हाइलाइट्स :
इनफ़ोसिस के सीईओ के खिलाफ मिला एक गुप्त पत्र
पत्र ने खोले सलिल पारेख से जुड़े कई बड़े राज
बेंगलुरू में पोस्टेड होते हुए भी देख रहे हैं मुंबई के कार्य
मात्र आने-जाने में पारेख करते हैं 22 लाख रुपये खर्च
पत्र लिखने वाले ने नाम के अलावा बताई अपनी पहचान
पत्र में की गई शीघ्र कार्यवाही करने की मांग
राज एक्सप्रेस। अभी हाल ही में जानी-मानी IT सेक्टर की प्रमुख कंपनी इन्फोसिस (Infosys) के डॉयरेक्टर पर मुनाफा बढ़ाने के लिए गलत तरीका अपनाने का आरोप लगा था। वहीं अब एक बार फिर उन पर कंपनी के कार्यों में गड़बड़ी करने का आरोप लग गया है। दरअसल कंपनी के चेयरमैन और को-फाउंडर और बोर्ड के स्वतंत्र डायरेक्टर नंदन नीलकेणी को एक गुप्त लेटर मिला है, जिसमे CEO के खिलाफ कई शिकायतें लिखी है परन्तु किसी के भी साइन नहीं किये है और न ही इसमें लेटर लिखने की दिनांक दी है है। इस लेटर मे मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सलिल पारेख के ऊपर लगे आरोपों पर निदेशक मंडल से कार्यवाही करने की मांग की गई है।
चल रही है जांच :
कंपनी पर कुछ समय पहले लगे आरोपों की जांच चल ही रही थी कि, अब दोबारा ऐसी खबरें सामने आ गई हैं। इससे पहले व्हिसलब्लोअर (Whistleblower) ने कंपनी के खिलाफ सबूत देने का भी एक दावा किया था। अब सलिल पारेख के ऊपर कर्मचारियों द्वारा गलत व्यवहार करने का भी आरोप लगा है। इस पत्र द्वारा यह बात भी सामने आई है कि, सलिल पारेख को बंगलुरू में कंपनी ज्वाइन किए एक साल 8 महीने हो चुके हैं और वो वर्तमान में बंगलुरू में होने चाहिए थे, परन्तु वो अभी भी मुंबई में ही काम कर रहे हैं, जो शर्तों का उल्लंघन करने के बराबर है। इन शिकायतों की जांच भी शुरू कर दी गई है।
नहीं बताया नाम और तारीख :
यह लेटर जिस भी कर्मचारी ने लिखा है, उसने इस लेट में अपना नाम नहीं बताया है, न ही लेटर लिखने की तारीख लेकिन कर्मचारी ने खुद के 11 अरब डॉलर की कंपनी के कर्मचारी होने का दावा किया है। इसके अलावा उसने एक बात और बताई कि, वो कंपनी में फाइनेंस डिपार्टमेंट में काम करता है।
कार्यवाही करने का भरोसा जताया :
हालांकि इस नए मामले में भी ‘व्हिसलब्लोअर' द्वारा कड़ी कार्यवाही करने की मांग की गई है, लेटर में कहा गया है कि, मैं आपका ध्यान कुछ ऐसे तथ्यों की ओर खींचना चाहता हूँ, जिनके द्वारा कंपनी पर प्रभाव पड़ रहा है। कंपनी का कर्मचारी और शेयरधारक होने के नाते मुझे लगा कि, सलिल पारेख से जुड़ी जिस बात की जानकारी मुझे है उन्हें कंपनी को बताना चाहिए इसलिए में अपना कर्तव्य निभा रहा हूँ। मैं आशा करता हूँ कि, आप इनफ़ोसिस कंपनी का भला सोचते हुए इन शिकायतों के खिलाफ उचित कदम उठाएंगे। कंपनी के कर्मचारियों और शेयरधारकों को आप पर भरोसा है।
बिजनेस क्लास टिकिट से करते हैं यात्रा :
लेटर में बताया गया है कि, सलिल पारेख बेंगलुरू में पोस्टेड होने के कारण एक महीने में कम से कम दो बार बेंगलुरू से मुंबई जरूर जाते हैं। वह आने-जाने में विमान की बिजनेस क्लास टिकिट बुक करते हैं, इस तरह हर माह उनकी चार बिजनेस क्लास टिकिट की बुकिंग के साथ ही मुंबई के घर से हवाई अड्डे तक छोड़ने और बेंगलुरू हवाई अड्डे से पिकअप करने तक की पूरी भी बुकिंग की जाती है। जिससे उनके विमान और स्थानीय परिवहन की लागत 22 लाख रुपये तक पहुँचती है।
किराये का मकान :
इस पत्र द्वारा उनके किराये पर लिए एक घर का राज भी खुला है, पत्र में बताया गया है कि, पारेख ने कुछ गलत इरादों से बेंगलुरू में एक मकान किराये पर लिया था, इस मकान के द्वारा उनकी मंशा कंपनी के बोर्ड और संस्थापकों को गुमराह करने की थी। इसके अलावा पत्र में पारेख की बेंगलुरू यात्रा के रिकॉर्ड को देखने पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जिससे पता चलेगा कि, वह मुंबई में दोपहर को 1:30 बजे तक ही ऑफिस पहुंचते है, थोड़ी देर ऑफिस में रहने के बाद अगले ही दिन वह दो बजे मुंबई निकल जाते हैं। पत्र में पारेख को एक ख़राब CEO का एक उदाहरण बताया।
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