IATA ने भारतीय एयरलाइन की गंभीर स्थिति से PM मोदी को आगाह किया

IATA ने भारत के प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते भारतीय एयरलाइन कंपनियों के दिवालिया होने जैसी वर्तमान की गंभीर स्थिति से आगाह कराया।
IATA wrote letter to the Prime Minister Modi
IATA wrote letter to the Prime Minister ModiKavita Singh Rathore -RE

राज एक्सप्रेस। कोरोना जैसी गंभीर और जानलेवा महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच एयरलाइंस कंपनियों की देखरेख करने वाली अंतर्राष्ट्रीय संस्था इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) द्वारा भारत के प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते भारतीय एयरलाइन कंपनियां दिवालिया होने जैसी वर्तमान की गंभीर स्थिति से आगाह कराया।

IATA ने किया प्रधानमंत्री को आगाह :

दरअसल IATA के डायरेक्टर जनरल 'अलेक्जेंड्रे डी जुनियाक' ने 24 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिख कर भारतीय एयरलाइन कंपनियों के वर्तमान के हालातों से आगाह कराते हुए जानकारी दी कि, कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते भारतीय एयरलाइन कंपनियां दिवालिया होने जैसी गंभीर स्थिति में आ चुकी है। इस महामारी के चलते भारतीय एयरलाइन इंडस्ट्री में लगभग 5.75 लाख कर्मचारियों की नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है। पत्र में IATA के डायरेक्टर जनरल द्वारा आगे बताया गया कि, ऐसा अनुमान लगाया गया है कि, यात्राओं की संख्या में गिरावट दर्ज की जा सकती है।

GDP में ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री का योगदान :

अलेक्जेंड्रे डी जुनियाक ने प्रधानमंत्री को आगे बताते हुए कहा है कि, कोरोना वायरस के चलते एविएशन इंडस्ट्री में जो संकट आया है उसके कारण इस विभाग से 575,000 नौकरियां जा सकती हैं। GDP की दर में ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री का योगदान भी 3.2 अरब डॉलर तक कम हो सकता है। बताते चलें कि, IATA वाली सदस्यता रखने वाली वर्तमान में दुनियाभर में करीब 300 एयरलाइन्स मौजूद हैं और यह एयरलाइन्स दुनिया के कुल एयर ट्रेफिक कारोबार का 82% हिस्सा है।

सरकार को उठाना होगा जरूरी कदम :

अलेक्जेंड्रे डी जुनियाक द्वारा प्रधानमंत्री को सलाह दी गई है कि, यदि अब भी सरकार कोई उचित कदम नहीं उठाती है तो, कोरोना संकट तो एक समय खत्म हो जाएगा, लेकिन भारत की GDP की रिकवरी में और मुश्किलें आ जाएंगी। बताते चलें कि, इस कोरोना संकट के बीच ही एयरलाइन्स कंपनियों ने पहले से ही कीमतों में कमी करना शुरू कर दिया है। क्योंकि कोरोना आपदा के कारण एयरलाइन्स कंपनियों की आय में भारी गिरावट दर्ज की गई है।

भारतीय एविशन इंडस्ट्री योगदान :

IATA के डायरेक्टर जनरल ने बताया कि, कोरोना वायरस के प्रकोप के पहले एविएशन इंडस्ट्री का योगदान भारत की GDP में 35 अरब का डॉलर था। इसके अलावा यह एक ऐसी इंडस्ट्री है जो, देश में लगभग 62 लाख रोजगार पैदा करती थी और भारत की GDP में इसका 1.5% योगदान था। वहीं, कोरोना के प्रकोप के बाद भारतीय एविशन इंडस्ट्री को काफी नुकसान हुआ है। यदि इन कंपनियों का परिचालन बंद हो गया तो बहुत गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं।

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