तमिलनाडु। लॉकडाउन के बाद से ही देश में आर्थिक मंदी का माहौल है ऐसे में लोग पैसे कमाने के लिए बैमानी के तरीके भी अपना रहे हैं। वहीं, अब तमिलनाडु स्थित दो समूहों के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी से 450 करोड़ रुपये की अघोषित आय का खुलासा हुआ है। बताते चलें, बीते कुछ समय में आयकर विभाग काफी एक्शन में नजर आरहा है और इसी के तहत विभाग द्वारा 27 नवंबर को चेन्नई, मुंबई, हैदराबाद और कुड्डालोर के 16 परिसरों पर की कार्रवाई की गई है।
आयकर विभाग की दो समूहों पर छापेमारी :
दरअसल, आयकर विभाग द्वारा तमिलनाडु स्थित दो समूहों के ठिकानों पर छापेमारी करने से बड़ी सफलता हाथ लगी है। बता दें, आयकर विभाग ने यह छापेमारी तमिलनाडु स्थित आईटी सेज डेवलपर, इसके पूर्व निदेशक और स्टेनलेस स्टील सप्लायर के ठिकानों पर की थी। इस बारे में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने रविवार को जानकारी देते हुए बताया था कि, छापे की कार्रवाई 27 नवंबर को चेन्नई, मुंबई, हैदराबाद और कुड्डालोर में 16 परिसरों पर की गई।
CBDT का बयान :
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक बयान में कहा कि, 'सूचना प्रौद्योगिकी (IT) विशेष आर्थिक जोन (CBDT) के पूर्व निदेशक के मामले में आयकर अधिकारियों ने उनके और उनके पारिवारिक सदस्यों द्वारा पिछले तीन साल में 100 करोड़ रुपये अर्जित करने का खुलासा किया है। छापे यह भी पता चला कि, आईटी सेज डेवलपर ने निर्माणाधीन प्रोजेक्ट में फर्जी काम के लिए करीब 160 करोड़ रुपये का दावा भी किया। साथ ही चल रहे प्रोजेक्ट में फर्जी कंसल्टेंसी शुल्क के खाते में करीब 30 करोड़ रुपये और अस्वीकार्य हित खर्च के नाम पर 20 करोड़ रुपये के लगाने का दावा किया।'
CBDT ने बताया :
CBDT ने आगे बताया कि, हमें यह भी पता चला है कि, 'डेवलपर ने शेयर खरीद लेनदेन भी किया और ये शेयर पूर्ववर्ती शेयरधारकों, एक रेजीडेंट और एक अनिवासी कंपनी द्वारा बेचे गए थे। इससे मॉरीशस के जरिए वित्तीय वर्ष 2017-18 में करीब 2,300 करोड़ का निवेश किया, लेकिन इस बिक्री लेनदेन का पूंजीगत लाभ विभाग को सूचना नहीं दी गई। वहीं चेन्नई स्थित स्टेनलेस स्टील सप्लायर के मामले में पाया गया कि, समूह ने तीन तरह की बिक्री की। यह घोषित, अघोषित और आंशिक घोषित प्रकार की थी।'
कुल बिक्री का 25% से अधिक :
CBDT ने अपने बयान में बताया है कि, 'अघोषित और आंशिक घोषित बिक्री की वैल्यू हर साल कुल बिक्री का 25% से अधिक था। समूह ने बिक्री सुविधा शुल्क विभिन्न उपभोक्ताओं को मुहैया कराए और इन लेनदेन पर उसने 10 प्रतिशत से अधिक कमीशन हासिल किया। अघोषित आय का आकलन किया जा रहा है और यह तकरीबन 100 करोड़ रुपये है।'
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