IMF की वार्षिक सभा में वित्त मंत्री ने जताई ट्रेड वॉर पर चिंता

ट्रेड वॉर और संरक्षणवाद से अनिश्चितताओं का जन्म हुआ है। इसके परिणाम स्वरूप कैपिटल, गुड्स और सर्विस के प्रवाह पर असर पड़ेगा। - निर्मला सीतारमण
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हाइलाइट्स :

  • पड़ेगा कैपिटल, गुड्स और सर्विस के फ्लो पर असर

  • वैश्विक विकास के लिए बहुपक्षीय भावना जरूरी

  • वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण पर की चर्चा

इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) की वार्षिक सभा में भारतीय वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि, व्यापारिक एकीकरण, जिओपॉलिटिकल अनिश्चितताओं से निपटने और उच्च संचित ऋण स्तरों के लिए मजबूत वैश्विक समन्वय की आवश्यकता है।

हमें मंदी को संकट में बदलने की प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि ट्रेड वॉर और संरक्षणवाद से अनिश्चितताओं का जन्म हुआ है। इसके परिणाम स्वरूप कैपिटल, गुड्स और सर्विस के प्रवाह पर असर पड़ेगा।

एजेंसी ANI से जारी खबर के मुताबिक भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जिओपॉलिटिकल अनिश्चितताओं और उच्च संचित ऋण स्तर के कारण व्यापार युद्ध अंततः पूंजी, माल, सेवाओं के प्रवाह को प्रभावित करेगा।

बहुपक्षीय भावना रखने का आह्वान :

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और वर्ल्ड बैंक समूह की वार्षिक सभा को वॉशिंगटन डीसी में संबोधित करते वक्त उन्होंने यह विचार व्यक्त किए। उन्होंने समकालिक मंदी के कारण व्यवधान को कम करने के लिए ठोस कदम उठाने और वैश्विक विकास के लिए बहुपक्षीय भावना रखने का आह्वान किया।

वर्किंग लंच सेशन अटैंड किया :

उन्होंने डेवलपमेंट कमेटी, IMF और वर्ल्ड बैंक की मंत्री स्तरीय समिति के साथ वर्किंग लंच सेशन अटैंड किया। वित्त मंत्री सीतारमण ने इस दौरान सदस्यों के साथ वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण पर भी चर्चा की।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा और वित्तीय समिति (IMFC) की 40 वीं बैठक इस वर्ष की सालाना बैठक के साथ पड़ रही है। जिसमें दिन के दौरान, IMFC के तीन सत्र हुए।

IMFC का इंट्रोडक्टरी सत्र वैश्विक विकास और संभावनाओं पर केंद्रित था। इसकी चर्चा 15 अक्टूबर को जारी वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक पर केंद्रित रही।

जोखिम पर रखी राय :

प्रारंभिक चर्चा में वैश्विक अर्थव्यवस्था और स्थिरता के लिए आगामी जोखिमों पर सदस्यों ने अपनी राय रखी। इसमें आईएमएफ के संसाधनों और गवर्नेंस के बारे में भी जानकारी दी गई। आर्थिक मामलों के विभाग सचिव अतनु चक्रवर्ती ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।

फाइनेंस मिनिस्टर सीतारमण ने G20 फाइनेंस मिनिस्टर्स एंड सेंट्रल बैंक गवर्नेंस सभा में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का भी नेतृत्व किया। यह सभा अंतरराष्ट्रीय करारोपण के मुद्दों पर आधारित थी।

अफ्रीका एडवायज़री ग्रुप :

मिनिस्टर्स और गवर्नस के समक्ष G20 इन्वेस्टमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर इक्वालिटि, ऋण स्थिरता, वित्तपोषण के लिए सार्वभौमिक निदान, देशों को प्रभावी रूप से तैयार करने की तैयारी का खाका पेश किया गया। अफ्रीका एडवायज़री ग्रुप ने अफ्रीका के साथ कॉम्पैक्ट पर जानकारी रखी।

टैक्स की चुनौतियां :

डिजिटलाइज़ेशन के कारण टैक्स की चुनौतियों से निपटने के लिए किए जा रहे कार्य के बारे में चर्चा के दौरान मिनिस्टर ने सकारात्मक दिशा में सफल कदम बताया। कहा कि ऐसे समाधान की दिशा पर काम चल रहा है जो लागू करने के लिए सरल, प्रशासन के लिए सरल और अनुपालन करने के लिए सरल है।

इसके अलावा भारत की वित्त मंत्री कई द्विपक्षीय बैठकों में शामिल हुईं। जिसमें रूस के प्रथम उप प्रधानमंत्री और रूस के वित्त मंत्री एंटोन सिलुआनोव, किर्गिज़ गणराज्य के वित्त मंत्री जेनेबेवा, स्विट्जरलैंड के वित्त मंत्री, ऑस्ट्रेलियाई गवर्नर, मालदीव के वित्त मंत्री भी शामिल रहे।

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