UP : को-ऑपरेटिव बैंक के 10 अधिकारी निलंबित
UP : को-ऑपरेटिव बैंक के 10 अधिकारी निलंबितSocial Media

UP : को-ऑपरेटिव बैंक की पर्सनल जानकारी साझा कर फ्रॉड करने वाले 10 अधिकारी निलंबित

लखनऊ स्थित कोऑपरेटिव बैंक के मुख्यालय से कर्मचारी ने बैंक की पर्सनल जानकारी साझा कर फ्रॉड की वारदात को अंजाम दिया। मामले में 10 अफसरों व कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है।

उत्तर प्रदेश, भारत। आपने वो कहावत तो सुनी ही होगी 'घर का भेदी लंका ढाए'।ऐसा ही कुछ हुआ है उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित कोऑपरेटिव बैंक के मुख्यालय के साथ। यहां, बैंक के कर्मचारियों ने ही साइबर क्राइम करने वालों के साथ मिलकर करोड़ो की रकम पार लगा दी। इस मामले के तहत कर्मचारी ने बैंक की पर्सनल जानकारी साझा कर इस वारदात को अंजाम दिया। इस मामले में 10 अफसरों व कर्मचारियों को निलंबित भी कर दिया गया है।

क्या है मामला ?

दरअसल, उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित ऑपरेटिव बैंक के मुख्यालय से साइबर क्राइम करने वालों का कर्मचारियों के साथ मिलकर बैंक फ्रॉड करने का एक मामला समाने आया है। इस मामले के तहत ठगी की वारदात करने वालों ने bank के कुछ कर्मचियों से बैंक का डाटा हासिल कर 146 करोड़ रुपये की रकम उड़ा ली। इस मामले में ठगों ने यह रकम हासिल करने के लिए पूर्व बैंक प्रबंधक आरएस दुबे और उनके एक साथी की मदद ली थी। उन्होंने इनकी मदद से प्रबंधक व कैशियर का यूजर आईडी व पासवर्ड प्राप्त किया और रकम ट्रांसफर कर ली। मंगलवार को जब इस मामले का खुलासा हुआ तब बैंक के महाप्रबंधक सहित 10 अफसरों व कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।

मुख्य आरोपी के तौर पर सामने आया इनका नाम :

बताते चलें, फ्रॉड की इस वारदात को अंजाम देने के मामले में मुख्य आरोपी के तौर पर आरएस दुबे, सुरक्षा गार्ड शैलेंद्र कुमार का नाम सामने आया है। जिसके चलते इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि, इस पूरी रकम को फिलहाल फ्रीज कर दिया गया है। इस मामले में कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है। साथ ही इस मामले की जानकारी देते हुए महाप्रबंधक वीएन मिश्रा ने बताया है कि, 'बैंक से यह रकम 15 अक्टूबर को दोपहर तीन बजे जिला सहकारी बैंकों के सात खातों से आठ बार में ट्रांसफर की गई। इसमें से 72 करोड़ रुपये ICICI और HDFC बैंक लखनऊ के खातों में RTGS के माध्यम से ट्रांसफर किए गए।'

16 अक्टूबर को हुआ मामला दर्ज :

बताते चलें, इस मामले में 16 अक्टूबर को साइबर क्राइम थाने में FIR दर्ज कराई गई। यब इस मामले में जांच शुरू हुई और साइबर थाने व साइबर मुख्यालय की टीम को बैंक के कर्मचारियों की मदद से ही फ्रॉड होने की भनक लगी। तब जांच में पता चला कि, उनका शक सही है और बैंक के कर्मचारी मामले में मिले हुए हैं। DIG साइबर क्राइम मुख्यालय एन कोलांची द्वारा बैंक का निरीक्षण किया गया सत्रह ही अफसरों व कर्मचारियों से पूछताछ की गई। इसके बाद कुछ कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया गया।

महाप्रबंधक ने बताया :

महाप्रबंधक ने बताया कि, 'मामले की विभागीय जांच शुरू हो गई है। सुरक्षा एजेंसी मेसर्स स्टैंडर्ड-वे इंटेलीजेंस सिक्योरिटी सर्विसेज प्रा. लि. को काली सूची में डालने की कार्यवाही की जा रही है। बैंक की आईटी सेल के प्रभारी अतुल कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि रकम बैंक कर्मचारी विकास पांडेय और प्रबंधक मेवालाल की आईडी से ट्रांसफर किया गया। हालांकि इन लोगों ने इस तरह से पैसे के लेन-देन से इनकार किया है।' इस मामले का खुलासा होने के बाद 10 जिन कर्मचारियों को निलंबित किया गया है उनके नाम इस प्रकार हैं।

  • अशोक कुमार, महाप्रबंधक (एनएडी)

  • केडी पाठक, महाप्रबंधक (वित्त)

  • राजनाथ सिंह, उप महाप्रबंधक (एनएडी)

  • ध्रुवराज, सेक्शन ऑफिसर

  • विवेक सिंह, सहायक महाप्रबंधक (वित्त)

  • मेवालाल, प्रबंधक (एनएडी)

  • अजय कुमार, सहायक प्रबंधक (आरटीजीएस सेल)

  • विकास पांडेय, सहायक/कैशियर

  • विजय बहादुर मौर्य, गार्ड

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

Related Stories

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com