राज एक्सप्रेस। भले ही लॉकडाउन के चलते भारत की आंतरिक स्थिति सही नहीं चल रही हो। परंतु विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में भारत अन्य बड़े देशों की तुलना में आगे निकल गया है। इतना ही नहीं भारत का विदेशी मुद्रा भंडार एक बार फिर नए स्तर पर जा पंहुचा है। इतना ही नहीं भारत का कुल विदेशी मुद्रा भंडार विदेशी कर्ज से अधिक हो गया है। इस बात की जानकारी रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों से मिली।
RBI के ताजा आंकड़े :
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत के विदेशी मुद्रा भंडार 29 जनवरी को समाप्त सप्ताह के दौरान 4.85 अरब अमेरिकी डॉलर बढ़कर 590.18 अरब डॉलर हो गया है। जबकि, RBI के तजा आंकड़ों के मुताबिक, इससे पहले 22 जनवरी को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 1.09 अरब डॉलर बढ़कर 585.33 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया था। इस बारे में जानकारी केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने शनिवार को दी।
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री ने बताया :
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि, 'भारत के पास अब रिकॉर्ड 590 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है, जो साल भर पहले की तुलना में 119 अरब डॉलर अधिक है। इसके साथ ही देश अब ‘शुद्ध ऋणदाता’ बन गया है। भारत के ऊपर 554 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज है। देश महामारी के बाद 'वी' आकार का पुनरुद्धार देख रहा है, जो पिछले चार महीनों के दौरान माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के संग्रह से स्पष्ट है। यदि आप भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार देखते हैं, तो भारत में विदेशी मुद्रा भंडार 590 अरब डॉलर से अधिक है, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 119 अरब डॉलर अधिक है। यदि आप विदेशी ऋण को देखते हैं, तो यह केवल 554 अरब डॉलर है। अत: भारत अब एक शुद्ध ऋणदाता है।'
देश के GST कलेक्शन को लेकर दी जानकारी :
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने संवाददाताओं से बात करते हुए आगे बताया कि, 'देश का GST कलेक्शन बताता है कि अर्थव्यवस्था ठीक हो रही है क्योंकि सरकार ने जीवन और अर्थव्यवस्था को बचाने के लिये सही कदम उठाये हैं। भारत को निर्णायक नेतृत्व के कारण कोविड-19 के दौरान भी सबसे अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ। जनवरी में देश का GST कलेक्शन 1.20 लाख करोड़ रुपये के आसपास रहा है। उम्मीद है कि, भारत अगले चार-पांच वर्ष में पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जायेगा।' बताते चलें, राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (RINL) के विनिवेश प्रस्ताव पर वित्त राज्यमंत्री ठाकुर ने कहा कि, 'नीति आयोग की सिफारिशों के आधार पर केंद्र समय-समय पर सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के विनिवेश के बारे में फैसला करेगा।'
नोट : जब विदेशी मुद्रा भंडार कुल विदेशी कर्ज से अधिक हो जाये, तब उसे 'शुद्ध ऋणदाता' कहा जाता है।
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