Koo App स्वैच्छिक सेल्फ-वेरिफिकेशन शुरू करने वाला दुनिया का पहला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म

बहुत कम समय में बहुत ज्यादा पसंद की जा रही स्वदेशी Koo App सभी यूजर्स के लिए स्वैच्छिक सेल्फ-वेरिफिकेशन शुरू करने वाला दुनिया का पहला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बन गया है।
Koo App स्वैच्छिक सेल्फ-वेरिफिकेशन शुरू करने वाला दुनिया का पहला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म
Koo App स्वैच्छिक सेल्फ-वेरिफिकेशन शुरू करने वाला दुनिया का पहला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मSyed Daber Hussain - RE

राज एक्सप्रेस। आज भारत में Koo App एक ऐसी ऐप बन गई है जो बहुत कम समय में बहुत ज्यादा पसंद की जा रही है। इस प्लेटफॉर्म से बहुत कम समय में बहुत बड़े बड़े नेता अभिनेता तक जुड़ गए हैं। इस प्रकार यह लगातार ट्वीटर को टक्कर दे रहा है। इतना ही नहीं भारतीय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कू (Koo App) आजकल हर मामले में आगे नजर आरहा है। चाहे वो अपने यूजर्स को लाइव पूजा-अर्चना के दर्शन करवाने में हो या विधानसभा चुनावों से संबंधित जानकारियां देने में हो। वहीं, अब Koo App सभी यूजर्स के लिए स्वैच्छिक सेल्फ-वेरिफिकेशन शुरू करने वाला दुनिया का पहला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बन गया है।

सेल्फ-वेरिफिकेशन शुरू करने वाला पहला प्लेटफॉर्म :

जी हां, Koo App अपने कुछ नहीं बल्कि सभी यूजर्स के लिए स्वैच्छिक सेल्फ-वेरिफिकेशन शुरू करने वाला दुनिया का पहला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बन गया है। इस प्रकार आप अपने वेरिफाइड अकाउंट को सिद्ध कर सकते हो और इस प्रकार अपना सेल्फ-वेरिफिकेशन भी कर सकते हो। इस प्रकार Koo सेल्फ-वेरिफिकेशन शुरू करने वाला न केवल भारत का बल्कि दुनिया का पहला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बन गया है। जान लें क्या है स्वैच्छिक सेल्फ-वेरिफिकेशन -

  • यूजर की प्रोफ़ाइल पर हरे रंग के टिक के रूप में दिया जाता है स्वैच्छिक सेल्फ-वेरिफिकेशन

  • यह फीचर हर यूजर के सत्यापन के साथ यूजर्स के बीच विश्वसनीयता और भरोसा बढ़ाने में सशक्त बनाएगा

  • Koo App सोशल मीडिया पर पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए मध्यवर्ती दिशानिर्देशों के नियम 4 (7) का पालन करने वाला पहला 'महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यवर्ती’ बन गया है।

सह-संस्थापक और CEO ने बताया :

Koo App के सह-संस्थापक और CEO अप्रमेय राधाकृष्ण ने कहा, “सोशल मीडिया पर विश्वास और सुरक्षा को बढ़ावा देने में Koo App सबसे आगे है। स्वैच्छिक सेल्फ-वेरिफिकेशन प्रणाली शुरू करने वाला दुनिया का पहला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म होने पर हमें बहुत गर्व है। यूजर्स हमारी सुरक्षित सत्यापन प्रक्रिया के माध्यम से कुछ सेकेंड में सेल्फ-वेरिफिकेशन हासिल कर सकते हैं। यह यूजर्स को अधिक प्रामाणिकता देने और प्लेटफॉर्म पर जिम्मेदार व्यवहार को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अधिकांश सोशल मीडिया मंच यह ताकत केवल कुछ खातों को देते हैं। Koo App ऐसा पहला मंच है जिसने अब हर यूजर को समान विशेषाधिकार प्राप्त करने का अधिकार दिया है।"

स्वैच्छिक सेल्फ-वेरिफिकेशन से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न :

Q

क्या Koo App यूजर की कोई जानकारी स्टोर करता है?

A

नहीं, Koo App यूजर से संबंधित कोई भी जानकारी स्टोर नहीं करता है। सरकार द्वारा स्वीकृत थर्ड पार्टी की सेवा का इस्तेमाल जानकारी के सत्यापन के लिए किया जाता है।

Q

क्या प्रमाणीकरण के बाद मेरे पहचान पत्र का विवरण Koo App पर दिखाई देता है?

A

नहीं, इसका इस्तेमाल केवल यूजर्स की सत्यता को प्रमाणित करने के लिए किया जाता है।

Q

क्या अन्य यूजर्स को मेरे नाम और पहचान पत्र की जानकारी प्राप्त होगी?

A

नहीं। यूजर के प्रोफाइल पर विवरण वही रहता है जो सत्यापन से पहले हुआ करता था।

Q

क्या Koo App पर सरकार द्वारा स्वीकृत पहचान पत्र की जानकारी दर्ज करना सुरक्षित है?

A

हां। Koo App पर स्वैच्छिक सेल्फ-वेरिफिकशन प्रक्रिया सुरक्षित है। यह सत्यापन प्रक्रिया सरकार द्वारा अधिकृत थर्ड-पार्टी द्वारा की जाती है। Koo App यूजर्स के डेटा को स्टोर नहीं करता है।

Q

यूजर को ऐसा क्यों करना चाहिए?

A

एक यूजर जो अपनी प्रोफ़ाइल को वेरिफाई करता है, उसकी पहचान एक प्रामाणिक यूजर के रूप में की जाती है, जो बदले में उनके विचारों और राय को अधिक विश्वसनीयता प्रदान करता है। स्वैच्छिक सेल्फ-वेरिफिकेशन, मंच पर असल आवाजों को बढ़ावा देता है। यह उन्हें सत्यापन का वही विशेषाधिकार भी देता है जो अन्य सोशल मीडिया पर केवल कुछ प्रतिष्ठित खातों के लिए उपलब्ध था।

Koo App की लॉन्चिंग :

Koo App की लॉन्चिंग मार्च 2020 में भारतीय भाषाओं के एक बहुभाषी, माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म के रूप में की गई थी, ताकि भारतीयों को अपनी मातृभाषा में अभिव्यक्ति करने में सक्षम किया जा सके। Koo App ने भाषा-आधारित माइक्रो-ब्लॉगिंग में नया बदलाव किया है। Koo App फिलहाल हिंदी, मराठी, गुजराती, पंजाबी, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, असमिया, बंगाली और अंग्रेजी समेत 10 भाषाओं में उपलब्ध है। Koo App भारतीयों को अपनी पसंद की भाषा में विचारों को साझा करने और स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्ति के लिए सशक्त बनाकर उनकी आवाज को लोकतांत्रिक बनाता है। मंच की एक अद्भुत विशेषता अनुवाद की है जो मूल टेक्स्ट से जुड़े संदर्भ और भाव को बनाए रखते हुए यूजर्स को रीयल टाइम में कई भाषाओं में अनुवाद कर अपना संदेश भेजने में सक्षम बनाती है, जो यूजर्स की पहुंच को बढ़ाता है और प्लेटफ़ॉर्म पर सक्रियता तेज़ करता है। प्लेटफॉर्म 3 करोड़ डाउनलोड का मील का पत्थर छू चुका है और राजनीति, खेल, मीडिया, मनोरंजन, आध्यात्मिकता, कला और संस्कृति के 7,000 से ज्यादा प्रतिष्ठित व्यक्ति अपनी मूल भाषा में दर्शकों से जुड़ने के लिए सक्रिय रूप से मंच का लाभ उठाते हैं।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com