विदेशी मुद्रा भंडार पंहुचा 589 अरब डॉलर के पार, स्वर्ण भंडार में भी आई तेजी

यदि विदेशी मुद्रा परिस्थितियों में बढ़त दर्ज की जाती है तो, कुल विदेशी विनिमय भंडार में भी बढ़त दर्ज होती है। इस बार दर्ज की गई बढ़त के बाद विदेशी मुद्रा भंडार 589 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है।
विदेशी मुद्रा भंडार पंहुचा 589 अरब डॉलर के पार, स्वर्ण भंडार में भी आई तेजी
विदेशी मुद्रा भंडार पंहुचा 589 अरब डॉलर के पार, स्वर्ण भंडार में भी आई तेजीSyed Dabeer Hussain - RE

राज एक्सप्रेस। देश में जितना भी विदेशी मुद्रा भंडार जमा होता है, उसके आंकड़े समय-समय पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए जाते हैं। वहीं, अब RBI ने एक बार फिर नए आंकड़े जारी कर दिए हैं। जिनके अनुसार, देश के विदेशी मुद्रा भंडार (IMF) में बढ़त दर्ज की जा रही है। इतना ही नहीं इसके साथ ही देश के स्वर्ण भंडार की कीमत में भी बढ़त दर्ज की गई है। बता दें, यदि विदेशी मुद्रा परिस्थितियों में बढ़त दर्ज की जाती है तो, कुल विदेशी विनिमय भंडार में भी बढ़त दर्ज होती है। इस बार दर्ज की गई बढ़त के बाद विदेशी मुद्रा भंडार 589 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है।

RBI के ताजा आंकड़े :

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 7 मई को समाप्त सप्ताह में 1.444 अरब डॉलर बढ़कर 589.465 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। जबकि, पिछले समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 3.913 अरब डॉलर बढ़कर 588.02 डॉलर और उससे पहले तक के समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का यह आंकड़ा 4.344 अरब डॉलर बढ़कर 581.213 अरब डॉलर रह गया था। RBI के आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन अवधि में विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (FCA) के घटने के चलते मुद्रा भंडार में गिरावट दर्ज की गई है। विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी मुद्रा भंडार का एक अहम भाग मानी जाती है। इसके अलावा 29 जनवरी 2021 को समाप्त सप्ताह में मुद्रा भंडार 590.185 अरब डॉलर के रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था।

आंकड़ों के अनुसार FCA :

रिजर्व बैंक (RBI) के साप्ताहिक आंकड़ों पर नजर डालें तो, विदेशीमुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा होती हैं। बता दें, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में वृद्धि होने की वजह से मुद्रा भंडार में बढ़त दर्ज की गई है। इस प्रकार समीक्षाधीन अवधि में 7 मई 2021 को समाप्त समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (FCA) 43.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 546.493 अरब डॉलर पर पहुंच गया। बता दें, FCA को डॉलर में दर्शाया जाता है, लेकिन इसमें यूरो, पौंड और येन जैसी अन्य विदेशी मुद्रा सम्पत्ति भी शामिल होती हैं।

गोल्ड रिजर्व की वैल्यू :

बताते चलें, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी तजा आंकड़ों के अनुसार, भारत के गोल्ड रिजर्व की वैल्यू में भी बढ़त दर्ज की गई है। पिछले सप्ताह से लगातार बढ़त दर्ज करते हुए अब गोल्ड रिजर्व की वैल्यू 1.016 अरब डॉलर बढ़कर 36.48 अरब डॉलर पर आ पहुंची है। इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) में देश का स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (SDR) 40 लाख डॉलर बढ़कर 1.503 अरब डॉलर हो गया। जबकि IMF के पास आरक्षित मुद्रा भंडार 10 लाख डॉलर बढ़कर 4.989 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।

बीते छह महीने का आंकड़ा :

बताते चलें, देश का विदेशी मुद्रा भंडार बीते छह महीने में 31 मार्च 2021 तक बढ़कर 576.98 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जबकि यह आंकड़ा पिछले साल सितंबर के अंत में 544.69 अरब डॉलर पर था। इसके अलावा कुल मुद्रा भंडार का एक मुख्य हिस्सा यानी विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति (FCA), मार्च 2021 के अंत में बढ़कर 536.693 अरब डॉलर पर पहुंच गया। जो सितंबर, 2020 में 502.162 अरब डॉलर पर था।

क्या है विदेशी मुद्रा भंडार ?

विदेशी मुद्रा भंडार देश के रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, जिनका उपयोग जरूरत पड़ने पर देनदारियों का भुगतान करने में किया जाता है। पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। इसका उपयोग आयात को समर्थन देने के लिए आर्थिक संकट की स्थिति में भी किया जाता है। कई लोगों को विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी का मतलब नहीं पता होगा तो, हम उन्हें बता दें, किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी अच्छी बात होती है। इसमें करंसी के तौर पर ज्यादातर डॉलर होता है यानि डॉलर के आधार पर ही दुनियाभर में कारोबार किया जाता है। बता दें, इसमें IMF में विदेशी मुद्रा असेट्स, स्वर्ण भंडार और अन्य रिजर्व शामिल होते हैं, जिनमें से विदेशी मुद्रा असेट्स सोने के बाद सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं।

विदेशी मुद्रा भंडार के फायदे :

  • विदेशी मुद्रा भंडार से एक साल से अधिक के आयात खर्च की पूर्ति आसानी से की जा सकती है।

  • अच्छा विदेशी मुद्रा आरक्षित रखने वाला देश विदेशी व्यापार का अच्छा हिस्सा आकर्षित करता है।

  • यदि भारत के पास भुगतान के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा उपलब्ध है तो, सरकार जरूरी सैन्य सामान की तत्काल खरीदी का निर्णय ले सकती है।

  • विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता को कम करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार की प्रभाव पूर्ण भूमिका होती है।

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