संपत्ति मामले में लेटर को लेकर हिंदुजा ब्रदर्स में चल रही तनातनी

अब हिंदुजा ब्रदर्स में एक लेटर को लेकर विवाद, 83 हजार करोड़ रुपए का है मामला हिंदुजा ग्रुप दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शामिल है। इनका कारोबार करीब 100 साल से भी पहले से चला आ रहा है।
संपत्ति मामले में लेटर को लेकर हिंदुजा ब्रदर्स में चल रही तनातनी
संपत्ति मामले में लेटर को लेकर हिंदुजा ब्रदर्स में चल रही तनातनीKavita Singh Rathore -RE

नई दिल्ली। हिंदुजा ग्रुप के मालिक हिंदुजा भाइयों के बीच इन दिनों एक चिट्ठी को लेकर तनातनी चल रही है। दरअसल, इस लेटर ने हिंदुजा परिवार की 11.2 अरब डॉलर (करीब 83 हजार करोड़ रुपये) की संपत्ति को लेकर कानूनी विवाद खड़ा हो गया है।

साल 2014 में लिखे गए इस लेटर में चारों भाइयों के सिग्नेचर हैं। ये लेटर कहता है कि एक भाई के पास जो भी दौलत है, वह सभी की है। अब 84 साल के श्रीचंद हिंदुजा और उनकी बेटी विनू चाहते हैं कि इस लेटर को खारिज कर बेकार घोषित कर दिया जाए। हिंदुजा ग्रुप में चार भाई हैं। इनमें लंदन निवासी श्रीचंद हिंदुजा और गोपीचंद हिंदुजा दुनियाभर में हिंदुजा ग्रुप के तहत तेल व गैस, बैंकिंग, आईटी व प्रॉपर्टी का कारोबार करते हैं। तीसरे भाई प्रकाश हिंदुजा स्विट्जरलैंड के जेनेवा में फाइनेंस का कारोबार संभालते हैं। चौथे भाई अशोक हिंदुजा भारत में ग्रुप के कारोबार की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

लेटर का मामला मंगलवार को लंदन की एक कोर्ट में सुनवाई के बाद सामने आया है। इसमें जज ने कहा कि बाकी के तीन भाई गोपीचंद, प्रकाश और अशोक ने लेटर का इस्तेमाल हिंदुजा बैंक पर अपना कंट्रोल हासिल करने के लिए किया, जबकि उस पर श्रीचंद हिंदुजा का पूरा हक है। एक न्यूज टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, जज ने कहा कि श्रीचंद और विनू चाहते हैं कि कोर्ट ये फैसला सुनाए कि उस लेटर का कोई लीगल असर नहीं होगा।

ऐसे में इस लेटर को वसीयत की तरह इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, तीनों भाइयों ने एक बयान में कहा कि इस मामले में आगे सुनवाई हुई, तो ये परिवार के सिद्धांतों के खिलाफ जाएगा। उनका कहना है कि दशकों से परिवार में यही व्यवस्था रही है कि सब कुछ हर किसी का है। कुछ भी किसी एक का नहीं है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि तीनों भाइयों ने एक ईमेल में कहा है कि हम अपने परिवार की इस वैल्यू को बचाना चाह रहे हैं। हालांकि, इस ईमेल पर अभी तक श्रीचंद हिंदुजा के वकील ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। एक बयान में गोपीचंद हिंदुजा, प्रकाश हिंदुजा और अशोक हिंदुजा ने कहा कि इस मुकदमेबाजी का उनके बिजनेस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन, लेटर को बेकार घोषित करना हमारे संस्थापक और परिवार के मूल्यों के खिलाफ होगा।

उन्होंने कहा कि हम इस सिद्धांत पर दशकों से कायम हैं कि परिवार में जो भी है, वो सबका है। कोई एक उसपर दावा नहीं कर सकता।बता दें कि हिंदुजा ग्रुप दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शामिल हैं। इनका कारोबार करीब 100 साल से भी पहले से चला आ रहा है। फाइनेंस, मीडिया और हेल्थ केयर बिजनेस में 40 से भी अधिक देशों में हिंदुजा ग्रुप के बिजनेस हैं।

डिस्क्लेमर:

यह आर्टिकल न्यूज एजेंसी फीड के आधार पर प्रकाशित किया गया है। सिर्फ शीर्षक में बदलाव किया गया है। अतः इस आर्टिकल अथवा समाचार में प्रकाशित हुए तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

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