पिछले नौ सालों में 10वीं से 5वीं अर्थव्यवस्था बना भारत, आज महंगाई बनी सबसे बड़ी चुनौतीः मोदी
राज एक्सप्रेस । भारत में जी20 नेताओं का शिखर सम्मेलन आयोजित होने से कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुद्रास्फीति को दुनिया के लिए सबसे गंभीर चुनौती बताया। उन्होंने कहा कि इसे काबू में रखने के लिए देश के विभिन्न राज्यों को सख्ती से राजकोषीय अनुशासन का पालन करने की जरूरत है। पीएम मोदी ने कहा ऋण संकट विकासशील दुनिया के लिए सबसे गंभीर समस्याओं में से एक है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा महामारी के कारण दुनिया ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर जोर देने के बजाय भारत के मानव-केंद्रित विकास मॉडल को स्वीकार किया। उन्होंने भारत की जी20 अध्यक्षता की सफलताओं का उल्लेख किया और दिल्ली के बाहर बैठकें आयोजित करने में पिछली सरकारों के संदेह पर अफसोस जाहिर किया ।
हमने दुनिया को दिखाया भारत का मतलब कारोबार
प्रधानमंत्री मोदी ने अर्थव्यवस्था सहित विभिन्न क्षेत्रों में पिछले 9 वर्षों में अपनी सरकार द्वारा किए गए साहसिक सुधारों को श्रेय देते हुए कहा इसकी बदौलत भारत एक दशक से भी कम समय में रफ्तार के साथ दुनिया की 10वीं से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। इसके साथ ही इसने दुनिया को दिखाया कि भारत का मतलब कारोबार है। उन्होंने कहा हमारे पास डेमोक्रेसी (लोकतंत्र), डेमोग्राफी (जनसांख्यिकी) और डायवर्सिटी (विविधता) है और हम अब चौथा ‘डी’ यानी डेवलपमेंट (विकास) भी जोड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने उम्मीद जताई है कि 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र होगा, जिसमें भ्रष्टाचार, जातिवाद और सांप्रदायिकता के लिए कोई जगह नहीं होगी।
सबके कल्याण के नजरिए का हमें मिला लाभ
अंतरराष्ट्रीय कराधान का जिक्र करते हुए उन्होंने बहुपक्षीय संधि के दस्तावेज को भारत की जी20 अध्यक्षता की सफलताओं में गिनाया। उन्होंने कहा कि इससे देशों और अन्य न्यायिक क्षेत्रों को अंतरराष्ट्रीय कर प्रणाली में ऐतिहासिक तथा प्रमुख सुधार के साथ आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार के ‘सभी के कल्याण’ के नजरिये ने वैश्विक स्तर पर भी काम करने में उनकी मदद की। इसने उन लोगों को भी शामिल करने के लिए काम किया जो महसूस करते हैं कि उनकी आवाज नहीं सुनी जा रही है, जैसे ग्लोबल साउथ या अफ्रीकी संघ को जी20 का सदस्य बनाने की मांग या तकनीक का लोकतंत्रीकरण तथा जलवायु परिवर्तन पर बातचीत।
मानव-केंद्रित नजरिये में बदला जीडीपी केंद्रित दृष्टिकोण
महंगाई की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की अध्यक्षता में सदस्य देशों को अहसास हो गया है कि केंद्रीय बैंकों द्वारा सही समय पर नीतिगत रुख की स्पष्ट जानकारी देना यह सुनिश्चित करने के लिए कितना जरूरी है कि महंगाई से लड़ने की किसी एक देश की नीति अन्य देशों का नुकसान नहीं कर दे। उन्होंने कहा कि खाद्य तथा ऊर्जा की कीमतों में उतार-चढ़ाव के साथ जुड़ी चुनौतियों से निपटने के नीतिगत अनुभव साझा करना भी बहुत महत्त्वपूर्ण है। पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया का जीडीपी केंद्रित दृष्टिकोण अब मानव-केंद्रित नजरिये में बदल रहा है और भारत ने इसमें उत्प्रेरक का काम किया है।
आपत्तियां फिजूल, देश के हर हिस्से में होंगी जी20 बैठकें
जी 20 की बैठकें कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश में कराने पर पाकिस्तान तथा चीन की आपत्ति को खारिज करते हुए मोदी ने कहा कि देश के हर हिस्से में बैठकें होना स्वभाविक है। उन्होंने कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता का कार्यकाल जब तक खत्म होगा तब तक सभी 28 राज्यों और 8 केंद्रशासित प्रदेशों के 60 शहरों में 220 से अधिक बैठकें हो चुकी होंगी। उन्होंने कहा कि लगभग 125 देशों के एक लाख से अधिक प्रतिभागी भारतीयों का कौशल देखेंगे। मोदी ने कहा, ‘हमारे देश में 1.5 करोड़ से अधिक लोग इन कार्यक्रमों में शामिल हुए हैं या उनके कुछ हिस्से में शिरकत की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का दूसरा कार्यकाल पूरा होने वाला है। 2014 से पहले देश ने कई अस्थिर सरकारें देखी है जो बहुत कुछ नहीं कर सकीं। मोदी ने कहा, ‘लेकिन पिछले कुछ वर्षों में लोगों ने निर्णायक जनादेश दिया है जिससे स्थिर सरकार, पूर्व अनुमानित नीतियां और सरकार की समग्र दिशा में स्पष्टता आई है।
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