ITC बिजनेस के रीस्ट्रक्चरिंग पर कर रही विचार, अगले 3 सालों में करेगी करोड़ों का निवेश

ITC कंपनी रीस्ट्रक्चरिंग पर ध्यान देने को लेकर विचार कर रही है। इस मामले में मैनेजमेंट ने बिजनेस के रीस्ट्रक्चरिंग के लिए माना नहीं किया है। इस मामले में कंपनी के चेयरमैन संजीव पुरी ने जानकारी दी।
ITC बिजनेस के रीस्ट्रक्चरिंग पर कर रही विचार
ITC बिजनेस के रीस्ट्रक्चरिंग पर कर रही विचारSocial Media

राज एक्सप्रेस। आज लगभग हर कंपनी अपने विस्तार के लिए कोई न कोई योजना तैयार करती है या फिर अपनी कंपनी की रीस्ट्रक्चरिंग करती है। जिससे कंपनी आगे बढ़े। वहीं, अब ITC (Imperial Tobacco Company of India Ltd) कंपनी रीस्ट्रक्चरिंग पर ध्यान देने को लेकर विचार कर रही है। इस मामले में मैनेजमेंट ने बिजनेस के रीस्ट्रक्चरिंग के लिए माना नहीं किया है। जबकि, इस मामले में कंपनी के चेयरमैन संजीव पुरी ने अपने विचार रखते हुए जानकारी दी।

ITC चेयरमैन संजीव पुरी ने दी जानकारी :

दरअसल, अब जल्द ही ITC (Imperial Tobacco Company of India Ltd) कंपनी अपने बिजनेस की रीस्ट्रक्चरिंग करेगी। इस मामले में जानकारी देते हुए ITC कंपनी के चेयरमैन संजीव पुरी ने कहा है कि, 'FMCG कारोबार के डीमर्जर और आईटी सब्सिडियरी (IT subsidiary) की लिस्टिंग पर विचार के लिए कंपनी तैयार है। कंपनी कारोबार में विस्तार के लिए अगले 3 सालों में 10,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश करेगी।' साथ ही उन्होंने इन्वेस्टर डे पर FMCG और IT कारोबार में नई कंपनियां खरीदने की कोशिश किए जाने के संकेत भी दिए हैं।

कंपनी की निवेश की योजना :

बताते चलें, ITC कंपनी के चेयरमैन संजीव पुरी द्वारा दिए गए संकेतों को देखते हुए साफ़ समझ आरहा है कि, FMCG और IT कारोबार में नई कंपनियां खरीदने पर विचार कर रही है। जिसके लिए कंपनी अगले 3 साल में 10,000 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। इस रकम का 35-40% हिस्सा FMCG कारोबार के ग्रोथ में खर्च किया जाएगा। जबकि 25-30% हिस्सा पेपरबोर्ड और 10% हिस्सा होटल कारोबार पर खर्च किया जाएगा। इनके अलावा बाकी रकम का निवेश एग्री कारोबार में करने की योजना है। बता दें, कंपनी द्वारा होटल कारोबार के डीमर्जर की योजना रद्द नहीं की गई है। बल्कि कंपनी ने कहा है कि, 'होटल इंडस्ट्री में रिकवरी के बाद डीमर्जर पर काम किया जाएगा। अभी बिजनेस ट्रैवेल कोविड से पहले के सिर्फ 40-50% पर ही आ पाया है। रूम रेंट कोविड से पहले के 70% पर आ गया है। आगे सिगरेट में स्थिर टैक्स की उम्मीद है।'

CLSA का कहना :

CLSA का कहना है कि, 'कंपनी मैनेजमेंट ने कारोबार और मार्जिन विस्तार की स्ट्रैटेजी सामने रखी है। आगे कंपनी कारोबार विस्तार के लिए अधिग्रहण का रास्ता अपना सकती है। तंबाकू सेक्टर के लिए टैक्स का ढांचा पॉजिटिव है। होटल और इंफोटेक कारोबार के रीस्ट्रक्चरिंग का विकल्प भी खुला है। डीमर्जर से FMCG में वैल्यू अनलॉकिंग संभव है।'

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