Insolvency process started against DHFL
Insolvency process started against DHFLKavita Singh Rathore -RE

DHFL के खिलाफ हुई दिवालिया प्रोसेस की शुरुआत

नए कानून लागू होने के बाद पहली बार किसी NBFC के खिलाफ दिवालिया प्रोसेस शुरू की गई है और यह प्रोसेस DHFL के खिलाफ शुरू की जा रही है। यह प्रोसेस रिजर्व बैंक और इंडिया (RBI) द्वारा शुरू की जा रही है।

हाइलाइट्स :

  • DHFL के खिलाफ हुई दिवालिया प्रोसेस की शुरुआत

  • नए कानून लागू होने के बाद पहली बार NBFC के खिलाफ दिवालिया प्रोसेस शुरू

  • रिजर्व बैंक और इंडिया (RBI) द्वारा शुरू की जा रही दिवालिया प्रोसेस

  • 15 नवंबर 2019 से पहले फाइनेंस कंपनियां दिवालिया कानून के दायरे से बाहर थीं

राज एक्सप्रेस। हाल ही में हुए EPF फ्रॉड के मामले में दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (DHFL) का नाम भी सामने आया था और अब DHFL के खिलाफ दिवालिया प्रोसेस शुरू की जा रही है। यह प्रोसेस रिजर्व बैंक और इंडिया (RBI) द्वारा शुरू की जा रही है। हालांकि, जबसे नए कानून लागू हुए हैं तब से अब तक किसी नॉन बैंकिंग फाइनेंसियल कंपनी (NBFC) के खिलाफ दिवालिया होने की प्रोसेस नहीं हुई है, यह पहली बार है जब किसी NBFC के खिलाफ दिवालिया प्रोसेस शुरू की जा रही है।

शुक्रवार को की याचिका दायर :

दिवालिया प्रोसेस की शुरुआत के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में बैंकिंग और फाइनेंस रेगुलेटर रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को याचिका दायर की गई थी। हालांकि ऐसा भी पहली बार ही हुआ है। इस पर ही रिजर्व बैंक ने एक बयान जारी किया। जिसके अनुसार फाइनेंस कंपनियां 15 नवंबर से पहले दिवालिया कानून के दायरे से बाहर थीं।

रिजर्व बैंक का बयान :

रिजर्व बैंक ने एक बयान जारी कर कहा कि, इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) की धारा 227 के अंतर्गत उसने NCLT में एक आवेदन दिया है। जब तक आवेदन का फैसला नहीं हो जाता तब तक कंपनी द्वारा सभी तरह के भुगतान पर भी रोक लगाई गई है। बताते चलें कि, सरकार द्वारा इस धारा को 15 नवंबर 2019 को अधिसूचित किया गया था। इससे पहले तक फाइनेंस कंपनियां दिवालिया कानून के दायरे से बाहर ही थीं। हालांकि RBI ने DHFL के खिलाफ दिवालिया प्रोसेस शुरू करने की जानकारी नवंबर की शुरूआत में ही दे दी थी।

तीन सदस्यों वाली सलाहकार समिति :

रिजर्व बैंक द्वारा डिफॉल्ट की आशंका को देखते हुए 20 नवंबर को DHFL के बोर्ड को अमान्य करार दे दिया गया था, इतना ही नहीं RBI द्वारा DHFL का नया एडमिनिस्ट्रेटर इंडियन ओवरसीज बैंक के पूर्व चेयरमैन आर. सुब्रमण्यकुमार को नियुक्त कर दिया गया था। इसके अलावा 22 नवंबर को RBI ने एक समिति गठित की जो, तीन सदस्यों वाली सलाहकार समिति है। इस समिति में IDFC फर्स्ट बैंक के नॉन-एक्जीक्यूटिव चेयरमैन राजीव लाल, ICICI प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस के MD एन.एस. कन्नन और म्यूचुअल फंडों की संस्था एम्फी के CEO एन.एस. वेंकटेश को शामिल किया गया। इस समिति का कार्य दिवालिया प्रोसेस के दौरान DHFL के कार्यो में सुब्रमण्यकुमार की मदद करना है।

DHFL का कर्ज :

फिलहाल DHFL के वित्तीय परिणाम 25 नवंबर को जारी होने वाले थे, जिसे कंपनी ने जारी करने से रोक दिया है। वहीं DHFL पर 83,873 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है, जो बैंकों, NHBs, म्यूचुअल फंडों और बॉन्ड धारकों का कर्ज है। इस कर्ज की रकम में से 74,054 करोड़ के कर्ज सिक्योर्ड और 9,818 करोड़ रुपए के कर्ज अनसिक्योर्ड थे। उधर DHFL को कर्ज देने वाली संस्थाएं कंपनी में 51 फीसदी हिस्सेदारी लेने का विचार बना रही हैं। हालांकि इस बात की कोई पुष्टि नहीं हुई है।

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