जेवर में बनेगा देश का सबसे बड़ा MRO सेंटर, विदेश जाने का झंझट होगा खत्म
उत्तर प्रदेश। भारत में पिछले काफी समय से आत्म निर्भर भारत की मुहीम जारी है। इसके बावजूद भी अब तक भारत के हवाई जहाजों को रिपेयरिंग के लिए विदेश भेजना पड़ता था, लेकिन अब भारत सरकार ने हवाई जहाजों को रिपेयरिंग के लिए विदेश भेजने का झंझट ही खत्म करने पर काम कर रही है। इसी कड़ी में भारत में जल्द ही नोएडा एयरपोर्ट के पास जेवर में देश के सबसे बड़े मेंटीनेंस, रिपेयर व ओवरहालिंग (MRO) सेंटर का निर्माण होगा। इसके और तीसरे रनवे के लिए जल्द ही जमीन का इंतजाम किया जएगा।
देश का सबसे बड़ा MRO सेंटर :
दरअसल, भारत में अब तक हवाई जहाजों में कोई खराबी आने पर उन्हें रिपेयरिंग के लिए विदेश भेजा जाता था, उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने इस झंझट को खत्म करने के लिए एयरपोर्ट के दूसरे चरण की जमीन का अधिगृहीत करने की मंजूरी दे दी है। यहां देश का सबसे बड़े मेंटीनेंस, रिपेयर व ओवरहालिंग (MRO) सेंटर निर्मित किया जाएगा। इस MRO के निर्मित होने के बाद एयरक्राफ्ट या हवाई जहाज की रिपेयरिंग करने के लिए किसी को विदेश नहीं जाना पड़ेगा। इसके अलावा उत्तर प्रदेश कैबिनेट दूसरे चरण में 7 गांवों की 1365 हेक्टेयर जमीन का अधिगृहीत करने का विचार कर रही है। इस योजना में लगभग 2890 करोड़ रुपये खर्च आएगा।
मिली पांच रनवे बनाने को मंजूरी :
उत्तर प्रदेश सरकार नोएडा एयरपोर्ट के पांच रनवे बनाने को मंजूरी दे चुकी है। पहले चरण में दो रनवे बनाने की जिम्मेदारी ज्यूरिख कंपनी को दी गई है। जबकि, दूसरे चरण में तीसरा रनवे और MRO सेंटर बनेगा। जिसके लिए 1365 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। बता दें, ये जमीन जेवर के सात गांवों करौली बांगर, कुरैब, बीरमपुर, दयानतपुर, रन्हेरा, नंगला शाहपुर और मुंढेरा में ली जानी है। इस जमीन को अधिगृहीत करने का प्रस्ताव जिला प्रशासन ने शासन को भेजा था, जिस पर कैबिनेट द्वारा मंगलवार को मंजूरी दे दी गई है। अब जल्द ही इन सात गांवों की जमीन अधिगृहीत करने के लिए अधिसूचना जारी की जाएगी।
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