हाइलाइट्स :
Infosys कंपनी चुकाएगी कैलिफॉर्निया प्रशासन को करोड़ों रूपये
मामला H-1B की बजाय B-1 वीजा इस्तेमाल करने का
कंपनी पर है B-1 वीजा पर कर्मचारी लाने का आरोप
Infosys कंपनी रही कैलिफॉर्निया के कानून से बचने में नाकाम
राज एक्सप्रेस। भारतीय की आउटसोर्सिंग आईटी सेक्टर की कंपनी Infosys (इन्फोसिस) ने कैलिफोर्निया राज्य को ($ 800,000) समझौते पर सहमति व्यक्त की है, अब Infosys कंपनी टैक्स फ्रॉड आरोप के लिए सेटलमेंट के तौर पर कैलिफॉर्निया प्रशासन को 8 लाख डॉलर (5.6 करोड़ रुपए) चुकाएगी।
क्या था मामला :
दरअसल Infosys कंपनी पर विदेशी कर्मचारियों को गलत वीजा पर लाने और टैक्स संबंधी धोखाधड़ी करने का आरोप लगा है। कंपनी लगभग 500 ऐसे कर्मचारियों को जो विदेश से आये थे, उनसे मुश्किल-से-प्राप्त होने वाले H-1B वीजा की बजाय B-1 वीजा पर ही काम करवाती रही।
अटॉर्नी जनरल ने बताया :
कैलिफोर्नियाा के अटॉर्नी जनरल, जनरल जेवियर बेसरा ने जानकारी देतेेेे हुए बताया 2006 से 17 तक इंफोसिस केेे करीब 500 विदेशी कर्मचारी है-1B वीजा के बजाय B-1 वीजा पर कार्यरत थे। उनका कहना है कि, इस मामले में इंफोसिस कंपनी ने नियमों का उल्लंघन किया है और कैलिफोर्निया में वेतन भुगतान टैक्स में हेरा-फेरी की है। इस पूरे मामले में बेरोजगारी बीमा, अक्षमता बीमा और रोजगार प्रशिक्षण कर भी मौजूद हैं।
टैक्स भुगतान बचाया :
जनरल जेवियर बेसरा ने आगे की जानकारी देते हुए कहा कि, इंफोसिस के इस मामले से साफ हो जाता है कि, उन्होंने इस तरह अभी तक टैक्स भुगतान बचाया है और सेटलमेंट के फैसले से यह भी साफ हो जाता है कि, कैलिफोर्निया के कानून से उनका बचने का यह पेंतरा सफल नहीं हुआ। कम भुगतान करने और टैक्स बचाने के चक्कर में कंपनी गलत वीजा पर कर्मचारियों से काम करवाती रही।
इंफोसिस का कहना :
हालांकि इंफोसिस ने इन सभी आरोपों से अपने लेना देना नहीं बताया है। उनका कहना है कि, 13 साल पुराने इस मामले में समय पैसा बचाने और लंबी मुकदमे की कार्रवाई से बचने के लिए हम इस सेटलमेंट के लिए तैयार हुए हैं।
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