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आईटी मंत्रालय ने महादेव बेटिंग ऐप समेत 'अवैध' कार्यों में लिप्त 22 ऐप-वेबसाइट्स को ब्लॉक किया

इलेक्ट्रॉनिक्स-इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री ने छत्तीसगढ़ के महादेव बेटिंग ऐप समेत अवैध रूप से संचालित 22 ऐप्स और वेबसाइट को ब्लॉक करने का निर्देश दिया है।

हाईलाइट्स

  • प्रवर्तन निदेशालय के अनुरोध के बाद आईटी मंत्रालय ने ऐप्स के विरुद्ध की यह कार्रवाई

  • ईडी की जांच में आया महादेव ऐप के संचालकों ने सीएम भूपेश बघेल को भेजे 508 करोड़

  • महादेव बेटिंग ऐप के मालिक मनी लॉन्ड्रिंग केस में फिलहाल गिरफ्तार होकर जेल में हैं

राज एक्सप्रेस। इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री ने रविवार को छत्तीसगढ़ के महादेव बेटिंग ऐप समेत अवैध रूप से संचालित किए जा रहे 22 बेटिंग ऐप और वेबसाइट को ब्लॉक करने का निर्देश दिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच मे्ं महादेव बुकिंग ऐप द्वारा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अवैध रूप से 508 करोड़ रुपये दिए जाने की बात सामने आने के बाद आईटी मंत्रालय ने यह कार्रवाई की है। जिन ऐप्स पर कार्रवाई की गई है उनमें रेड्डीयान्नाप्रस्टोप्रो ऐप भी शामिल हैं।

आईटी मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि उसने यह कार्रवाई प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अनुरोध पर की है। ईडी लगभग डेढ़ सालों से मनी-लॉन्ड्रिंग केस के सिलसिले में महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप की जांच कर रही है। इसी जांच में नियम विरुद्ध संचालित किए जाने वाले कुछ अन्य ऐप्स की भी जानकारी सामने आई है। आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बतााया कि छत्तीसगढ़ सरकार के पास आईटी एक्ट 69ए के कानूनी प्रावधानों के मुताबिक, किसी वेबसाइट या ऐप को बंद करने का सुझाव देने का अधिकार है।

राजीव चंद्रशेखर ने बताया हालांकि, राज्य सरकार ने ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया गया है। उन्होंने कहा नियमों का उल्लंघन करते हुए अवैध रूप से संचालित किए वाले इन ऐप्स की गतिविधियों की जांच पिछले 1.5 साल से की जा रही है। राजीव चंद्रशेखर ने बताया छत्तीसगढ़ सरकार के पास आईटी एक्ट के सेक्शन 69ए के तहत अवैध गतिविधियों में लिप्त किसी वेबसाइट या ऐप को बंद करने का सुझाव देने का अधिकार है। ज्ञात हो कि महादेव बेटिंग ऐप और ऐसे ही अन्य ऐप ऑनलाइन सट्टेबाजी के ऐप है।

इन ऐप्स पर यूजर्स पोकर, कार्ड गेम्स, चांस गेम्स नाम से लाइव गेम खेलते थे। इसके अलावा ऐप के माध्यम से क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल जैसे खेलों और चुनाव को लेकर बड़े पैमाने पर सट्टेबाजी भी की जाती थी। महादेव बेटिंग ऐप ने अवैध सट्टेबाजी का अपना नेटवर्क छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश में बहुत तेजी से फैलाया था। देखते ही देखते यह प्लेटफार्म सट्टेबाजी की दुनिया में बड़ा नाम बन गया था। ईडी ने अपनी जांच में पाया कि इन ऐप्स की मदद से नियमों का उल्लंघन करते हुए बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां की जा रही हैं।

प्रवर्तन निदेशालय की जांच अचानक भूपेश बघेल की ओर तब मुड़ी जब ईडी ने महादेव बुक ऑनलाइन बेटिंग ऐप सिंडिकेट की जांच के दौरान गुरुवार को छत्तीसगढ़ में एक सर्च ऑपरेशन में 5.39 करोड़ नकद बरामद किए थे। पूछताछ में पकड़े गए कैश कूरियर असीम दास ने खुलासा किया कि यह रकम 'बघेल' के नाम राजनेता को दी जाने वाली थी। इसके पहले ईडी को खुफिया जानकारी मिल चुकी थी कि 7 और 17 नवंबर 2023 को राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर महादेव ऐप के प्रमोटरों द्वारा छत्तीसगढ़ में बड़ी मात्रा में नकदी भेजी जा रही है।

यह जानकारी सामने आने के बाद ईडी ने अन्य ऐप्स की भी सघनता से जांच की और पाया कि वे सभी किसी न किसी रूप में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां करने में जुटे हुए हैं। ईडी की पूछताछ में असीम दास ने स्वीकार किया कि जब्त की गई धनराशि महादेव ऐप प्रमोटरों द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में आगामी चुनाव खर्च के लिए राजनेता 'बघेल जी' को देने की व्यवस्था की गई थी। ईडी ने पूछताछ के दौरान महादेव ऐप के कुछ बेनामी बैंक खाते भी सामने आए, जिनमें बड़ी रकमें जमा हैं। उन्हें अब फ्रीज कर दिया गया है। असीम दास से पूछताछ और उसके पास से बरामद फोन की फोरेंसिक जांच से और शुभम सोनी (महादेव नेटवर्क के उच्च पदस्थ आरोपियों में से एक) द्वारा भेजे गए ईमेल की जांच से पता चला है कि इस मामले में पहले ही कई भुगतान किए जा चुके हैं।

इन ईमेल्स अनुसार महादेव ऐप प्रमोटर्स ने अब तक 508 करोड़ रुपये का भुगतान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को किया है। यह जानकारी सामने आने के बाद रायपुर से लेकर दिल्ली तक राजनीतिक और प्रशासनिक हलके में हड़कंप मच गया। महादेव बुकिंग ऐप के मालिक फिलहाल कस्टडी में हैं। उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया है। ईडी ने अपनी शिकायत में 14 लोगों का जिक्र किया है। इनमें महादेव बुक ऐप के सौरभ चंद्रशेखर, रवि उपप्ल, विकास छपरिया, चंद्रभूषण वर्मा, सतीश चंद्राकर, अनिल दमानी, सुनील दमानी, विशाल आहूजा, धीरज आहूजा, सृजन एसोसिएट्स आदि शामिल हैं। ईडी ने अब अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए अन्य ऑनलाइन बुकिंग ऐप्स की भी जांच शुरू की है। इसका मतलब है कि ऑनलाइन बुकिंग ऐप्स से जुड़े लोगों के विरुद्ध ईडी की कार्रवाई अभी जारी रहने वाली है।

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