डॉलर के मुकाबले लगातार गिर रहा भारतीय रुपया, जानिए क्या है कारण?
राज एक्सप्रेस। बीते कुछ दिनों अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया लगातार नीचे जाता दिखाई दे रहा है। बात अगर शुक्रवार की करें तो इस दिन अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया लुढ़कते हुए 79.11 के स्तर पर पहुंच गया है। जिसके बाद से ही लोगों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था डगमगाने की बातें भी तेज हो गई हैं। लेकिन वहीं देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि रुपए ने डॉलर के मुकाबले कई दूसरे देशों से अच्छा प्रदर्शन किया है। चलिए बात करते हैं अन्य देशों के बारे में।
मजबूत होने वाली करेंसी :
बीते एक साल में रूस की करेंसी रूबल करीब 27 प्रतिशत मजबूत हुई, वहीं UK के पाउंड में एक साल में 12 प्रतिशत मजबूती देखी गई। जबक इसके अलावा यूरो में 12.6 प्रतिशत मजबूती देखने को मिली। इन सब के अलावा सऊदी अरब की करेंसी रियाल में कोई बदलाव नहीं आया है।
कमजोर होने वाली करेंसी :
हांगकांग डॉलर में 1.04 प्रतिशत की कमजोरी, इंडोनेशिया के रुपया में 3.32 प्रतिशत की कमजोरी, सिगांपुर के डॉलर में 3.53 प्रतिशत की कमजोरी, चीन के युआन में 3.65 प्रतिशत की कमजोरी, ताइवान के डॉलर में6.79 प्रतिशत की कमजोरी, थाईलैंड के भाट में 10.1 प्रतिशत की कमजोरी देखने को मिली है. इस लिस्ट में ऐसे भी कई देश शामिल हैं जिनकी करेंसी इनसे भी अधिक कमजोर हुई है।
क्या है रुपया कमजोर होने का कारण?
महंगाई के बढ़ते अमेरिका ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दी है जिसका असर रुपए पर हुआ है।
हमारे देश को गैस से लेकर कच्चे तेल, खाने के तेल आदि के लिए विदेशी मुद्रा अधिक चुकाना पड़ती है।
कुछ दिनों पहले ही रूस-यूक्रेन के युद्ध के चलते अधिक विदेशी मुद्रा खर्च हुई है।
आयात के लिए ज्यादा खर्च और निर्यात कम होना।
केन्द्रीय बैंकों की कठोर पॉलिसी, फोरेक्स रिज़र्व 600 अरब डॉलर से कम होना आदि।
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