MMTC कैसे करेगा 4 हजार टन प्याज आयात?

“MMTC ने 4,000 टन प्याज आयात करने के लिए टेंडर जारी करने की जानकारी दी थी। दो हजार टन प्याज आयात के पहले टेंडर के लिए निगम को बाजार से सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली।”
Onions Import from MMTC
Onions Import from MMTCSocial Media

हाइलाइट्स :

  • MMTC ने किया प्याज का इंपोर्ट टेंडर जारी

  • नेफेड के रास्ते प्याज रसोई तक पहुंचाने का प्लान

  • कॉर्पोरेशन के पहले टेंडर पर नहीं मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया!

राज एक्सप्रेस। राज्य के स्वामित्व वाले मेटल्स एंड मिनरल्स ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन (MMTC) को सरकार ने 1 लाख टन प्याज आयात करने के लिए निर्देशित किया है। घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए MMTC ने 4,000 टन प्याज को आयात करने दो अलग-अलग बोलियां आमंत्रित कीं हैं।

इसके साथ ही प्याज की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए राजधानी समेत देश के तमाम राज्यों के प्रमुख बाजारों पर नज़र रखी जा रही है। हाल ही में सरकार ने प्याज की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए 1 लाख टन प्याज आयात करने का फैसला लिया है।

“ट्रैडिंग फर्म MMTC प्याज आयात करेगी, कोऑपरेटिव संस्था नेफेड रसोई के मुख्य आइटम को घरेलू बाजार तक पहुंचाने का जिम्मा संभालेगा। यह फैसला सचिव स्तरीय एक बैठक में चर्चा के बाद लिया गया।”

PTI

ये आयात करेगा ये पहुंचाएगा :

लोगों की थाली और रसोई की पहुंच से बाहर होती जा रही प्याज के स्वाद को बरकरार रखने MMTC और नेशनल एग्रीकल्चर कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (नेफेड-NAFED) मिलकर काम करेंगे।

ट्रैडिंग फर्म MMTC जहां प्याज को विदेशों से आयात करेगी वहीं इस आयातित प्याज को नेफेड घरेलू बाजारों तक पहुंचाएगा। शनिवार 9 नवंबर को सचिव स्तरीय बैठक में इस बारे में फैसला लिया गया। इस बात की अधिकृत पुष्टि खुद क्रेंद्रीय मंत्री ने भी सोशल मीडिया के जरिए की।

“सरकार ने दामों को नियंत्रित करने के लिए 1 लाख टन प्याज आयात करने का फैसला लिया है।”

राम विलास पासवान, मंत्री, खाद्य और उपभोक्ता कार्य मंत्रालय

मिनिस्टर पासवान के मुताबिक घरेलू बाजार में वितरण के लिए प्याज उपलब्ध कराने एमएमटीसी को 15 नवंबर से 15 दिसंबर यानी एक महीने के बीच प्याज को आयात करने कहा गया है। साथ ही उन्होंने बताया कि आयात किए गए प्याज को देश भर के बाजारों तक पहुंचाने के लिए नेफेड को निर्देशित किया गया है।

आपूर्ति गड़बड़, बिगड़ा गणित :

देश में मानसून की देर से विदाई और साथ ही भारी बारिश की मार के कारण खेत-खलिहान पानी में डूबने से किसानी पर बड़ी चोट पड़ी। भारत के प्याज उत्पादक प्रमुख राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात में प्याज की पैदावार और आपूर्ति पर खास असर पड़ा है।

मध्य प्रदेश के भी किसान प्याज की फसल चौपट होने के दंश को भोग रहे हैं। ऐसे में आम तौर पर नवंबर तक सस्ती हो जाने वाली प्याज इस बार भारत के बाजारों में महंगी बिक रही है।

हाई क्वालिटी प्याज की कीमत बाजार में 80-100 रुपया प्रति किलो है। वहीं छंटनी वाली प्याज 50 से 80 रुपया प्रति किलो के दाम पर क्वालिटी के आधार पर फुटकर बाजार में बेची जा रही है।

सरकार अलर्ट :

मांग-आपूर्ति और दाम के बिगड़ते गणित के कारण फिलहाल गठबंधन सरकार खास सतर्कता बरत रही है क्योंकि इतिहास गवाह है कभी प्याज के बढ़े दामों के कारण यह गठबंधन सरकार प्याज के आंसू भी रो चुकी है।

MMTC का दावा :

MMTC की मानें तो एक टेंडर 14 नवंबर को समाप्त होगा जबकि दूसरा 18 नवंबर को। कॉर्पोरेशन ने मंशा जताई है कि 2,000 टन प्याज का पहला शिपमेंट भारतीय बंदरगाह पर जल्द पहुंच जाएगा। जबकि दूसरे की आपूर्ति दिसंबर के अंत तक हो पाएगी।

ये शर्तें लागू :

प्याज टेंडर में बोली लगाने वाले के लिए न्यूनतम 500 टन की बोली लगाना अनिवार्य किया गया है। देश के भीतर कंटेनर आपूर्ति के मामले में न्यूनतम बोली सीमा मात्रा 250 टन निर्धारित की गई है। साथ ही मांग के हिसाब से 250 टन इकाई (यूनिट) सप्लाई ऑर्डर को विनियमित करने की जानकारी कॉर्पोरेशन ने दी है।

खास शर्तें भी :

पादप स्वच्छता एवं धूमन (फायटोसेनिटरी एंड फ्यूमिगेशन कंडीशन) संबंधी शर्तें भी इस टेंडर में लागू की गईं हैं। यह शर्तें इसलिए लागू की गईं हैं ताकि देश के नागरिकों के लिए ताजी और उच्च गुणवत्ता की प्याज की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।

एक पक्ष ये भी :

बड़े प्याज निर्यातकों में शुमार भारत में प्याज का टोटा इसकी पैदावार से लेकर स्टोर करने की व्यवस्था पर सवाल खड़ा करने के लिए काफी है। मालवा से लेकर महाराष्ट्र तक प्याज के पैदा होने के बाद उसे सहेजने के जतन में किसान को परेशान होना पड़ता है। प्याज की फसल की देखरेख किसी किसान को अपने कीमती सोने की तरह बगैर सोए दिन-रात जागकर करना होती है।

कोई भाव नहीं :

MMTC ने 2,000 टन प्याज के आयात के लिए जो टेंडर जारी किया था उसके लिए निगम को मार्केट से सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली। ऐसे में सरकार ने प्याज आयात की पहली खेप के लिए जो समय तय किया है उस वक्त तक विदेशों से प्याज भारत पहुंचने में विलंब होने की आशंका भी जानकारों ने जताई है।

अब इन देशों से आस :

इस बीच भारत सरकार मिस्र, ईरान, तुर्की और अफगानिस्तान के निजी व्यापारियों के माध्यम से प्याज के आयात को सुविधाजनक बनाने की भी कोशिश कर रही है। इन देशों से प्याज आयात करने के लिए सरकार ने नियमों में भी कुछ संशोधन किए हैं।

बताया जा रहा है कि प्याज के आयात के अड़ंगों को कम करने के लिए ही सरकार ने आयात शर्तों में भी कुछ शिथिलता प्रदान की है। इसी कड़ी में प्याज आयात के लिए 30 नवंबर तक आयात की कंडीशन्स से जुड़ीं शर्तों एवं मानदंडों में भी उदारता बरती जाएगी।

नमक-प्याज-रोटी खाकर गुजारा करने वाली कहावत आज महंगे प्याज के कारण बदलती सी दिख रही है। क्योंकि गरीबों के निवाले से फिलहाल प्याज का टेस्ट छिनता नज़र आ रहा है, जिस पर बाजार में प्याज की नई खेप पहुंचने के बाद विराम लगने की संभावना है।

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