाके में नेत्र चिकित्सालयों की कमी।
WHO की डायरेक्टर - जनरल Dr Tedros ने रिपोर्ट के परिणाम की घोर निंदा की। उन्होंने कहा "65 अरब लोग अंधेपन और दृषि दोष से पीड़ित हैं। जिसे पहले रोका जा सकता था। आज भी विश्वभर में 800 अरब लोगों के पास उनकी आँखों का पावर वाला चश्मा नहीं है। वो लोग किसी न किसी तरह गुज़ारा कर रहे हैं। "
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